बीपीओ होंगे स्मार्ट, पब्लिक से जोड़ेंगे नाता
- वेरीफिकेशन से लेकर क्रिमिनल सर्विलांस तक की जिम्मेदारी
- पीपुल ओरियंटेड पुलिसिंग को बढ़ावा देने की हो रही पहल - क्रिएटिव रिलीज, डिजिटली हर बिंदु की रखेंगे जानकारी GORAKHPUR: जोन की पुलिसिंग को स्मार्ट बनाने के लिए एडीजी अखिल कुमार ने पहल की है। मोहल्ले में गश्त करने वाले कांस्टेबल अब बीट कांस्टेबल अफसर के नाम से जाने जाएंगे। मोहल्ले में उनकी अलग पहचान होगी। एक तरफ बीट में जाकर वह पब्लिक से जान पहचान बढ़ाएंगे तो दूसरी तरफ क्रिमिनल की निगरानी की जिम्मेदारी निभाएंगे। शुक्रवार को जोन आफिस में क्रिएटिव रिलीज करते हुए एडीजी ने कहा, पब्लिक फ्रेंडली पुलिसिंग और क्राइम कंट्रोल के लिए बीपीओ की भूमिका अहम होगी। बीपीओ पर वेरीफिकेशन से लेकर क्रिमिनल सर्विलांस तक की जिम्मेदारी होगी। इसके जरिए पीपुल ओरियंटेड पुलिसिंग को बढ़ावा देने की पहल की जा रही है । जिले में हुई शुरुआत, थाना-थाना हुए प्रोग्रामबीट पुलिसिंग की व्यवस्था पहले से डिपार्टमेंट में है, लेकिन यह व्यवस्था सिर्फ गश्त तक सिमट कर रह गई थी। बीट पर आने वाले कांस्टेबल कौन हैं, उनकी क्या-क्या जिम्मेदारी है। सूचना देने के लिए उन तक कैसे पहुंचा जाए। इन सब बातों को लेकर पब्लिक काफी परेशान रहती थी। इसलिए ऐसी व्यवस्था बनाई गई, जिसके जरिए लोग पुलिस से सीधे जुड़ सकें। एडीजी अखिल कुमार ने इसकी व्यवस्था लागू करने का निर्देश दिया। शुक्रवार को एडीजी जोन आफिस से लेकर पुलिस लाइन और थानों में बीपीओ क्रिएटिव लांच किया गया। पुलिस लाइन में एसएसपी दिनेश कुमार पी ने क्रिएटिव लांच किया।
इन जिम्मेदारियों का करेंगे निर्वहन - मोहल्लों में बीटवार कांस्टेबल नियुक्त किए जाएंगे। - बीट कांस्टेबल के मोबाइल नंबर और नाम सरकारी स्कूलों, स्थानों पर अंकित किए जाएंगे। - बीट कांस्टेबल को बीट पुलिस ऑफिसर का नाम देते हुए इनकी भूमिका में बदलाव किया गया है। - बीट पुलिस अधिकारी गश्त के साथ-साथ पब्लिक के साथ जान-पहचान बढ़ाकर काम करेंगे। - अप्लीकेशन का वेरीफिकेशन, सीआरपीसी की कार्रवाई के तहत किसी को पाबंद करने की प्रक्रिया पूरी करेंगे। - कैरेक्टर वेरीफिकेशन सहित अन्य दस्तावेजों की समय से जांच पूरी करेंगे। - बीट एरिया में रहने वाले हिस्ट्रीशीटर, माफिया और गैंगेस्टर के बारे में सूचना अपडेट करेंगे। - एरिया में रहने वालों के बीच अपना वाट्सएप ग्रुप बनाकर अधिक से अधिक लोगों को जोड़ेंगे। - छोटी से छोटी सूचना पर काम करते हुए उसका फिजिकल वेरीफिकेशन करके थानेदार को बताएंगे।- प्राइमरी स्कूल और पंचायत भवनों पर बीपीओ का नाम और मोबाइल नंबर अंकित होगा।
- पुलिस के यूपी कॉप एप, त्रिनेत्र और प्रहरी एप के जरिए डिजिटली वर्क करेंगे। - महिला बीपीओ महिलाओं के बीच जाकर उनसे कोआर्डिनेशन स्थापित करेंगी। - अपने बीट की हर गतिविधि को नोट करेंगे। मोहल्ले में चौपाल भी लगाएंगे।