- आवश्यक कागजातों के अभाव लग गई डेट

- कचहरी में जाने को आतुर रहे अधिवक्ता

लॉकडाउन के बीच पहले दिन शुक्रवार को सिविल कोर्ट ओपेन हुआ। पहले दिन सुनवाई के लिए 49 जमानत एप्लीकेशन लगे। लेकिन आवश्यक पपत्रों के अभाव में जमानत प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई नहीं हो सकी। पूर्व निर्धारित केसेज के आधार पर वर्चुअल कोर्ट रूम में संबंधित अधिवक्ता ही उपस्थित हो सके। कचहरी खुलने की सूचना पर तमाम वकील कैंपस के गेट पर पहुंच गए। कुछ अभियुक्तों के परिजन भी कचहरी के बाहर नजर आए। कोरोना के संक्रमण को देखते हुए कचहरी में अन्य किसी की इंट्री नहीं हो सकी। सिर्फ उन्हीं अधिवक्ताओं को भीतर जाने की इजाजत मिली जिनके मामलों की सुनवाई तय थी। कचहरी गेट पर भीड़ रोकने के लिए कैंट पुलिस की टीम मौजूद रही। भीतर सुरक्षा में लगे पुलिस कर्मचारी लोगों को माइक से जानकारी देते रहे।

49 मामलों की डेट, पहुंचे दो सौ से अधिक वकील

लॉकडाउन में कचहरी खुलने पर पहले दिन कुल 49 जमानत प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई की तारीख तय थी। मुकदमे के पक्षकार अधिवक्ताओं के मोबाइल पर मैसेज भेजकर इसकी सूचना दे दी गई थी। सुनवाई के लिए सुबह साढ़े 11 बजे से लेकर दोपहर डेढ़ बजे तक का समय दिया गया। लेकिन पहले दिन लंबित जमानत प्रार्थना पत्रों पर कोई सुनवाई नहीं हो सकी। अधिवक्ताओं का कहना है कि जिन मुकदमों की सुनवाई होनी थी। उनसे संबंधित कई पपत्र थानों से नहीं पहुंच सके थे। किसी मुकदमे में केस डायरी का अभाव था तो किसी में अन्य कागजात की कमी से सभी मामले अगले डेट के लिए टल गए। शुक्रवार को जहां सिर्फ 49 जमानत प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई होनी थी। वहीं करीब दो सौ से अधिक एडवोकेट्स कचहरी पहुंच गए। कैंट थाना गेट की तरफ से ही वकीलों को अंदर जाने दिया जा रहा था। इसलिए शुरुआत में अचानक भीड़ हो गई। बाद में जब लोगों को पता लगा कि सिर्फ सुनवाई से संबंधित अधिवक्ता ही जा सकेंगे तो धीरे-धीरे सभी लौट गए।

इन मामलों में लगी जमानत की सुनवाई

मर्डर, लूट, रेप, अपहरण और रेप, मर्डर की कोशिश, गैर इरादतन हत्या, आत्महत्या के लिए उकसाना, दहेज उत्पीड़न, रेलवे एक्ट और अन्य

यह है निर्देश

न्यायालय परिसर में वादकारी का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित रहेगा।

मुकदमों की सुनवाई से संबंधित अधिवक्ता ही प्रवेश पा सकेंगे।

सभी लोगों को व्यक्तिगत दूरी, मॉस्क और सेनेटाइजर का यूज करना होगा।

ई मेल से दाखिल करें जमानत अर्जी

कोर्ट में ईमेल के जरिए जमानत अर्जी दाखिल करने की व्यवस्था बनी है। अति आवश्यक मामलों में ई मेल के जरिए ही वाद दाखिल करने और प्रार्थना पत्र देने की सुविधा होगी। इसके लिए जनपद न्यायाधीश गोविंद बल्लभ शर्मा ने ई-मेल आईडी जारी की है। इस मेल आईडी से अधिवक्ता अपने क्लाइंट के जमानत प्रार्थना पत्र, अग्रिम जमानत एप्लीकेशन के साथ लिखिल बहस भी दाखिल कर सकते हैं। अपने एप्लीकेशन की कॉजलिस्ट और टाइम स्लॉट की जानकारी के लिए 9415858767 पर फौजदारी लिपिक निर्भय मिश्रा और सीजेएम ऑफिस के वरिष्ठ सहायक शिरीष शर्मा से 9450678363 पर अधिवक्ता संपर्क कर सकते हैं।

जिन जमानत प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई होनी थी। उनसे संबंधित पपत्रों के अभाव में सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। लेकिन कचहरी खुलने की दिशा में यह एक सकारात्मक कदम है।

धर्मेद्र मिश्र, एडवोकेट

कचहरी में जिनका काम नहीं है। उनको वहां जाने से पूरी तरह से परहेज करना चाहिए। अनावश्यक भीड़ जुटने से कोरोना का संक्रमण फैलने का खतरा रहेगा। इसलिए सभी लोगों को इस पर ध्यान देना चाहिए।

अजय शुक्ला, मंत्री, बार एसोसिएशन, सिविल कोर्ट

Posted By: Inextlive