- लेवल 2 और 3 में भर्ती सीरियस मरीजों के इलाज में लापरवाही से परेशान हैं परिजन

गोरखपुर में बढ़ते कोरोना केसेज के साथ अस्पतालों की व्यवस्था चरमराने लगी है। चाहे माननीय हो या फिर आम आदमी, हर कोई गोरखपुर के स्वास्थ्य विभाग की सुविधा पर सवाल उठा रहा है। कोई सोशल मीडिया पर गुहार लगा रहा है तो कोई अपने परिचितों से मदद मांग रहा है। टीबी अस्पताल के डॉक्टर और नर्स पर तो इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लग चुका है। रेलवे अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड की दु‌र्व्यवस्था को लेकर बार-बार मरीज आवाज उठा रहे हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।

टीबी अस्पताल में घर से मंगा रहे दवा

टीबी अस्पताल में एडमिट पिपराइच विधानसभा क्षेत्र के आईटी प्रभारी गुड्डू ने सोशल मीडिया पर अपने दर्द को शेयर किया है। लिखा है पिछले कई दिनों से बुखार से पीडि़त हूं। टीबी अस्पताल में पांच दिनों से पैरासिटामॉल मांग रहा हूं, लेकिन नहीं मिल रहा। घर फोन कर दवा मंगाना पड़ा। अस्पताल में मरीजों के साथ पशुओं से भी बुरा व्यवहार किया जा रहा है। टॉयलेट एवं वास वेसिंग की हालत बहुत खराब है। पिछले 10 दिनों से सफाई नहीं हुई। मरीजों को गरम पानी कौन कहे, सादा पानी तक नहीं दिया जा रहा है।

इलाज तो दूर पानी तक नहीं मिला

डीडीयूजीयू के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ। महेंद्र राय रेलवे अस्पताल में एडमिट हैं। उनके शुभचिंतकों ने सोशल मीडिया पर दु‌र्व्यवस्था की बात करते हुए मदद की गुजारिश की है। लिखा है कि कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद उनके घर तक एंबुलेंस नहीं आई। वे खुद पैदल चलकर एंबुलेंस में बैठने आधा किमी दूर गए। रेलवे हॉस्पिटल पहुंचने पर इलाज में किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिली। जबकि उन्होंने चेस्ट एक्स-रे और ब्लड टेस्ट कराने की व्यवस्था की गुजारिश की है। वार्ड ब्वॉय एक बार उनका बीपी चेक कर गया। उसके बाद उनको एक ग्लास पानी तक कोई नहीं पूछने नहीं आया। भोजन, डॉक्टर व जांच तो दूर की बात है।

वर्जन

टीबी अस्पताल और रेलवे आइसोलेशन वार्ड में जो भी दिक्कत आ रही है। उसे दूर कराया जा रहा है। लेकिन जिस तरह की लापरवाही सामने आई है। वह बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

डॉ। श्रीकांत तिवारी, सीएमओ

Posted By: Inextlive