-57 जिलों में चलेगा अभियान, स्वास्थ्य विभाग की टीम जाकर खिलाएगी वर्म की दवा

-एल्बेंडाजाल (कीड़े मारने की दवा) आपके बच्चों के लिए सुरक्षित है, बेहिचक खिलवाएं दवाई

-एक से 19 साल के सभी स्टूडेंट्स और स्कूल न जाने वाले बच्चों को फ्री ऑफ कॉस्ट दवा खिलवाएगा स्वास्थ्य विभाग

GORAKHPUR: बच्चों के पेट में पड़ने वाले कीड़े से अब स्वास्थ्य महकमा अभियान चलाकर निपटेगा। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस से इस मुहिम की शुरुआत होगी। सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी ने बताया कि इस अभियान में एक से 19 साल तक के बच्चों को एल्बेंडाजाल टेबलेट खिलाई जाएगी। बताया कि यह दवा हर बच्चे के लिए सेफ है और पेरेंट्स बेहिचक इस दवा को खिला सकते हैं। दवाएं ट्रेंन टीचर्स, डॉक्टर्स या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के सामने ही खिलाई जाएगी। किसी को भी घर ले जाकर दवा खाने की इजाजत नहीं होगी।

सीएमओ ने बताया कि जिन बच्चों के पेट में ज्यादा कीड़े होते हैं, उन्हें दवा खाने पर मिचली, चक्कर आना या घबराहट जैसे सिंप्टम सामने आ सकते हैं, ऐसी कंडीशन से निपटने के लिए भी नजदीकी हेल्थ सेंटर्स अलर्ट रहेंगे। इससे घबराने की जरूरत नहीं है, बच्चा थोड़ी देर में ठीक हो जाता है।

30 से मॉपअप राउंड

उन्होंने बताया कि एक से पांच साल तक के बच्चे आंगनबाड़ी सेंटर्स में, 6 से 19 साल तक के बच्चे अपने-अपने स्कूलों में यह दवा खाएंगे। जो बच्चे स्कूलों में नहीं जाते हैं, उनके पेरेंट्स को मोटीवेट कर आशा कार्यकर्ता उन बच्चों को आंगनबड़ी सेंटर्स तक जाएंगी, जहां उन्हें दवा खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि 30 अगस्त से 04 सितंबर तक मॉपअप राउंड चलेगा और एक-एक बच्चे को मीजल्स-रूबेला (एमआर) कैंपेन की तर्ज पर कृमि नाशक दवा खिलाई जाएगी। नोडल व अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ। नंद कुमार ने बताया कि प्रोग्राम की शुरुआत खोराबार स्थित पीएचसी से की जाएगी, जिसे सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी शुरू करेंगे। सभी गवर्नमेंट हेल्थ सेंटर्स के अधीक्षक व प्रभारी चिकित्साधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के एक-एक स्कूल पर जाएंगे और वहां अभियान में शामिल होंगे।

मंगवाई गई हैं 16.50 लाख दवाइयां

गोरखपुर में इस बार 15.49 लाख बच्चों को दवा खिलाने का टारगेट तय किया गया है। डिपार्टमेंट ने 16.50 लाख एल्बेंडाजाल गोलियों का प्रबंध किया है। किसी भी बीमार बच्चे को यह दवा खिलाने से मना किया गया है। ऐसे बच्चों को दवा तभी खिलायी जाए जब वह स्वस्थ हो जाएं। पहली बार इस अभियान में पॉलीटेक्निक, आईटीआई और पैरामेडिकल के स्टूडेंट्स को भी दवा खिलाई जाएगी। सभी चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि अगर दवा खिलाने के बाद किसी बच्चे को कोई दिक्कत हो तो तुरंत स्कूल या आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचे और हर तरह की मदद करें। मौके पर जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी ओपीजी राव, डीएमओ डॉ। एके पांडेय, उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी सुनीता पटेल, जिला प्रोग्राम प्रबंधक पंकज आनंद, डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय, एविडेंस एक्शन से आशुतोष मिश्र, शहरी स्वास्थ्य समन्वयक सुरेश सिंह चौहान, डॉ। मुस्तफा खान, मनीष तिवारी और संदीप राय प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

ऐसे होते हैं शिकार

- नंगे पैर घूमने व खेलने से

- हाथ धोए बिना खाना खाने से

- खुले में शौच करने से

- शौच करने के बाद हाथ न धोने से

- फल-सब्जियों को बिना धोए खाने से

- खाना बिना ढके खाने से

यह भी जानिए

- वर्म मनुष्य की आंत में रहते है जो उसके शरीर से पोषक तत्व व खून चूसते हैं।

- इनकी बहुलता होने पर दस्त, पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख की कमी होती है।

- इनसे खून की कमी हो जाती है और शारीरिक विकास पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

- राउंड वर्म आंत से विटामिन ए का अवशोषण कर लेते हैं, जिससे पीडि़त कुपोषण का शिकार हो जाता है।

बढ़ा है लक्ष्य -

- पिछले वर्ष 11.53 लाख बच्चों को कीड़े मारने की दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया था।

- इस बार 8.33 लाख स्कूली बच्चों, 4.79 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों पर रजिस्टर्ड बच्चों और 2.46 लाख स्कूल न जाने वाले बच्चों को दवा खिलाने की तैयारी है।

- अभियान में स्वास्थ्य विभाग, महिला व बाल विकास विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग, पंचायती राज विभाग, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन, प्राविधिक शिक्षा, उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टी, स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम), एविडेंस एक्शन सक्रिय योगदान दे रहे हैं।

- प्रदेश के 57 जनपदों में यह अभियान चलेगा, जिनमें गोरखपुर भी शामिल है।

- अभियान को सफल बनाने के लिए 5063 टीचर्स, 3808 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, 4039 आशा और एएनएम को ट्रेनिंग दी जा चुकी है।

Posted By: Inextlive