Gorakhpur News : नौ दिन चला पुलिस का हंटर, 107 बदमाश पहुंचे जेल के अंदर
गोरखपुर (अनुराग पांडेय).गोरखपुर में एसएसपी के दफ्तर में पहले न्याय पाने के लिए फरियादियों की भीड़ लगी रहती है। वहीं इनके अलावा एडीजी, डीआईजी, एसपी सिटी, एसपी नार्थ, एसपी साउथ के पास भी फरियादियों का रेला लगा रहता था। वहीं पुलिस की सख्ती बढऩे और गोरखपुर के सभी 28 थानों में तत्काल सुनवाई कर एफआईआर की कार्रवाई करने से सभी अधिकारियों के ऑफिस में फरियादियों की संख्या घट गई है। नौ दिन की कार्रवाईअपराध पकड़े गए बदमाशलूट 07हत्या 02हत्या का प्रयास 02गैंगेस्टर 04रेप 04
छिनैती 04चोरी 22बच्चा चोरी 07अवैध असलहा 01नशीला पदार्थ 07मारपीट 04छेड़खानी 04नकबजनी 05
कच्ची शराब 03नजायज चाकू 02अपहरण 05फर्जी मुकदमा 01हिस्ट्रीशीट खोली 05सजा 11ठगी, धोखाधड़ी 05डिजिटली भी मजबूत पुलिसहम अगर यूपी कॉप की बात करें तो ऑनलाइन एफआईआर लिखने में भी पुलिस एक्टिव रही है। पूरे प्रदेश में ई एफआईआर का ग्राफ और पब्लिक का डिजिटल पुलिस पर विश्वास बढ़ा है। इसी तरह सभी विभाग ट्विटर पर भी एक्टिव हो चुके हैं। इसमे भी गोरखपुर पुलिस का रिस्पांस टाइम सबसे तेज है। जैसे ही कोई अपनी प्रॉब्लम सोशल मीडिया पर शेयर करता है, उसका जवाब गोरखपुर पुलिस तत्काल देती है। साथ ही उससे रिलेटेड थाने को भी इसकी सूचना देती है। ताकि उसकी जांच कर कार्रवाई करे।पब्लिक अप्रूवल रेेटिंग सिस्टम का भी असरपुलिस की सतर्कता परखने के लिए पब्लिक अप्रूवल सिस्टम भी शुरू किया गया है। जिसमे पब्लिक पुलिस के व्यवहार के बारे में फीडबैक देती है। इसके आधार पर पुलिस को रैंक दी जाती है। रैंक में पीछे रहने वाले थानेदारों पर कार्रवाई भी की जा रही है। इससे भी पुलिस की कार्यशैली में काफी सुधार आया है।
अपराधियों और अपराध करने वालों पर शिकंजा कसा जा रहा है। अपराधियों के केस में पैरवी कर उन्हें सजा भी दिलाई जा रही है। गैंग बनाकर अपराध करने वाले बदमाशों पर गैंगेस्टर लगाकर उनकी संपत्ति भी कुर्क की जा रही है। ये अभियान चलता रहेगा।- कृष्ण कुमार बिश्नोई, एसपी सिटी