डीडीयूजीयू के हॉस्टल बदहाल हैं. कमरों के प्लास्टर उखड़े और दीवारें जर्जर हैं. बाथरूम की रेगुलर सफाई न होने से इन्फेक्शन और बीमारियों का डर स्टूडेंट्स को सता रहा है. यही नहीं हॉस्टल में स्टूडेंट्स पानी लाइब्रेरी मेस जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं.


गोरखपुर (ब्यूरो)। स्टूडेंट्स काफी परेशान है, शिकायत पर शिकायत कर रहे हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। बुधवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने डीडीयूजीयू के कुछ मेन हॉस्टल का रियलिटी चेक किया तो सारी पोल खुल गई। दीवारों से गिर रहे प्लास्टर


गोरखपुर यूनिवर्सिटी में ज्यादा दयनीय स्थिति संत कबीरदास और गौतम बुद्ध हॉस्टल की है। गौतम बुद्ध हॉस्टल की बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है। इस वजह से स्टूडेंट्स को वहां रहने में डर लग रहा है। दीवारों से जगह-जगह प्लास्टर टूटकर गिर रहे हैं। इसके चलते बिल्डिंग की दीवारें कभी भी गिरने का डर सताता है। इतना ही नहीं यहां के कई बाथरूम में दरवाजा तक नहीं है। नियमित सफाई नहीं होने से यहां इन्फेक्शन से हुई बीमारियों का भी डर बना रहता है। हॉस्टल की बाउंड्रीवाल भी टूटी हुई है। हॉस्टल की समस्याओं को लेकर स्टूडेंट्स ने अपने वार्डन से कई बार शिकायत भी की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। समस्या जस की तस बनी हुई है। वहीं संत कबीरदास हॉस्टल की बात करें तो यहां पर नियमित रूप से सफाई न होने की वजह से बाथरूम गंदा हो जाता है। यहां पर बाथरूम की बेसिन टूटी हुई है। पानी टपकता रहता है। पानी निकासी की व्यवस्था न होने के कारण पानी इक_ा हो जाता है। जो की डेंगू मलेरिया जैसी बिमारियों को दावत दे रहा है।गौतम बुद्ध हॉस्टल हॉस्टल की दीवाल और रूम की हालत बेहद खराब है। वाटर पॉइंट पर नल टूटे हुए हैं। वाटरकूलर कई महीनों से खराब पड़ा हुआ है। बाथरूम और टॉयलेट में गंदगी भरी पड़ी हुई है और नालियां टूटी हुई हैं। जिससे जगह जगह पानी इक_ा हो रहा है। बाथरूम में ज़्यादातर नल खराब हैं और दरवाजे टूटे हुए हैं। हॉस्टल की बाउंड्रीवाल भी टूटी हुई है जिससे स्टूडेंट की सिक्योरिटी रिस्क पर है।संतकबीर हॉस्टलहॉस्टल की दीवाल में सीलन से कई जगह बड़े-बड़े क्रैक हुए हैं। स्टूडेंट्स को डर रहता है की कहीं दीवाल टूटकर गिर न जाए। बाथरूम और टॉयलेट का तो और ही बुरा हाल है। हॉस्टल में प्रवेश करते ही दुर्गंध से मन खराब हो जाता है। कई बार बोलने पर साफ सफाई होती है लेकिन फिर वही हालत हो जाता है। बाथरूम में कई जगह दरवाज़े टूटे हुए हैं अगर हैं तो बंद नहीं होते।

सुरक्षा की दृष्टि से छात्रावास रहने लायक नहीं है। बाउंड्रीवाल टूटी पड़ी है। छात्रावास मे चोरी जैसी घटनाएं अक्सर घटित हो रही है। फैसिलिटी के नाम पे स्टूडेंट को कोई सुविधा नहीं मिलती।-राम भरोसा तिवारी, शोध छात्र (गणित विभाग)बाथरूम गंदा रहता है। जिसकी बदबू छात्रावास के माहौल को दूषित कर रखा है। जिस वजह से सांस लेने में समस्या हो जाती है। सफाई का बिल्कुल भी ख्याल नहीं रखा जाता और वॉटरकूलर और आरओ खराब होने से कई महीनों से पानी भी नहीं मिल रहा।-संदीप यादव, बीए.कमरों में से जगह-जगह प्लास्टर टूटकर गिर रहे हैं। कमरे में रहने में डर लगता है कही कमरा ढह न जाए। काम के नाम पर बस हॉस्टल की पेंटिंग कर दी गई है लेकिन अंदर से बिल्डिंग बिलकुल जर्जर और खराब है।-पीयूष पांडेय, एलएलबीमेस नहीं चलती जिस वजह से खाना खाने के लिए बाहर जाना पड़ता है। बाहर जाने में काफी समय बर्बाद हो जाता है। यहां पर लाइब्रेरी की सुविधा नहीं है। जिस वजह से पढऩे के लिए सेंट्रल लाइब्रेरी जाना पड़ता है। छात्रावास से लाइब्रेरी की दूरी ज्यादा है। जिस वजह से जाने मे असुविधा होती है।-ऋषि यादव, शोध छात्र (अंग्रेजी विभाग)

Posted By: Inextlive