सिटी में ई-रिक्शा ड्राइवर्स की मनमानी बदस्तूर जारी है. जहां चाहा वहीं ई-रिक्शा लेकर घुस गए. न जाम का डर और न भीड़ की फिक्र बस ई-रिक्शा लेकर चल दिए.


गोरखपुर (ब्यूरो)।ऐसा हो भी क्यों न, जब एक बार विरोध करने भर से सभी जिम्मेदार बैकफुट पर आ चुके हैं। बैठक सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गई है तो ऐसा नजारा तो दिखेगा ही। मनमाने तरीके से किसी भी रूट पर संचालन इनके लिए आम बात हो गई है। ढाई माह पहले आरटीए की मीटिंग में ई-रिक्शा संचालन के लिए पांच जोन के निर्धारण का प्लान तैयार किया गया था, लेकिन वह फाइलों में ही दबा हुआ है। आलम यह है कि सिटी में लगभग पांच हजार ई-रिक्शा जाम बढ़ाने के साथ हादसे को भी दावत दे रहे हैं। मगर जिम्मेदार न बैठक कर इसे लागू करने की हिम्मत कर पा रहे हैं और न ही इनको रूट पर दौड़ाने की कोई कोशिश ही हो रही है।ड्राइवर्स को देना था शपथ पत्र


आरटीओ ने सिटी में ई-रिक्शा ड्राइवर्स से निर्धारित रूट पर ई-रिक्शा चलाने के लिए शपथ पत्र भी मांगा था, लेकिन सिर्फ दो से तीन ड्राइवर्स को छोड़ कर किसी ने इसके लिए इंटरेस्ट नहीं दिखाया है। शपथ पत्र में ई-रिक्शा ड्राइवर को ई-रिक्शा से संबंधित ब्यौरे के साथ घोषणा करनी थी कि वह तय रूट पर ही ई-रिक्शा का सचंलान करेगा। शपथ पत्र में दिए गए मार्ग से अलग मार्ग पर ई-रिक्शा का संचालन करने वाले ई-रिक्शा पर आरटीओ चालान करेगा, लेकिन न तो ड्राइवर्स ने शपथ पत्र ही दिया और न ही विभाग के जिम्मेदार इसे लेने के लिए सख्ती ही दिखा सके। नतीजा यह है कि अब भी शहर में धड़ल्ले से ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं, लेकिन उनकी मनमानी पर रोक लगाने वाला कोई नहीं है। सिर्फ 50 के पास डीएलई-रिक्शा ड्राइवर्स की मनमानी यहीं पर आकर खत्म नहीं हो रही है, बल्कि अब तक करीब 50 ड्राइवर्स के पास ही ड्राइविंग लाइसेंस है। बाकी सभी ड्राइवर बिना ड्राइविंग लाइसेंस के ही अपनी गाडिय़ां लेकर शहर में दौड़ रहे हैं। वहीं ऊपर से ट्रैफिक नियमों की धज्जियां जो उड़ा रहे हैं, वह अलग है। पर्यावण प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए सिटी में चल रहे ई-रिक्शा जाम और दुर्घटना के कारण बनते जा रहे हैं। 3800 रजिस्टर्ड ई-रिक्शा

जिले में पांच हजार से अधिक ई-रिक्शा का संचालन होता है। वहीं सिटी में 3800 से अधिक ई-रिक्शा रजिस्टर्ड हैं। एक साल पहले आरटीओ ने इनके लिए 19 रूटों का निर्धारित किए थे, लेकिन आरटीओ इसे लागू नहीं कर पाया। कमिश्नर ने मंडल सड़क सुरक्षा समिति की मीटिंग में इन रूटों को पांच जोन में बांटकर चलान के निर्देश दिए थे। साथ ही कमिश्नर ने ई-रिक्शा संचालन के लिए अपर जिलाधिकारी, एसपी ट्रैफिक, आरटीओ और नगर निगम की एक समिति बनाने के लिए भी निर्देशित किया था, लेकिन समय बीतने के साथ मामला ठंडे बस्ते में चला गया। एक वर्ष पहले इन रूटों का हुआ था निर्धारिण - बरगदवां से रेलवे स्टेशन वाया गोरखनाथ-धर्मशाला रूट पर -60 मेडिकल कॉलेज-रेलवे स्टेशन वाया असुरन पर-70नौसढ़-कचहरी वाया प्रेमचंद्र पार्क-शास्त्री चौक-50इंजीनियरिंग कॉलेज-रेलवे स्टेशन वाया मोहद्दीेपुर-40 एयरफोर्स-रेलवे स्टेशन वाया चारफाटक मोहद्दीपुर-40नौसढ़-रूस्तमपुर-पैडलेगंज-पुलिस चौकी मोहद््दीपुर-40इलाहीबाग-घासीकटरा-बक्शीपुर-टाउनहॉल-कचहरी -30खंजाची चौराहा-एचएन सिंह चौराहा-धर्मपुर तिराहा-गीता वाटिका-असुरन-पुलिस चौकी मोहद्दीपुर-60डोमिनगढ़ रेलवे स्टेशन-तिवारीपुर, बेनीगंज चौराहा, जाफरा आजार चौराहा, ऊंचवा, बक्शीपुर, बैंकरोड, विजय चौराहा, गोलघर-50इंजीनियरिंग कॉलेज से कचहरी वाया पैडलेगंज-30नंदानगर से रेलवे स्टेशन वाया मोहद्दीपुर, कूड़ाघाट-40नीना थापा इंटकर कॉलेज से कचहरी वाया कूड़ाघाट, पैडलेगंज-30पादरी बाजार से रेलवे स्टेशन वाया चारफाटक-40पादरी बाजार से कचहरी वाया मोहद्दीपुर-40फातिमा हॉस्पिटल से कचहरी वाया रेलवे स्टेशन-40फर्टिलाइजर से रेलवे स्टेशन वाया बरगदवां-60फर्टिलाइजर से कचहरी वाया मेडिकल कॉलेज-60बडग़ों से रेलवे स्टेशन वाया कचहरी-40देवरिया बाईपास से कचहरी वाया सहारा स्टेट पैडलेगंज-40

सिटी में जोन निर्धारण की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही समिति के साथ बैठक कर जोन निर्धारण कर दिया जाएगा। इसके बाद नियम तोडऩे वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। - अनीता सिंह, आरटीओ

Posted By: Inextlive