बिजली कनेक्शन देने में अभियंताओं ने तेजी दिखाते हुए झटपट पोर्टल के माध्यम से जोन के वितरण खंडों में 2800 कनेक्शन तो लगा दिए मगर तीन- चार महीने बाद भी बिजली बिल जारी करना भूल गए. कनेक्शन देने वाले जेई ही पहला बिजली बिल जारी करते हैं मगर उन्हें याद ही नहीं रहा कि कनेक्शन देने के बाद पेमेंट भी लेना होता है. अभियंताओं से ज्यादा फिक्रमंद सैकड़ों कंज्यूमर्स रहे. वे पहली बिल जारी कराने के लिए बिजली दफ्तरों के चक्कर काटते रहे पर किसी ने ध्यान ही नहीं दिया.


गोरखपुर (ब्यूरो).जोन के मुख्य अभियंता ने झटपट पोर्टल की मॉनिटरिंग की तो उनकी नजऱआर-एपीडीआरपी वाले शहरों के कनेक्शनों का बिजली बिल जारी न होने की गलती पकड़ी। उन्होंने पूरा ब्योरा निकालने के बाद सभी संबंधित खंडों से जवाब तलब किया है। पहला बिल जारी न होने की चूक का पता चलने पर हड़कंप मचा हुआ है। संबंधित जेई जवाब देने से पहले वे बिल जारी करने की कवायद में जुट गए हैं। उम्मीद है कि जल्द ही कंज्यूमर्स को पहला बिल मिल जाएगा। नगरीय वितरण मंडल के चारों खंडों में सैकड़ो कनेक्शन ऐसे मिले जिनका पहला बिल जेई ने बनाया नहीं। इसमें घरेलू कनेक्शन के साथ ही सैकड़ों कमर्शियल कनेक्शन भी शामिल हैं।बिल जारी होने पर कंज्यूमर्स को चुकानी पड़ सकती है अधिक राशि


अब बिल जारी होने पर कंज्यूमर्स को भारी भरकम धनराशि चुकानी पड़ेगी। यही वजह है कि ज्यादातर नए कंज्यूमर चाहते है कि उन्हें बिल मिल जाए तो वे भुगतान करना शुरु कर दें। अधिकारियों का कहना है कि अभियंताओं की लापरवाही से निगम को बिजली खपत के मुताबिक राजस्व नहीं मिल रहा है। समीक्षा बैठक व वीसी में राजस्व वसूली को लेकर अक्सर डांट-फटकार सुननी पड़ती है।

झटपट पोर्टल की निगरानी के दौरान यह सामने आया कि आर-एपीडीआरपी वाले शहरों में जारी 2800 कनेक्शनों पर अबतक पहला बिजली बिल जारी नहीं हुआ है। सभी संबंधित खंडों को निर्देश दिया गया है कि तत्काल सभी कनेक्शनों पर रीडिंग के मुताबिक बिल बनाकर कंज्यूमर्स को मुहैया कराए। ग्रामीण वितरण खंडों में भी इस तरह के मामले हो सकते है। - ई। आशु कालिया, चीफ इंजीनियर गोरखपुर जोन

Posted By: Inextlive