केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शहर की हवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए नगर निगम 4.60 करोड़ रुपये दिए हैं. हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब बोर्ड ने बजट जारी किया है.


गोरखपुर (ब्यूरो)।इसके पहले भी निगम को 9.64 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। कुल मिलाकर निगम को करीब 15 लाख रुपये प्राप्त हुए हैं। इन रुपयों से उपकरणों की खरीद की जाएगी ताकि वातावरण में धूल उडऩे से रोकने के उपाय किए जाएंगे। पांच साल तक लगातार हवा की गुणवत्ता खराब मिलने पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शहर को नान अटेनमेंट सिटी में शामिल किया है। राष्ट्रीय वायु स्वच्छता कार्यक्रम के तहत 42 उपायों से वायु प्रदूषण को कम करते हुए हवा की गुणवत्ता ठीक की जानी है। वायु प्रदूषण कम करने के लिए नगर निगम की ओर से किए गए अब तक के प्रयासों की केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जानकारी मांगी है। नोडल अफसर ने मांगी जानकारी


निधि के उपयोग की जानकारी लेने के लिए शनिवार को नोडल अधिकारी एके त्रिपाठी ने एडीएम सिटी विनीत ङ्क्षसह और नगर निगम के चीफ इंजीनियर संजय चौहान के साथ बैठक की। चीफ इंजीनियर ने बताया कि उपकरणों की खरीद के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी की जा रही है। गोलघर से शास्त्री चौक तक सड़क की दोनों पटरियों पर इंटरलाङ्क्षकग के लिए टेंडर निकाला जा चुका है। प्रदूषण को कम करने की कवायद की जा रही है। मशीन से होगी सड़क की सफाई

मशीन से सड़क की सफाई, फुटपाथ पर इंटरलाङ्क्षकग, पौधारोपण, चौराहों पर फौव्वारा, डिवाइडर पर ग्रीन बेल्ट, मलबे के निस्तारण के कंस्ट्रक्शन एंड डिमालिशन वेस्ट मशीन की स्थापना, घरों से निकलने वाले कूड़े का निस्तारण, यातायात को नियंत्रित करना, जगह-जगह पार्किंग की सुविधा, सड़क की सफाई आदि।इसी वित्तीय वर्ष में खर्च करना होगा धननगर निगम को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मिले धन को वर्तमान वित्तीय वर्ष में खत्म करना होगा। निगम की ओर से की गई व्यवस्था के आधार पर अगले वित्तीय वर्ष के लिए फिर धन मिल सकता है। अगले साल तक महानगर को वायु प्रदूषण से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

Posted By: Inextlive