सामान्य तौर पर लोग कहते हैं कि बच्चों की अच्छी पढ़ाई के लिए स्कूल के साथ कोचिंग जरूरी है क्योंकि स्कूलों में पढ़ाई ठीक से नहीं हो पाती है. लोगों की इसी सोच के कारण सिटी में कोचिंग संचालकों का बिजनेस खूब फल-फूल रहा है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। लेकिन, यूपी बोर्ड 10वीं और 12वीं के ज्यादातर टापर्स ने कहीं भी कोचिंग नहीं ली थी, उन्होंने सेल्फ स्टडी और स्कूल से पढ़ाई के दम पर ही टापर्स के लिए में जगह बनाई है और लोगों को ये मैसेज दिया है कि बिना कोचिंग पढ़े भी सफलता पाई जा सकती है।आत्मविश्वास से पाया मुकामडिस्ट्रिक टॉप 10 में शामिल श्वेता सिंह, अंकिका मौर्या, अदिति गौड़, निखिल मद्देशिया, शालिनी गुप्ता, नेहा यादव सहित ज्यादातर स्टूडेंटस का कहना है कि स्कूल की पढ़ाई ज्याद मायने रखती है, अगर स्कूल और घर पर मन लगाकर पढ़ाई की जाए तो किसी को कोचिंग की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी। स्कूल के टीचर्स करते थे मदद


मैथ और साइंस को छोड़कर कोई भी सब्जेक्ट कठिन नहीं लगा। मैथ और साइंस में जहां भी दिक्कत होती थी, उस दिक्कत का समाधान स्कूल के टीचर्स ही कर देते थे। स्कूल के टीचर्स ने हमेशा मदद की।अंशिका यादव, 10वीं डिस्ट्रिक रैंक 1कोचिंग की नहीं पड़ी जरूरतस्कूल में पढ़ाई के साथ ही घर में पांच से छह घंटे सेल्फ स्टडी करती थी। जहां भी कहीं दिक्कत होती थी टीचर्स उसमें मदद करते थे, कभी भी पढ़ाई के लिए कभी कोचिंग की जरूरत ही नहीं पड़ी।अनामिका, 12वीं डिस्ट्रिक रैंक 2

सेल्फ स्टडी करने से मिली सफलतापूरे सब्जेक्ट में मैथ ही ऐसा सब्जेक्ट था जिसमें थोड़ी कठिनाई होती, लेकिन स्कूल के टीचर्स सारे सवाल अच्छे से समझाते थे, वहीं घर पर भी सेल्फ स्टडी करता था, सेल्फ स्टडी से ही सफलता मिल है।रामपाल यादव, 10वीं डिस्ट्रिक रैंक 2स्कूल में अच्छी होती थी पढ़ाईस्कूल में बहुत ही अच्छी पढ़ाई होती है, स्कूल में जो भी पढ़ाया जाता था, उसका रिवीजन घर पर आकर करता था, टीचर्स खासतौर पर अवधेश यादव पढ़ाई में हर तरह की मदद करते थे।ऋषभ ठाकुर, 10वीं डिस्ट्रिक रैंक 3

Posted By: Inextlive