दस मार्च की रात घंटाघर के घनी आबादी वाले शाहमारूफ में दो दुकानों में भीषण आग लग गई. सूचना मिलते ही फायर बिग्रेड की गाडिय़ां लेकर फायर फाइटर जैसे-तैसे निकल पड़े. लेकिन रास्ते में नीचे लटके बिजली के तार ने कई जगह उनका रास्ता रोका.


गोरखपुर (ब्यूरो)। जैसा कि गाजियाबाद की घटना जेहन में कैद थी, बचते बचाते फायर फाइटर शाहमारूफ पहुंचे और आग पर काबू पाया। फायर फाइटर का कहना था कि 5 मिनट भी लेट होते तो आग की लपटें पूरी मार्केट में फैल जाती, जिससे भारी नुकसान हो सकता था। फिलहाल इस आगजनी की घटना के बाद फायर डिपार्टमेंट ने छोटी-छोटी कमियों को नोटिस किया है। उसे दूर कर क्वीक रिसपांस देने का प्लान बनाया है। बिजली विभाग को लिखेंगे लेटर


गर्मियों के दिनों में आगलगी की घटनाएं बढ़ जाती है। सबसे पहले तो आग ना लगे इसके लिए अवेयरनेस फैलाने सड़कों पर फायर डिपार्टमेंट की टीम उतरेगी। घनी आबादी वाले एरियाज में जहां भी तार लटके हुए हैं, उसे टाइट कर उसकी ऊंचाई बढ़ाने के लिए बिजली विभाग को फायर डिपार्टमेंट के अधिकारी लेटर लिखेंगे। साथ ही हर माह होने वाली मीटिंग में इस मुद्दे का उठाएंगे। रूरल एरियाज में भी गर्मियों में खेत के ऊपर से गए ढीले बिजली के तार के सटने से चिंगारी निकलती है, जिसके कारण भीषण आग लगती है। बिजली विभाग पहले ही बिजली के तार टाइट करा ले, इसके लिए भी फायर डिपार्टमेंट जिम्मेदार अधिकारियों से बात करेंगे। सायरन बजा, 30 सेकेंड में रेडी

ये बता दें कि जैसे ही फायर स्टेशन में आग लगने की सूचना आती है। वहां सायरन बजने लगता है। 30 सेकेंड में गाडियां रेडी हो जाती हैं, वहीं फायर फाइटर जिस हाल में होते हैं, चल देते हैं। रास्ते में वह आग से बचने के कपड़े पहनते हैं। घनी आबादी वाले एरियाज की बनाई लिस्टफायर स्टेशन ऑफिसर ने फायर फाइटर के साथ मीटिंग कर शहर के घनी आबादी वाले एरियाज की लिस्ट तैयार की है। वहां छोटी बड़ी गाडिय़ों के साथ जल्द कैसे पहुंचे इसपर भी प्लान तैयार किया है। घनी आबादी एरियाज में घंटाघर, बसंतपुर, रेतीचौक, घोषकंपनी, हिंदी बाजार, अलीनगर समेत कई इलाके हैं। यहां दिन के समय बड़ी गाडिय़ां जा पान असंभव के समान है। यहां के लिए 12 पोर्टेबल डीजल पंप फायर स्टेशन पर अवेलबल हैं। घनी आबादी में यह काफी कारगर साबित होंगे। जिले में यहां पर है फायर स्टेशन। गोलघर। गीडा। गोला। बांसगांवएक साल में यहां भी तैयार हो जाएंगे फायर स्टेशनफायर स्टेशन ऑफिसर ने बताया कि चौरी चौरा और खजनी में फायर स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है। यह स्टेशन साल 2024 के अंत तक तैयार भी हो जाएंगे। जबकि कैंपियरगंज में बन रहे फायर स्टेशन में एक साल से अधिक समय लग सकता है।

जिले में आग बुझाने के लिए वाहन और उपकरण वाहन उपकरण संख्यावाटर बाउजर 4फोम टेंडर 3वाटर टेंडर क्षमता 4500 लीटर 8मिनी वाटर टेंडर क्षमता 2000 लीटर 5वाटर मिस्ड विथ हाईप्रेशर 400 लीटर 5बुलेट मोटर साइकिल विथ बैक पैक 7
पोर्टेबुल डीजल पंप 12एंबुलेंस 1घनी आबादी में बिजली के लटके तार रास्ता रोकते हैं। बिजली विभाग से कहकर गर्मियों से पहले इसकी हाइट और बढ़वाई जाएगी। रूरल एरियाज में भी अधिकतर बिजली के तारों के सटने से खेत में आग लगती है। इसे भी टाइट करवाया जाएगा। आग लगने के बाद टीम जल्द से जल्द रिसपांस देने का पूरा प्रयास करती है। शांतनु कुमार यादव, फायर स्टेशन ऑफिसर

Posted By: Inextlive