बीआरडी मेडिकल कॉलेज के आईसीएमआर-आरएमआरसी के प्रयोगशाला तकनीशियनों के लिए मलेरिया व फाइलेरिया के निदान व वेक्टर जीव विज्ञान पर व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया.


गोरखपुर (ब्यूरो) इस मौके पर प्रभारी निदेशक डॉ। मनोज मुरहेकर के स्वागत भाषण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की। एडी हेल्थ डॉ। आईवी विश्वकर्मा अपना उद्घाटन भाषण दिया। पूर्व निदेशक डॉ। रजनीकांत ने मलेरिया परजीवी के जीवन जक्र पर अपना भाषण दिया और माइक्रोसकोपी पर डब्ल्यूएचओ की लेवल वन प्रशिक्षक बीना श्रीवास्तव बीमारियों पर चर्चा की। इस अवसर पर डॉ। गौरव राज द्विवेदी, डॉ। बृजरंजन मिश्रा, डॉ। अंगद सिंह, डॉ। वीके श्रीवास्तव, डॉ। हीरावती देवल, डॉ। राजीव सिंह, डॉ। अशोक पांडे, डॉ। अमन अग्रवाल, डॉ। आयुष मिश्रा, डॉ। रोहित बेनीवाल, डॉ। नलिनी मिश्रा आदि मौजूद रहीं। 100 बेड वाले वार्ड में एडमिट होंगे नवजात बच्चे 500 बेड बाल रोग विभाग में बाहर से आने वाले बच्चों को ही किया जाएगा एडमिट
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में स्थापित 100 बेड मातृ व शिशु वार्ड में अब बच्चों का इलाज होगा। गायनी वार्ड के बगल में बने 100 बेड वाले वार्ड में नवजात को भर्ती किया जाएगा। वहीं 500 बेड बाल रोग विभाग में केवल बाहर से आने वाले बच्चों को एडमिट कर इलाज किया जाएगा। प्रसूताओं को हो रही परेशानी के मद्देनजर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने यह फैसला लिया है। इस पहल से जहां महिलाएं आसानी से अपने बच्चें को फीड करा सकेंगे, वहीं उन्हें 700 मीटर तक दौड़ नहीं लगानी होगी। 500 बेड वाले बाल रोग विभाग में सभी संसाधनों उपलब्ध है। बच्चों को बेहतर उपचार हो सकेगा। इसके लिए बाल रोग विशेषज्ञ तैनात किए गए हैं। यहां पर उन्हें जरूरत की सभी दवाएं भी उपलब्ध कराई जा रही है। कल से बाहर से आने वाले नवजात शिशुओं को 500 बेड वाले बाल रोग विभाग में भर्ती किया जाएगा। साथ ही जो महिलाएं गायनी वार्ड में भर्ती हैं। उनके नवजात शिशु को पूर्व की भांति 100 बेड वाले वार्ड में एडमिट किया जाएगा, ताकि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी हो हो सके। डॉ। भूपेंद्र शर्मा, एचओडी बाल रोग विभाग

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