शहर के डेयरी संचालकों के जानवरों को जबरन उठाकर बिहार होते हुए पश्चिम बंगाल पहुंचाने वाले तस्करों की कमर तोडऩे में पुलिस जुटी है. बिहार में घुसकर शातिरों के एक सरगना को अरेस्ट करने वाली टीम ताबड़तोड़ उसके साथियों को दबोच रही है. कैंट और गुलरिहा पुलिस ने अलग-अलग कार्रवाई में 25 हजार के इनामी सहित सात बदमाशों को अरेस्ट किया है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। एसपी नार्थ मनोज कुमार अवस्थी ने बताया, पशुओं की तस्करी करने, पुलिस कर्मचारियों पर हमला करने, राहगीरों की गाड़ी तोडऩे के आरोपितों पर कार्रवाई जारी है। पकड़े गए तस्करों के अन्य साथियों की तलाश जारी है। बदमाशों के पास रिवाल्वर, तमंचे और कारतूस बरामद हुए हैं। पीआरवी पर हमला करके हुए थे फरार, पुलिस ने किया गिरफ्तार 3 जनवरी की रात पीआरवी 0331 के कमांडर देवीशंकर यादव, सब कमांडर चंद्रकला कन्नौजिया, वंदना और ड्राइवर राधेश्याम तिवारी ड्यूटी पर थे। एक पिकअप में संदिग्धों के होने की आशंका में पुलिस टीम ने हूटर बजाते हुए गाड़ी से उतरकर पिकअप को चेक करने का प्रयास किया। तभी पिकअप सवारों ने पुलिस पर हमला बोल दिया। गोली चलाकर मोबाइल


फोन, नकदी लूटकर फरार हो गए। पथराव से पुलिस की वैन भी क्षतिग्रस्त हो गई। इस घटना के बाद पुलिस ने दो तस्करों को अरेस्ट कर लिया था। तब सरगना के बारे में जानकारी मिली। एसएचओ अमित दुबे की टीम ने सरगना मिंटू अली को गोपालगंज में उसके डेरे पर जाकर पकड़ा। शनिवार की रात उसके छह अन्य साथी पकड़े गए, जिनकी पहचान पिपराइच के जंगल धूषण निवासी सूरज चौहान, खुटहन खास निवासी राजू चौहान, मुकेश चौहान, बेलीपार के केवनहा निवासी राज, विशाल और कुशीनगर के तरयासुजान निवासी

रमजान अंसारी के रूप में हुई। कैंट पुलिस के हाथ लगा 25 हजार का इनामीउधर, पशु तस्करों के खिलाफ चल रहे अभियान में कार्रवाई करते हुए कैंट पुलिस की टीम ने 25 हजार के इनामी शेर मोहम्मद को अरेस्ट किया। वह कुशीनगर जिले रसूलपुर का रहने वाला है। वर्ष 2020 में वह जेल भेजा गया था। जमानत पर छूटने के बाद दोबारा पशु तस्करी के काम में लग गया। उसके खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट की कार्रवाई हुई है। एसएचओ शशिभूषण राय, एसएसआई मनीष कुमार यादव, मोहद्दीपुर के चौकी इंचार्ज रुद्र प्रताप सिंह और कांस्टेबल राजेश कुमार यादव की टीम ने क्राइम ब्रांच की मदद से शेर मोहम्मद को नहर पुलिया के पास पकड़ लिया। शनिवार की रात वह पशुओं की रेकी करने निकला। तभी उसके बारे में पुलिस को जानकारी मिली। एक जानवर पहुंचाने पर तस्करों को 50 हजार का मुनाफा शहर और आसपास एरिया से गौवंश को पिकअप पर लादकर पहुंचाने वाले तस्करों को अच्छी रकम मिलती है। पूछताछ में सामने आया है कि एक गौवंश के बदले उनको बिहार में

50 हजार रुपए तक मिल जाते हैं। रात में चार-पांच घंटे मेहनत करके सभी अच्छा पैसा कमा लेते हैं। सड़क किनारे डेयरी, लोगों के दरवाजे पर बंधे पशुओं के साथ-साथ तस्करों की टीम लावारिस हाल गायों को भी उठा लेती है।

Posted By: Inextlive