एडीजी जोन के सर्वे से लगातार पुलिस की परफॉर्मेंस सामने आ रही है. जुलाई मंथ में गोरखपुर पुलिस ने पब्लिक अप्रूवल रेटिंग में छलांग मारी है. जबकि ट्विटर पोल में इस बार गोरखपुर पुलिस पीछे है. जुलाई की परफॉर्मेंस जानने के लिए 1 से 7 अगस्त तक पब्लिक का फीडबैक मांगा गया था. आईजीआरएस ट्विटर पोल डायरेक्ट पोल यूपी 112 पोल एफआईआर/एनसीआर के साथ ही पासपोर्ट/चरित्र सत्यापन पर पब्लिक का फीडबैक मांगा गया था. पब्लिक के फीडबैक के आधार पर जुलाई की रेटिंग जारी की गई है.


गोरखपुर (ब्यूरो).जुलाई में एफआईआर/एनसीआर और पासपोर्ट/चरित्र सत्यापन इन दोनों पिलर्स में 15.26 परसेंट रेटिंग में वृद्धि हुई है। साथ ही जून की तुलना में जुलाई में कुल वोट/फीडबैक में 565 वोटों की वृद्धि हुई है। इस तरह पब्लिक अप्रूवल रेटिंग में सुधारमंथ पब्लिक अप्रुवल रेटिंगअप्रैल 40.14 परसेंटमई 44.14 परसेंटजून 44.87 परसेंटजुलाई 60.13 परसेंटयहां मारी पुलिस ने छलांग


डायरेक्ट पोल में पुलिस को अप्रैल में 104, मई 242, जून 584 और जुलाई मंथ में 914 वोट प्राप्त हुए। इसी तरह एफआईआर/एनसीआर में अप्रैल में 815, मई में 984, जून में 1166 और जुलाई मंथ में वोटों की संख्या बढ़कर 1688 हो गई। इसी तरह पासपोर्ट/चरित्र सत्यापन में जून मंथ में 5418 वोट मिले थे। जबकि जुलाई में वोटों की संख्या बढ़कर 5983 हो गई।यहां घटा पुलिस का ग्राफ

आईजीआरएस में अप्रैल मंथ में 369, मई 1382, जून 914 और जुलाई में वोटों की संख्या घटकर 425 हो गई। इसी तरह ट्विटर पोल में अप्रैल में 1037, मई में 636, जून में 382 और जुलाई में वोटों की संख्या घटकर 315 हो गई। एडीजी ने अप्रैल में शुरू की थी पहलएडीजी अखिल कुमार ने अप्रैल में जोन के 11 जिलों की परफॉर्मेंस जानने के लिए सर्वे शुरू किया था। इसके बाद अप्रैल, मई, जून और जुलाई में सर्वे कार्य सम्पन्न हो चुका है। हर मंथ पब्लिक से मिले फीडबैक के आधार पर सभी जिलों का डाटा तैयार हो रहा है। इस बार कई पिलर्स में पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार देखने को मिल रहा है। पब्लिक अप्रूवल रेटिंग सिस्टम शुरू करने का एक ही उद्देश्य है कि जो भी पुलिस की कमियां हों, वो उजागर हों। जिन्हें दूर किया जा सके। जिन मामलों में पुलिस पीछे है, उसमे उनको सुधार करना होगा।अखिल कुमार, एडीजी जोन

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