- शहर की सीमा पर कड़ी हुई प्रशासन की चौकसी

- कई एंट्री प्वॉइंट्स पर मिट्टी डाल ब्लॉक किया गया रास्ता, कुछ जगह अब भी जारी लापरवाही

GORAKHPUR: गोरखपुर में कोरोना की दस्तक होते ही सिटी से लेकर बॉर्डर एरिया तक हाई अलर्ट जारी हो गया। लेकिन अगले दिन ही दिल्ली से पहुंची एंबुलेंस को दोबारा इंट्री मिलने के बाद चौकसी की पोल खुल गई। इस पर जिला प्रशासन से लेकर पुलिस महकमे के अधिकारियों ने ये जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेते हुए सिटी के कई इंट्री प्वॉइंट्स को सील करा दिया है। एसएसपी ने जिले की सीमा पर तैनात पुलिस कर्मियों को अलर्ट जारी कर ताकीद की है कि कोई भी वाहन चाहे एंबुलेंस या अन्य जिले के अंदर एंटर हुआ तो इसके जिम्मेदार संबंधित अफसर होंगे। इसके साथ ही प्रशासन ने कई एंट्री प्वॉइंट्स पर मिट्टी डाल रास्ता ब्लॉक करवा दिया है। सिटी में कोरोना केस सामने आने के बाद बुधवार को अलर्टनेस का हाल जानने निकली दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम को कहीं जिम्मेदार पूरी सख्ती से नियमों का पालन कराते नजर आए तो कहीं लापरवाही भी दिखी।

Spot 1 - कूड़ाघाट चौराहा

दोपहर 12.30 बजे

कूड़ाघाट चेकिंग प्वॉइंट पर टीम पहुंची तो यहां पुलिस कर्मी सिटी के अंदर आने वाले वाहनों की चेकिंग करते मिले। वह उन्हीं वाहनों को अंदर आने दे रहे थे, जिनके पास प्रशासन की ओर से जारी पास मौजूद रहे। कुछ खाद्य सामाग्री से लदी गाडि़यां आईं तो उन्हें रोक प्रॉपर जांच पड़ताल करने के बाद ही अंदर जाने की परमिशन मिली। कई वाहन चालकों को पुलिस ने लौटा भी दिया।

Spot 2 - खोराबार चौराहा

दोपहर 12.40 बजे

खोराबार चौराहा से देवरिया की ओर जाने वाले रास्ते पर बैरियर के बगल में पुलिस कर्मी बैठे रहे। देवरिया की ओर से वाहनों का आवागमन चलता रहा। चंद कदम पर दोहरी बैरिकेडिंग करा दी गई है। इस रास्ते को मिट्टी डालकर बंद कर दिया गया है। हालांकि बीच-बीच में कई जगह रास्ता छोड़ दिया है। लेकिन बड़ी गाडि़यों को इस रास्ते आने की अनुमति नहीं है। पुलिस कर्मी कुर्सी पर बैठकर ही वाहनों पर नजर जमाए रहे।

Spot 3 - नौसढ़ चौराहा

दोपहर 1.15 बजे

नौसढ़ चौराहा दो रास्तों को जोड़ता है, एक वाराणसी मार्ग तो दूसरा लखनऊ मार्ग। इस रास्ते पर वाहनों का आवागमन होता दिखा। पुलिस कर्मी आने वाले वाहनों को रोक कर उसकी जांच कर रहे थे। वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम भी एक-एक व्यक्ति की थर्मल स्कैनिंग करती दिखी। एक भी वाहन चाहे वह टू व्हीलर हो या फोर व्हीलर बिना जांच के उसे अंदर आने की अनुमति नहीं दी गई। इतना ही नहीं पुलिस कर्मी एंबुलेंस की भी प्रॉपर जांच करते दिखे।

Spot 4 - सहजनवां का कसरवल

दोपहर 2 बजे

मगहर में कई कोरोना केस मिलने के बाद सहजनवां पुलिस पूरी तरह अलर्ट हो गई है। इस मामले में पुलिस कोई रिस्क नहीं उठाना चाहती। जिसके लिए कसरवल में बैरेकेडिंग कर सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। चेकिंग के दौरान दिल्ली-नोएडा, लखनऊ से आने वाली गाडि़यों का पास देखने के बाद ही उन्हें छोड़ा जा रहा है। इस बीच कुछ गाडि़यां बिना पास की पकड़ी गई जिन्हें तत्काल वापस करा दिया गया।

बॉक्स

लगाया गया वायरलेस सेट

संतकबीर नगर और गोरखपुर जिले के बॉर्डर पर स्थित कसरवल में जहां पुलिस की ओर से सघन चेकिंग की जा रही है। वहीं तत्काल सूचना के लिए गोरखपुर से पहुंची वायरलेस टीम ने वायरलेससेट भी लगाया। एसओ दिनेश मिश्रा ने बताया कि कसरवल में वाहनों की चेकिंग की जा रही है। जिसके पास पास नहीं है उन्हें तत्काल वापस किया जा रहा है। सूचना के बाद कसरवल में एक वारलेससेट भी लगाया गया है।

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भाग रही गाड़ी का चालान

कसरवल में गाड़ी चेकिंग के दौरान दिल्ली से आ रही सफेद रंग की कार को पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो ड्राइवर गाड़ी लेकर भाग निकला। गाड़ी डीएल नंबर की होने से पुलिस हलकान हो गई। ड्यूटी पर तैनात एसओ ने घघसरा चौकी इंचार्ज विशाल उपाध्याय को जानकारी दी जिन्होंने जीप से पीछाकर सहजनवां मे कार चालक को पकड़ चालान कर दिया। पूछताछ में ड्राइवर देवनयन ने बताया कि वह दिल्ली से बिहार के मधुबनी जा रहा था। गाड़ी में बैठे लोगों की डिटेल लेकर उनकी मेडिकल जांच कराकर छोड़ दिया गया।

वर्जन

शहर के सभी इंट्री प्वॉइंट्स पर पुलिस की चौकसी बढ़ा दी गई है। बाहर से आने वाले वाहनों की चेकिंग भी कराई जा रही है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के साथ पुलिस की टीम लगाई गई है जो आने वाले एंबुलेंस की जांच करेंगे। साथ ही आने-जाने वाले बड़े-छोटे रास्ते की भी बैरेकेडिंग कराई जा रही है।

डॉ। सुनील गुप्ता, एसएसपी

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चौकसी पर भारी 'मिल्खा'

- मगहर से पैदल आए कई परिवार, प्रशासन ने किया क्वारंटीन, खेत और मेंढ़ के रास्ते आज भी हैं खुले

GORAKHPUR: मिल्खा सिंह पर बनी मूवी अगर आपने देखी होगी तो आपको पता होगा कि फ्लाइंग सिख जब दौड़ते थे तो लंबी से लंबी दूरी भी बौनी नजर आती थी। ऐसे ही लोग इस समय लॉकडाउन में भी देखने को मिल रहे हैं। लेकिन उनका ये हौसला प्रशासन के लिए सिरदर्द बन गया है। लॉकडाउन में सैकड़ों-हजारों किलोमीटर दूर फंसे लोग आए दिन किसी ना किसी रास्ते से गोरखपुर पैदल पहुंच जा रहे हैं। लॉकडाउन में लगा प्रशासन का पहरा भी इन्हें नहीं रोक पा रहा। गोरखपुर प्रशासन बहुत से पैदल आए लोगों को जानकारी मिलने पर क्वारंटीन करा चुका है।

संतकबीर नगर में मिला पेशेंट, पैदल निकला परिवार

अभी हाल ही में संतकबीर नगर में एक साथ 18 लोगों में कोरोना वायरस पाया गया। इस कोरोना बम के फटने के बाद मगहर में कई ऐसे परिवार थे जो गोरखपुर के रहने वाले थे। आनन-फानन में वे पैदल ही गोरखपुर के तिवारीपुर स्थित अपने घर पहुंच गए। पड़ोसियों ने प्रशासन को सूचना दी तो अधिकारी फौरन उनके घर पहुंचे। मगहर से लौटे परिवार को पहले सरस्वती शिशु मंदिर में बने क्वारंटीन सेंटर भेजा गया। जहां विरोध की वजह से फिर उन लोगों को एयरफोर्स स्थित टीबी हॉस्पिटल में क्वारंटीन किया गया।

रेल ट्रैक के सहारे दिल्ली से पहुंचा गोरखपुर

धर्मशाला बाजार निवासी इमरान पुत्र अब्दुल रहीम दिल्ली में रहकर सिलाई का काम करता था। लॉकडाउन के बाद रेल ट्रैक पकड़ चल दिया। आठ दिन तक केवल पानी पीकर चलता रहा। रात होने पर किसी स्टेशन पर रुककर सो जाता और सुबह होते ही पटरियों पर चलने लगता। उसके पास पैसे भी नहीं थे। गोंडा से उसने पीपीगंज रूट की पटरी पकड़ी और घर पहुंच गया। वहां कुछ लोगों ने मदद की तब जाकर वो किसी तरह गोरखपुर पहुंचा। जानकारी मिलते ही हेल्थ विभाग की टीम ने उसकी स्वास्थ्य जांच कर क्वारंटीन कर दिया। इसी तरह हैदराबाद में काम करने वाले कृष्ण कुमार और अखिलेश भी पैदल ही गोरखपुर के लिए निकल गए। 11 दिनों तक दिन रात चलकर किसी तरह दोनों युवक जौनपुर पहुंचे तो कुछ लोगों एक गाड़ी में लिफ्ट दिलाकर उनको गोरखपुर के लिए रवाना किया। गोरखपुर आने पर दोनों युवकों को क्वारंटीन किया गया।

Posted By: Inextlive