सात माह में 235 गुंडे, 22 गैंगेस्टर
जिले में क्राइम कंट्रोल के लिए पुलिस ने कसा शिंकजा
बदमाशों नए बदमाशों पर की गई गुंडा एक्ट की कार्रवाई पब्लिक के बीच डर फैलाने, दहशत कायम करने वाले बदमाशों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई तेज हुई है। एसएसपी के निर्देश पर विभिन्न थानों की पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। हालत यह है कि जिले में सात माह के भीतर 235 नए गुंडों को रजिस्टर्ड किया गया है। तीन साल के भीतर इस साल सर्वाधिक कार्रवाई हुई है। जबकि, 22 नए गैंगेस्टर भी रजिस्टर्ड किए गए हैं। एसएसपी का कहना है कि विभिन्न घटनाओं में शामिल रहे बदमाशों पर शिकंजा कसने का निर्देश दिया है। समाज में भय फैलाकर लोगों को परेशान करने वालों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा। क्राइम कंट्रोल के लिए होती है कार्रवाईअपराधियों पर लगाम कसने के लिए पुलिस गुंडा एक्ट की कार्रवाई करती है। ऐसे अपराधी जिनके खिलाफ विभिन्न थानों में दो से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। उनके खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई की जाती है। गुंडा एक्ट की कार्रवाई पूरी होने पर संबंधित अपराधी को छह माह तक के लिए जिला बदर करने की प्रक्रिया भी है। इसका लाभ पुलिस चुनाव के दौरान खूब उठाती है। आम दिनों में गुंडा एक्ट और गैंगेस्टर की कार्रवाई करके पुलिस अपराधियों पर नकेल सकती है।
गुंडा एक्ट की कार्रवाई वर्ष गुंडा एक्ट गैंगेस्टर 2020 235 22 2019 199 26 2018 171 33 2017 116 16 इन अपराधों में गुंडा एक्ट मर्डर, लूट, डकैती, छिनैती, चोरी, मानव तस्करी, गोहत्या, पशु तस्करी, मनी लॉड्रिंग, बंधुआ मजूदरी, बाल मजदूरी, जाली नोट, नकली दवाओं का व्यापार, अवैध हथियार बनाकर बेचना, अवैध खनन सहित अन्य मामले। यह होती है प्रक्रिया अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस फाइल डीएम के पास भेजती है। डीएम के आदेश पर गुंडा एक्ट लागू होता है। ऐसे अपराधियों की जमानत आसानी से नहीं होती।अपराधों में शामिल लोगों पर सामान्य धाराओं के मुकदमे दर्ज होते हैं। अपराधियों की प्रापर्टी जब्त की जा सकती है।
पुलिस आरोपियों को अधिकतम 60 दिन के लिए बंद कर सकती है। गुंडा एक्ट में पाबंद को पुलिस जिला बदर करा सकती है। क्राइम कंट्रोल करने के लिए यह कदम उठाया जाता है। गुंडा और गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। थानों की पुलिस इस प्रक्रिया को पूरा कर रही है। इस साल 235 के खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई की गई है। जबकि, 22 नए गैंगेस्टर रजिस्टर्ड किए गए हैं। -डॉ। सुनील गुप्ता, एसएसपी