-पॉवर कॉरपोरेशन को नहीं मिल रहे फाल्ट लोकेटर मशीन के तकनीशियन

-अंडर ग्राउंड केबिल के अलावा अन्य जगहों पर फाल्ट खोजने में होती है आसानी

-आरपीडीआरपी योजना के तहत 2011 में 90 लाख की लागत से खरीदा गया था फाल्ट लोकेटर मशीन

-कॉरपोरेशन ने 28 अप्रैल को निकाला तीन लाख का टेंडर, चालक व तकनीशियन की जरूरत

-18 मई तक टेंडर का लॉस्ट डेट, कोई भी सामने नहीं आया फर्म

सिटी में बेहतर बिजली सप्लाई के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा चुके हैं। इसके बावजूद बिजली तंत्र बार-बार फेल हो जा रहा है। दरअसल, अंडरग्राउंड केबिल फाल्ट की तलाश के लिए 2011 में आरएपीडीआरपी प्लान के तहत पूर्र्वाचल विद्युत वितरण निगम ने लगभग 90 लाख की लागत से लोकेटर मशीन खरीदी थी। जिसके जरिए बड़े से बड़ा फाल्ट दो मिनट में ही खोजा जा सकता है। लेकिन ड्राइवर और तकनीशियन के अभाव में लोकेटर मशीन यूज ही नहीं हो रहा है। डिपार्टमेंट ने इसे चलाने के लिए अप्रैल में तीन लाख रुपए का टेंडर निकाला है। लेकिन अभी तक इसके लिए एक भी ठेकेदार सामने नहीं आया है। जबकि टेंडर की अंतिम डेट 18 मई है। अगर यही हाल रहा तो इस आंधी-पानी में सिटी के करीब 50 हजार घर अंधेरे में डूब जाएंगे। बताते चलें कि पिछले बारिश में विजय चौराहे के पास के अंडरग्राउंड केबिल में फाल्ट होने की शिकायत मिली। जिसे खोजने में अफसरों और कर्मचारियों की हालत खराब हो गई। किसी तरह से ओवरहेड के जरिए सप्लाई बहाल की जा सकी। बारिश के दिनों में अंडरग्राउंड केबिल में फाल्ट होने से पूरे एरिया की बिजली सप्लाई बंद हो जाती है। जिससे पब्लिक परेशान रहती है। फाल्ट दूरूस्त करने के लिए पूरी लाइन को खोदना पड़ता है। इसके लिए सड़कें भी तोड़नी पड़ती है। 90 लाख की लागत से खरीदी गई फाल्ट लोकेटर मशीन में रखे-रखे जंग लग रहा है। पिछली बारिश में जब तारामंडल, विजय चौराहा, बक्शीपुर आदि एरिया में ताबड़तोड़ अंडरग्राउंड केबिल में फाल्ट होने लगा तब अफसरों को इस मशीन की याद आई। उसके बाद 12 लाख रुपए खर्च कर मशीन की रिपेयरिंग दिल्ली की एक फर्म द्वारा कराई गई थी। जानकारी के मुताबिक दोबारा उसके मोटर में खराबी आ गई। जिसे दुरूस्त कराया गया है।

बिछाई गई है अंडरग्राउंड केबिल

सिटी के गोलघर, बक्शीपुर और गोरखनाथ एरिया में अंडरग्राउंड केबिल बिछाई गई है। वहीं सिटी के चारों डिवीजन के उपकेंद्रों में अंडरग्राउंड केबिल डाली गई है। चालक और तकनीशियन नहीं होने की वजह से फाल्ट लोकेटर मशीन नहीं चलने के कारण फाल्ट ढूंढना मुश्किल होता है।

कैसे काम करता है फाल्ट लोकेटर मशीन

-फाल्ट लोकेटर मशीन इलेक्ट्रोमैग्नेटिक डिवाइस तकनीक पर काम करती है

-इस मशीन को मैकेनिक अंडरग्राउंड लाइन के किनारे लेकर चलेगा

-इलेक्ट्रोमैग्नेटिक डिवाइस लगी मशीन का संपर्क सीधा एयरफोन से होगा

-अंडरग्राउंड केबिल में जहां फाल्ट होगा वहां की स्पार्किंग की आवाज को डिडेक्ट कर एयरफोन तक पहुंचाएगी

-मैकेनिक उसी स्थान पर फाल्ट देख कर मरम्मत कर देगा।

वर्जन

फाल्ट लोकेटर मशीन को चलाने के लिए चालक और तकनीशियन की जरूरत है। इसके लिए टेंडर निकाले गए हैं। फिलहाल टेंडर खुलने के बाद ही पता चलेगा कि कितनी फमरें ने अप्लाई किया है।

ई। यूसी वर्मा, एसई सिटी

Posted By: Inextlive