गोरखपुर के बेसिक शिक्षा स्कूलों के बच्चों को ब्रिलियंट बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने कमर कस ली है. एकेडमिक क्वालिटी में सुधार के लिए गोरखपुर में मॉडल के रूप में निपुण नेशनल इनिशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग विथ अंडरस्टैंडिंग न्यूमरेसी प्रोजेक्ट लागू किया गया है. निपुण भारत प्रोजेक्ट के तहत क्लास 8 तक के बच्चों का सरल एप आकलन एग्जाम 26 व 27 अप्रैल को हुआ था जिसमें गोरखपुर के बच्चे साइंस और मैथ्स में कमजोर मिले. अब बच्चों को सरल तरीके से मैथ्स और साइंस पढ़ाने की ट्रेनिंग लेने यहां की 40 सदस्यीय टीम गुजरात के आईआईटी गांधीनगर जाएगी.


गोरखपुर (ब्यूरो).11 जून को बच्चों के अंदर साइंस और मैथ्स के प्रति इंट्रेस्ट जगे। इसकी ट्रेनिंग लेने परिषदीय स्कूलों की 40 सदस्यीय टीम गुजरात जा रही है। वहां पर आईआईटी गांधीनगर में 5 दिन लगातार कार्यशाला चलेगी, जिसमें टीचर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी। उत्साह के साथ हुए बच्चे शामिलपहली बार 1 से लेकर क्लास 8 तक के बच्चों का सरल एप के द्वारा ओएमआर शीट का प्रयोग करते हुए आकलन किया गया। गोरखपुर के शत प्रतिशत स्कूलों के 2,86,000 के सापेक्ष 2,28,800 बच्चे इसमें शामिल हुए। दिव्यांग बच्चों ने भी इसमे पार्टिसिपेट किया। क्या कहती है सर्वे रिपोर्ट
भाषा सम्प्राप्ति में जिले के क्लास 1 से 3 तक के बच्चों द्वारा छोटे वाक्य पढकर क्वेश्चन को समझने, विलोम शब्दों की पहचान करने के लक्ष्य को 82 परसेंट प्राप्त कर लिया है। जबकि ग्रेड चार एवं पांच के बच्चे अपनी बात अपने शब्दों में कह सकने में 76 परसेंट तक मजबूत हुए हैं। वहीं क्लास 6 से 8 के बच्चे गद्य पढऩे, क्वेश्चन को समझने और व्याकरण को समझने में 62 परसेंट तक मजबूत हुए है। इस तरह हुआ सर्वे


धाराप्रवाह पढऩे के कौशल, कविता की समझ, पर्यायवाची या मुहावरों के यूज में क्लास 3, 4, 5 के बच्चों ने अभी निपुण भारत के लक्ष्य को पूरा नहीं किया है, जिसको पूरा कराने का प्रयास शिक्षा विभाग करेगा। जिले के साइंस और मैथ्स के एआरपी, सक्रिय टीचर, डायट प्रवक्ता एवं खण्ड शिक्षा अधिकारियों की 40 सदस्यीय टीम जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की अगुआई में जाएगी। 11 जून से पांच दिवसीय कार्यशाला आईआईटी गांधीनगर में आर्गनाइज होगी। विवेक जायसवाल, जिला कोआर्डिनेटर

Posted By: Inextlive