- अनलॉक 1.0 के साथ शुरू की गई बसों को डीजल खर्च के लिए भी नहीं मिल रहे पैसेंजर्स

- सबसे ज्यादा बस्ती डिपो की 23 बसें शामिल

GORAKHPUR: लॉकडाउन के दरमियान जहां रोडवेज बसों ने प्रवासी श्रमिकों को फ्री में उनके घर तक पहुंचाने का काम किया। वहीं अनलॉक 1.0 के बाद पब्लिक की सुविधा के लिए शुरू हुई बसों में सवारी न मिलने से सरेंडर हो जा रही हैं। क्योंकि वर्तमान में बसें भरी कम और खाली ज्यादा सड़कों पर दौड़ रही हैं। उन्हें इतने पैसेंजर्स भी नहीं मिल रहे कि डीजल का खर्च ही निकल सके। इसकी वजह से गोरखपुर रीजन की टोटल 102 बसों का सरेंडर किया गया है। बिना सवारी खड़ी बसों का रोड टैक्स न देना पड़े इसीलिए इन बसों को सरेंडर करना पड़ा है। इससे रोडवेज को हर महीने 35 लाख रुपए रोड टैक्स की बचत होगी।

गिरती गई पैसेंजर्स की तादाद

एक जून से अनलॉक के साथ ही रोडवेज ने गोरखपुर रीजन से तकरीबन सभी जिलों के लिए करीब 350 बसें शुरू की थीं। शुरूआती दिनों में तो बसों को काफी संख्या में पैसेंजर्स मिले क्योंकि बाहर से घर लौटने वाले पैसेंजर्स की संख्या अधिक थी। हालांकि बाद में तेजी से पैसेंजर्स की संख्या में गिरावट आने लगी। आलम यह है कि रोडवेज बसों में यात्रा करने वाले पैसेंजर्स की संख्या 37 परसेंट से नीचे पहुंच गई और अब तो यह संख्या और भी कम हो गई है। इसकी मुख्य वजह कोरोना वायरस संक्रमण रही। लोग रोडवेज बस या किसी भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट से सफर करने से बच रहे हैं।

डीजल का खर्च तक निकलना मुश्किल

पैसेंजर्स की कमी के कारण रोडवेज की बसों का डीजल खर्च निकालना भी मुश्किल हो गया है। रोडवेज के एसएम धनजी राम के अनुसार 70 परसेंट पैसेंजर्स होने पर डीजल और कर्मचारियों का वेतन खर्च निकलता है। लेकिन लॉकडाउन के बाद बसों का संचालन बंद होने के बाद स्थितियां बदल गई। अनलॉक के दौरान जब बसों को संचलन शुरू हुआ तो लगा कि पैसेंजर्स की संख्या बढ़ेगी लेकिन कोरोना वायरस के डर के मारे लोग सफर करने से कतराने लगे। अब लोग प्राइवेट गाडि़यों से ही सफर करना सेफ समझ रहे हैं। इसी की नतीजा है कि रोडवेज बसों में पैसेंजर्स की संख्या घटने लगी है। जिससे रोडवेज बसों को सरेंडर किया जाने लगा है। गोरखपुर रीजन में आने वाले डिपो से कुल 102 बसों को सरेंडर किया गया है। इसमें साधारण किराया बसों के साथ एसी बसें भी शामिल हैं।

इन डिपो की बसों को किया सरेंडर

सरेंडर की गई बसें - 102

गोरखपुर डिपो - 20

राप्तीनगर डिपो - 20

देवरिया डिपो - 12

महराजगंज डिपो -11

सोनौली डिपो - 7

बस्ती डिपो - 23

सिद्धार्थनगर डिपो - 9

बसों में सीटें - 52-34

प्रति किलोमीटर डीजल खर्च - 35 प्रतिशत

प्रति बसों में सवारी की संख्या होनी चाहिए - 20-25

एक बस पर प्रति माह देना होता है रोड टैक्स - 35 हजार रुपए

रोडेवज के बेड़े में बसें - 810

वर्तमान में डेली बसों का हो रहा संचालन - 350

वर्जन

मई माह में पैसेंजर्स की संख्या अधिक थी लेकिन कोरोना वायरस के डर के मारे पैसेंजर्स सफर नहीं कर रहे हैं। इसकी वजह से बसों का डीजल खर्च निकालना मुश्किल हो गया है। मुख्यालय से आए आदेश के बाद बसों को सरेंडर किया गया है ताकि रोडवेज को एक्स्ट्रा रोड टैक्स से बचाया जा सके। इसीलिए रीजन की 102 बसों को सरेंडर किया गया है।

धनजी राम, एसएम रोडवेज

Posted By: Inextlive