सेल्फी प्वाइंट बन न जाए जानलेवा, सिक्योरिटी अरेंजमेंट है जरूरी
- राजघाट में जहां-तहां सेल्फी लेने पहुंचते हैं लोग
- झाडि़यों में पैर फिसलने से डूब चुका है देवरिया का युवक - सुरक्षा के लिहाज से तारों की बाड़ बनाए जाने की है दरकारGORAKHPUR: शहर की खूबसूरती में राप्ती नदी के किनारे बना गुरु गोरक्षनाथ घाट और रामघाट चार चांद लगा रहा है। बदलते माहौल में एक घूमने-फिरने की जगह के रूप में अहमियत बढ़ती जा रही है। रोजाना शाम को जहां लोगों की भीड़ यहां जमा होती है। वहीं यह जगह एक नए सेल्फी स्पॉट के रूप में डेवलप हो रही है। लेकिन बारिश के सीजन में यह सेल्फी प्वाइंट जानलेवा भी हो सकता है। वजह साफ है कि राप्ती नदी उफनाई हुई है। पानी बढ़ने पर घाट की सीढि़यां भी डूब जा रही हैं। 27 जून को घाट के पास झाडि़यों में सेल्फी लेने के चक्कर में एक युवती फिसलकर पानी में गिर गई। उसे बचने के चक्कर में साथ गया दोस्त डूब गया। तभी से यहां पर सिक्योरिटी अरेंजमेंट की आवश्यकता जताई जा रही है। जिम्मेदारों का कहना है कि इस जगह पर सुरक्षा के संबंध में उपाय किए जाएंगे।
क्या हुआ है बदलाव? - राजघाट के श्मशान घाट को पर्यटक स्थल के रूप में डेवलप किया गया है।- 16 फरवरी को सीएम योगी ने राप्ती तट के दोनों घाटों का लोकार्पण किया था।
- राजघाट वाला तट गुरु गोरक्षनाथ घाट और दूसरी तरफ का श्रीरामघाट बनाया गया। - इनॉगरेशन के बाद इसे आम पब्लिक के लिए खोल दिया गया। लोगों की आवाजाही बढ़ गई। - हाबर्ट बंधे से लेकर राजघाट तक सीसीरोड का निर्माण कार्य भी चल रहा है। - एक तरफ प्रदूषण मुक्त लकड़ी, गैस आधारित शवदाह संयंत्र की स्थापना भी हुई है। - परंपरागत अन्त्येष्टि स्थल भी बनाया गया है। - बारिश के दिनों में अंतिम संस्कार में जाने वाले लोगों की प्रॉब्लम सॉल्व हो गई है। - तीन घाट बनने से छठ पूजा में भी कोई समस्या नहीं आएगी। महिलाओं के लिए चेंज रूम भी बने हैं। फैक्ट फीगर नगर निगम ने किए यह काम राजघाट पर अन्त्येष्टि स्थल का निर्माण - 1054.63 लाख प्रदूषण मुक्त लकड़ी एवं गैस आधारित शवदाह संयंत्र की स्थापना - 106.3 लाख सिंचाई विभाग ने यह काम कराया राप्ती नदी के बाएं तट पर महायोगी गुरु गोरक्षनाथ घाट का निर्माण - 2785.71 लाख राप्ती नदी के बाएं तट पर राज घाट का निर्माण - 499 लाखराप्ती नदी के दाएं तट पर रामघाट का निर्माण - 1599.00 लाख
यह है स्थिति - घाट पर निर्माण से संबंधित कार्य चल रहे है। - नदी के दोनों तरफ घाट पूरी तरह से खुले हुए हैं। - नदी में दिनभर लोग नहाते हैं। लेकिन पानी में कहां तक जाना है। इसकी सीमा तय नहीं है। - नदी किनारे सेल्फी लेने वाले यदि पानी में चले जाएं तो उनके बचने की अभी कोई सुविधा नहीं है। - अन्य घाटों की तरह से यहां पर सुरक्षा से संबंधित कोई बोर्ड नहीं लगाया गया है। - पानी भरने पर लोगों के डूबने का खतरा है। इसलिए सुरक्षा के संबंध में उपाय किए जाने चाहिए। - लोग मनमर्जी तरीके से नहा रहे हैं। गहरे पानी में जाने का डर किसी को नहीं लग रहा। - पानी बढ़ने पर डूबने का खतरा भी बना हुआ है। क्या होनी चाहिए व्यवस्था? - नदी घाट पर हर जगह जाने पर पूरी तरह से रोक होना चाहिए। - पानी में जंजीर और पाइप लगाकर एक सीमा तय की जानी चाहिए। - घाट की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए। - घाट पर भीड़ के समय एक तैराकी दल की तैनाती की जाए।- घाट के अतिरिक्त इधर-उधर जाने वालों को रोकने के लिए पुलिस फोर्स रहे।
- डूबने से बचाने के लिए जल पुलिस सहित अन्य व्यवस्था भी की जाए। इस संबंध में संबंधित विभागों के अधिकारियों से जानकारी ली जाएगी। प्रॉपर इंस्पेक्शन कराकर समुचित उपाय करने के निर्देश दिए जाएंगे। रवि कुमार एनजी, कमिश्नर, गोरखपुर