- खौफ में नजर आए मतदान कर्मचारी, सुस्त रफ्तार से लगी लाइन

- बच्चों का मेला, पत्‍ि‌नयों ने डाला वोट, पतियों के लिए रहा झमेला

GORAKHPUR: पंचायत चुनाव में एक-एक वोट बटोरने की कवायद हुई है। भीड़ और लाइन में लगने से बचने के लिए जहां प्रत्याशियों ने ज्यादातर सीनियर सिटीजन को सुबह ही पोलिंग सेंटर पर पहुंचा दिया। वहीं युवा मतदाता भी लाइन में खूब नजर आए। तीन पीढि़या एक साथ प्रधान चुनने पहुंची तो बच्चों को लेकर महिलाएं भी पहुंची। कुछ के पतियों ने बच्चों को संभालकर वोट डलवाए तो कुछ बच्चे अपने मां के आसपास सेंटर पर ही मंडराते रहे। खुले ग्राउंड में बच्चे मिट्टी में खेलते नजर आए। इस दौरान उनके पैरेंटस ने इस बात की तनिक परवाह नहीं कि कोरोना संक्रमण से बचना है। कुल मिला जुलाकर देर शाम तक वोटिंग चलती रही। संक्रमण के खौफ से सहमे कर्मचारी आराम से वोट डलवाते रहे। इस कारण समय खत्म होने के बाद भी लोगों की लाइन बनी रही।

देखिएगा, पत्नी चुनाव लड़ रही हैं

पंचायत चुनाव में हर प्रत्याशी दमखम लगा देता है। महिला सीट वाली जगहों पर अधिकांश प्रत्याशियों के पति, देवर, ससुर और परिवार के दूसरे सदस्य चेहरा बने हुए थे। पोलिंग स्टेशन के बाहर खड़े होकर वह लोग अपने प्रत्याशियों के बारे में बताते हुए अंत तक वोट मांगते नजर आए। प्रत्याशियों ने यहां तक कहा कि देखिएगा, हमारी पत्‍‌नी चुनाव लड़ रही हैं। उनका चिन्ह यही है। इसी पर ही उनको वोट दीजिएगा।

किसी ने बच्चे संग वोट डाला तो किसी के पति ने संभाला

अधिकांश जगहों पर बच्चों संग महिलाएं वोट डालने पहुंचीं। किसी की गोद में नवजात तो किसी के बच्चे थोड़े बड़े थे। जिन महिलाओं संग कोई नहीं आया था। वह अपने बच्चों को गोद में लेकर लाइन में लगी रहीं। बच्चों के साथ ही उन्होंने मतदान किया। ऐसी महिलाएं जिनके पति साथ आए थे। वोट न पड़ने तक बच्चा संभालने की जिम्मेदारी पति निभाते रहे। कुछ केंद्रों पर बच्चे मिट्टी में खेलते पाए गए।

सुबह पहुंचे बुजुर्ग मतदाता, दोपहर बाद नजर आए युवा

एक-एक वोट सहजने की कवायद नजर आई। ज्यादातर प्रत्याशियों ने अपने समर्थकों की मदद से बुजुर्ग और बीमार लोगों को सुबह ही मतदान केंद्र पर पहुंचाने का प्रयास किया। 11 बजे तक अधिकांश लोगों ने वोट भी डाल दिया। दोपहर बाद यूथ की लाइन नजर आई। घर में नाश्ता और भोजन तैयार करने के बाद बहुएं भी निकलीं। इसलिए दोपहर के बाद बूथों पर अच्छी लाइन लग गई।

कहीं रोका तो कहीं बजती रही घंटी

पोलिंग स्टेशन के भीतर किसी भी वोटर और एजेंट के लिए मोबाइल ले जाने की इजाजत नहीं है। इसका हवाला देकर कई बूथों पर मोबाइल पर बात करने से रोक दिया गया। अधिकांश वोटर्स को दोबारा इसलिए आना पड़ा। क्योंकि वह हाथ में मोबाइल फोन लिए चले जा रहे थे। हालांकि कई केंद्रों पर लोग पर मोबाइल फोन से बात करते हुए नजर आए।

एजेंट के बीच कहासुनी पर पहुंची पैरामिलिट्री

चिऊटहां में वोट डालने के लिए पहचान पत्र को लेकर कहासुनी हुई। मतदान एजेंट्स के बीच कहासुनी होने पर अतिरिक्त फोर्स बुलानी पड़ गई। चिऊटहां मतदान केंद्र पर हंगामा होने पर पैरामिलेट्री पहुंची। कुछ लोगों ने मतदान कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए।

बदली ने दिया साथ, धूप से नहीं हुए हलकान

पंचायत इलेक्शन में ज्यादातर जगहों पर छांव के लिए टेंट लगाए गए थे। मतदान केंद्रों पर लोगों को आराम से पहुंचाया जा रहा था। गुरुवार को बदली जैसा मौसम होने से लोगों को उमस ने परेशान तो किया। लेकिन धूप से काफी राहत मिली।

प्रत्याशियों ने दिए मास्क, करने पहुंचे मतदान

मतदाताओं की सुविधा के लिए प्रत्याशियों ने मास्क का वितरण भी किया। बुधवार की शाम मतदान पर्ची के साथ हर वोटर को मास्क भी दिए गए हैं। करीब-करीब हर प्रत्याशी ने मतदाताओं के लिए मास्क का इंतजाम किया था। कुछ लोगों ने गुरुवार को भी मास्क का वितरण कराया।

मूवमेंट में रहे पुलिस-प्रशासन के अफसर

मतदान को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए एडीजी से लेकर एसपी तक मूवमेंट में रहे। एडीजी अखिल कुमार, कमिश्नर जयंत नार्लिकर, डीआईजी डॉ। प्रीतिंदर सिंह, डीएम के। विज्येंद्र पांडियन, एसएसपी दिनेश कुमार पी सहित अन्य सभी एसपी और सीओ दिनभर मोबाइल रहे। पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने मोबाइल रहकर पूरी जानकारी ली। किसी तरह की शिकायत सामने आने पर उसे दूर करने का निर्देश दिया।

Posted By: Inextlive