-नौकायन जेटी पर हुई तैयारी हो गई फेल, निराश लौटे बड़ी संख्या में पहुंचे लोग

GORAKHPUR: हर जगह सूर्य ग्रहण की महत्वपूर्ण खगोलीय घटना अपने निर्धारित समय पर घटित हुई लेकिन गोरखपुर के लोग कोहरे की वजह से इसे देखने से वंचित रह गए। इसे लेकर यूपी अमेच्योर एस्ट्रोनॉमी क्लब की ओर से नक्षत्रशाला परिसर में और व्राटिनो टेक्नोलॉजी की ओर से नौकायन जेटी पर की गई तैयारी धरी की धरी रह गई।

काफी कोशिश के बाद भी नहीं मिली सफलता

तय समय पर सुबह 8.19 से लेकर 11.07 तक टेलीस्कोप और सोलर चश्मों से सूर्य ग्रहण देखने की लोगों ने हर संभव कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। दोनों ही जगहों पर सूर्य ग्रहण देखने के लिए दो-दो टेलीस्कोप का इंतजाम किया गया था। टेलीस्कोप देखने का तरीका बताने के लिए एक्सप‌र्स्ट भी मौजूद थे। सूर्य ग्रहण देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे भी थे। हालांकि लोग सूर्य ग्रहण तो नहीं देख सके लेकिन उन्हें इस खगोलीय घटना के बारे में विस्तार से जानकारी जरूर मिली।

इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण

इस वर्ष का यह आखिरी सूर्य ग्रहण था, इसलिए इसे लेकर लोगों में उत्सुकता देखने को मिली। नक्षत्रशाला में क्षेत्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केंद्र के प्रभारी महादेव पांडेय, खगोलविद अमरपाल सिंह, वेदप्रकाश पांडेय आदि पूरे समय सूर्य ग्रहण देखने के लिए जुटे लोगों के बीच मौजूद रहे। रामगढ़ताल के नौकायन जेटी पर व्राटिनो टेक्नोलॉजी के सचींद्र नाथ अपनी टीम के साथ पूरे समय जमे रहे।

श्रद्धालुओं ने किया पूजा-पाठ, जप

पूरे भारत में लगा सूर्य ग्रहण गोरखपुर में सुबह 8.23 से 11.13 बजे तक था। हालांकि कोहरे व बादल के चलते सूर्य ग्रहण दिखा भी नहीं। श्रद्धालुओं ने इस दौरान पूजा-पाठ व जप कर भगवान सूर्य के मोक्ष की कामना की। सुबह ग्रहण लगने के पूर्व ही श्रद्धालुओं ने स्नान आदि कर लिया था। ग्रहण लगने के साथ ही उनका पूजा-पाठ, जप शुरू हुआ जो मोक्ष होने के साथ समाप्त हुआ। मंदिरों व घरों में सुंदर कांड, आदित्य हृदयस्तोत्रम आदि पाठ किया गया। मोक्ष के बाद श्रद्धालुओं ने पुन: स्नान किया और दान कर मंगल कामना की। ग्रहण के दौरान लोगों ने पानी तक नहीं पिया और न ही घर में भोजन बना। माना जाता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान घर में भोजन बनाने से या बनाकर रखने से वह दूषित हो जाता है।

Posted By: Inextlive