कूटरचित दस्तवेजों के बूते बिजली निगम में नौकरी हथियाने वाले 4 श्रमिकों पर गाज गिरनी तय है. जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में पुष्टि की है कि इन सभी ने नियुक्ति आदेश के दस्तावेज में कूटरचना कर श्रमिक पद पर कार्यभार ग्रहण किया है. लिहाजा इन सभी चारों पर केस दर्ज करने की तैयारी चल रही है. बाद में उनसे वेतन की वसूली भी होगी. कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से नौकरी देने पर चीफ इंजीनियर कार्यालय भी कटघरे में आ गया है. जांच कमेटी ने सीई कार्यालय की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं. सीई ने पूर्वांचल निगम के एमडी को जांच रिपोर्ट से अवगत कराने के साथ ही सभी आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए वितरण खण्ड पडरौना व चौरीचौरा के एक्सईएन को आदेश दिया है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। दरअसल पूर्वांचल वितरण निगम के मुख्य अभियंता प्रशासन वीके सिन्हा ने 26 जून 2013 को पत्रांक संख्या- 770 के माध्यम से जोन के सीई को आदेश दिए की मास्टरोल सूची के कर्मचारी सुदामा व सुरेंद्र यादव की नियुक्त आनंद नगर व ग्रामीण वितरण खंड द्वितीय में होनी है। सीई ने तत्कालीन एसई को निर्देश दिए कि दोनों की नियुक्ति कर सूचना से अवगत कराए। इस आदेश में कूटरचना कर मस्टरोल गैंग के सरगना ने दो नाम के साथ चार और कर्मचारियों के नाम जोड़कर नया आदेश तैयार कर दिया। अक्टूबर 2019 में कर दी नियुक्ति
सीई कार्यालय ने इस आदेश पत्र को एसई कुशीनगर को भेजकर नियुक्त करने को कहा। इसी कूटरचित आदेश पर वितरण मंडल कुशीनगर के वितरण खंड पडरौना के तत्कालीन एक्सईएन ने अक्टूबर 2019 में माधुरी श्रीवास्तव, सुधीर सिंह व योगेंद्र यादव की श्रमिक पद पर नियुक्ति कर दी। कसया खंड के तत्कालीन एक्सईएन ने जनवरी-20 में राधेश्याम शर्मा की श्रमिक पद पर नियुक्ति की। इसके बाद वेतन जारी करने को पत्रावली जोन के उपमुख्य लेखाधिकारी कार्यालय में पहुंची। फाइल बढ़ा दी आगे


उपमुख्य लेखाधिकारी ने पत्रावली का अवलोकन कर फाइल आगे बढ़ा दी। इसके बाद सभी नवनियुक्त कर्मचारियों का वेतन बनने लगा। चार श्रमिकों की नियुक्त के बाद कर्मचारी संगठन ने मामले की शिकायत शक्तिभवन से लगायत पूर्वांचल एमडी तक की। मामले का संज्ञान लेकर पूर्वांचल एमडी ने जोन के चीफ इंजीनियर को टीम गठित कर जांच कराने के निर्देश दिए।सीई ने तीन सदस्यी कमेटी से कराई जांच जोन के चीफ इंजीनियर ई। राजेंद्र प्रसाद ने इस गंभीर प्रकरण की जांच के लिए अक्तूबर-2021 में दो अभियंताओं व एक लेखाकार को जिम्मेदारी सौंपी। टीम में ई। राजीव चतुर्वेदी, एक्सईएन परीक्षण खंड देवरिया, ई। प्रवीण कुमार चौबे, एक्सईएन परीक्षण खंड कुशीनगर व संजय आर्या लेखाकार माध्यमिक कार्यखंड शामिल रहे। यह टीम सात माह तक मामले की जांच की। इसके बाद 23 मई 2022 को अपनी रिपोर्ट मुख्य अभियंता को सौपी।सीई ने पडरौना व चौरीचौरा एक्सईएन को यह लिखा

जोन के चीफ इंजीनियर ई। एके सिंह ने वितरण खंड पडरौना व चौरीचौरा खंड के एक्सईएन को लिखा है कि कूटरचित दस्तावेज पर चार श्रमिकों की नियुक्ति प्रकरण में गठित जांच समिति ने 23 मई व 27 जून को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी है। जांच आख्या व निष्कर्ष के परिपेक्ष्य श्रमिक राधेश्याम, माधुरी श्रीवास्तव, सुधीर सिंह व योगेंद्र यादव की नियुक्त कूट रचित दस्तावेजों पर होने के कारण आपको निर्देशित किया जाता है कि इस संदर्भ में चारो आरोपियों के खिलाफ तत्काल लागू विभागीय नियमानुसार समस्त आवश्यक कार्यवाही व वैधानिक कार्यवायी सुनश्चित करें और कृत कार्यवाही से इस कार्यालय को लौटती डाक से अवगत कराए। इस संबंध में कार्यवाही में विलंब होने पर सारी जिम्मेदारी आप की होगी। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में चारों श्रमिकों की नियुक्ति कूट रचित दस्तावेज पर होने की पुष्टि की है। जोन के वितरण खंड पडरौना व चौरीचौरा के एक्सईएन को निर्देश दिया है कि सभी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराए। इसके साथ ही इन सभी से वेतन भुगतान मद में रिकवरी करके कार्यालय को अवगत कराए।- ई। एके सिंह, चीफ इंजीनियर गोरखपुर जोन

Posted By: Inextlive