उत्तराखंड के हरिद्वार पुलिस गायत्री परिवार के पूर्व प्रचारक हरगोविंद को बुधवार की शाम को गोरखपुर के गुलरिहा एरिया से हिरासत में ले लिया. हरिद्वार पुलिस उन्हें अपने साथ ले गई.


गोरखपुर (ब्यूरो)। उनपर रेप और पास्को एक्ट का आरोप है। मामले में गुलरिहा पुलिस का कहना है कि हरगोविंद पास्को मामले का वारंटी था। जिसे वहां की पुलिस आकर ले गई है।तिवारीपुर के रहने वाले हैं हरगोविंद


हरगोविंद गोरखपुर के तिवारीपुर एरिया के रहने वाले हैं। वह गोरखपुर में गायत्री परिवार के प्रचारक और कार्यकर्ता रह चुके हैं। हरगोविंद पक्ष का कहना है कि छत्तीसगढ़ की एक युवती जो गायत्री परिवार की सेवादार थी, उसने परिवार के प्रमुख प्रणव पांड्या पर रेप का केस दर्ज कराया था। रेप की जीरो एफआइआर वर्ष 2018 में दिल्ली में दर्ज हुई थी। जिसे बाद में हरिद्वार की कोतवाली पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया था। जिसमें युवती का 164 का बयान और वीडियो रिकॉर्डिंग हुई थी। बाद में युवती ने अप्लीकेशन देकर गुमराह कर रेप का केस दर्ज कराने की बात कही। जिसके बाद उनपर दबाव बनाकर रेप का केस दर्ज कराने के मामले में केस हुआ था। युवती ने जो रेप का केस दर्ज कराया था उसमें वह पैरोकार थे और युवती का साथ दे रहे थे।

मामले में इंस्पेक्टर गुलरिहा उमेश कुमार वाजपेई ने बताया कि हरगोविंद प्रवाह पास्को मामले का वारंटी था। हरिद्वारा पुलिस आई थी और उसे अपने साथ ले गई है। वहीं भटहट चौकी इंचार्ज ज्योतिनारायण तिवारी ने बताया कि बुधवार को हरिद्वार कोतवाली की पुलिस सर्विलांस सेल के साथ आई थी और इलाके के तरकुलहा गांव से हरगोविंद को हिरासत में लेकर थाने में आमद कराकर ले गई है।भाई और दोस्तों ने एडीजी से की कंप्लेनहरगोविंद प्रवाह की गिरफ्तारी के बाद उनके भाई तिवारीपुर के मोहनलालगंज निवासी अनिल गुप्ता और दोस्त बेतियाहाता निवासी धीरेंद्र प्रताप ने एडीजी जोन अखिल कुमार से कंप्लेन कर जबरन उन्हें गाड़ी में बैठाकर बिना कारण बताए ले जाने का आरोप लगाया है। परिजनों ने आईजीआरएस पोर्टल पर भी कंप्लेन की। परिजनों का कहना है कि हरिद्वार के शांतिकुंज की निजी सेविका जो नाबालिग थी, उसने गायत्री परिवार के मुखिया प्रणव पंड्या पर शारीरिक शोषण का आरोप लगाया था। लेकिन वहां केस दर्ज नहीं हुआ। जिसके बाद दिल्ली में जीरो एफआईआर की गई। आरोप लगाया कि अब वहां की पुलिस किशोरी का साथ देने वालों को फर्जी केस में फंसा रही है। बताया कि हरगोविंद केस के पैरोकार थे। आरोप है कि हरिद्वार पुलिस जबरन उन्हें ले गई। उनकी गिरफ्तारी जीडी पर भी दर्ज नहीं की गई और न ही गोरखपुर के मजिस्ट्रेट को सूचना दी गई।

Posted By: Inextlive