- घर में सेपरेट टॉयलेट न होने पर घर में फैमिली ट्रांसमिशन बना कोरोना

- होम आइसोलेशन के केस में घर के अन्य सदस्य भी आ रहे चपेट में

GORAKHPUR:

केस वन

सिटी के रूस्तमपुर में एक फैमिली के एक मेंबर कोरोना पॉजिटिव हुए, उनकी फैमिली में कुल 11 सदस्य हैं। चार कमरे के घर में एक ही टॉयलेट है। इसके बावजूद घर के मेंबर्स ने होम आइसोलेशन में इलाज कराना शुरू किया। इसके कारण फैमिली के दूसरे मेंबर्स पर कोरोना संक्रमण का खतरा मंडराने लगा। आलम यह है कि घर के बाकी के मेंबर्स भी कोरोना की जद में आ गए।

केस टू

दिव्य नगर के रहने वाले इंजीनियर फैमिली में इंजीनियर कोरोना संक्रमित हुए। वे एक हॉस्पिटल में एडमिट हुए। जबकि इन्हीं के फैमिली मेंबर में बेटा होम आइसोलेशन में है। दो दिन बाद रैपिड रिस्पांस टीम जब घर पर पहुंची तब फैमिली के सदस्य ताला बंद कर घूमने गए थे। वे कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे, मोहल्ले के लोगों ने भी इसकी शिकायत की। तो पता चला कि इस तरह से लोग नियमों की अनदेखी कर रहे हैं।

ये दो केस बानगी भर है। दरअसल होम आइसोलेशन में रहने वाले कुछ लोग कोरोना के प्रोटोकाल को फॉलो नहीं कर रहे हैं। वे बेखौफ घूम सिटी के विभिन्न इलाकों में घूम रहे हैं। कोई रिश्तेदारी निभा रहा है तो कोई अपने निजी काम के लिए मार्केट में भी घूम रहा है। आलम यह है कि कालोनी के लोग और उनके परिजन बी संक्रमित हो रहे हैं। बता दें, शासन के निर्देश पर गोरखपुर में 22 जुलाई से होम आइसोलेशन की सुविधा शुरू हुई है। तब से अब तक 90 प्रतिशत संक्रमितों ने इस सुविधा को पहली प्राथमिकता में चुना है। अब तक करीब 10 हजार लोगों ने होम आइसोलेशन में इलाज को वरीयता दी है। इनमें से 2900 का इलाज अब भी चल रहा है। होम आइसोलेशन में रहने के दौरान संक्रमित और परिजन नियमों का पूरी तरह से पालन नहीं कर पा रहे हैं।

10 दिन बाद भी हो सकता है रिपीट

सदर तहसील के सीनियर ऑफिसर संक्रमित हैं। वह 14 दिन से होम आइसोलेशन में हैं। उन्होंने मंडे को अपनी जांच कराई। जांच में वह फिर पॉजिटिव मिले। होम आइसोलेशन में रहने के दौरान कुछ लोग सिर्फ 10 दिन तक ही एहतियात बरत रहे हैं। उसके बाद वे बीमारी और इसके प्रसार को लेकर निश्चिंत हो जा रहे हैं। यह रवैया सही नहीं है।

जांच जरूर करवा लें

वहीं बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड ऑफ डिपार्टमेंट प्रो। अमरेश कुमार सिंह ने बताया कि ज्यादातर कोरोना संक्रमित 10 दिन बाद ठीक हो जाते हैं, लेकिन सभी नहीं। कुछ संक्रमितों में वायरस लोड 20 दिन तक मिला है। ऐसे लोग संक्रमण फैला सकते हैं। ऐसे में संक्रमित को सार्वजनिक जीवन में लौटने से पूर्व जांच जरूर करा लेनी चाहिए।

Posted By: Inextlive