- होम आइसोलेशन में होने वाली कोरोना मरीजों की नहीं होगी दोबारा जांच

- दस दिन के बाद और 3 दिनों तक बुखार न आने पर अगले सात दिन भी घर पर रहना होगा आसान

- होम आइसोलेशन में होने वाली कोरोना मरीजों की नहीं होगी दोबारा जांच

- दस दिन के बाद और फ् दिनों तक बुखार न आने पर अगले सात दिन भी घर पर रहना होगा आसान

GORAKHPUR: GORAKHPUR: होम आइसोलेट होने वाले कोरोना पेशेंट्स को आइसोलेशन अवधि पूरी होने के बाद दोबारा कोरोना की जांच नहीं कराई जाएगी। इसके लिए शासन की तरफ से सभी सीएमओ को गाइडलाइन जारी कर निर्देश दिया गया है। वहीं सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी की माने तो दस दिन होम आइसोलेट रहने के बाद और फ् दिनों तक बुखार नहीं आने पर अगले 7 दिनों तक पेशेंट्स को घर पर ही रखा जाएगा। उसके बाद स्वास्थ्य संबंधित स्क्रीनिंग कर उसे कोरोना मुक्त घोषित किया जाएगा। ऐसे लोगों को फिर से कोरोना जांच की जरूरत नहीं है।

फ्म्ब् हो चुके हैं स्वस्थ

बता दें, गोरखपुर में क्क्फ्8 होम आइसोलेट हुए पेशेंट्स में से फ्म्ब् स्वस्थ हो चुके हैं। जबकि 77ब् ही होम आईसोलेट हैं। सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी ने बताया कि शासन ने लक्षण रहित कोरोना ट्रीटमेंट के बाद मरीजों को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन के दौरान अगर ट्रीटमेंट के बाद मरीज को सांस लेने में कठिनाई, शरीर में आक्सीजन की संतृप्तता में कमी, सीने में दर्द, मानसिक भ्रम की स्थिति, किसी अंग में कमजोरी, होठों या चेहरे पर नीलापन जैसे लक्षण दिखते हैं तो देखभाल करने वाला व्यक्ति तुरंत हेल्थ डिपार्टमेंट को इंफॉर्म करेगा। उसकी तुरंत मदद की जाएगी।

हेल्थ डिपार्टमेंट के ऑफिसर करेंगे मानिटरिंग

सीएमओ ने बताया कि जनपदीय स्वास्थ्य प्राधिकारी कोविड-क्9 ट्रीटमेंट के बाद भी मरीजों की मानिटरिंग करते रहेंगे। इनकी देखरेख में फील्ड स्टॉफ, सर्विलांस टीम, कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर द्वारा किया जाएगा। इन मरीजों के शरीर का तापमान, पल्स रेट तथा आक्सीजन की संतृप्तता को रिकॉर्ड किया जाएगा। फील्ड स्टॉफ मरीज की देखभाल करने वाले को इस संबंध में संवेदीकृत भी करेगा। ट्रीटमेंट के बाद का डिटेल्स कोविड पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन का उल्लंघन करने पर रोगी को शिफ्ट करने का निर्णय होगा।

टोटल होम आइसोलेशन - क्क्फ्8

- एप्प पर रजिस्टर्ड - ख्क्ख्

- ख्ब् घंटे में हुए होम आइसोलेट - क्ख्ब्

- होम आइसोलेशन ओवर - फ्म्ब्

- एक्टिव होम आइसोलेशन -77ब्

अब इन शर्तो पर होम आइसोलेट

- ट्रीटमेंट करने वाले डॉक्टर ऐसे पेशेंट को एसिंप्टोमेटिक रोगी घोषित करेंगे।

- घर में दो शौचालय हो। मरीज के आइसोलेशन और परिजनों के क्वारंटीन होने का इंतजाम अनिवार्य।

- एचआईवी, अंग प्रत्यारोपण और कैंसर का पहले से ट्रीटमेंट लेने वाले एलिजिबल नहीं होंगे।

- देखरेख के लिए एक व्यक्ति उपलब्ध हो जिसे केयर गीवर कहा जाएगा, जो अस्पताल से निरंतर संपर्क बनाए रखे।

- चिकित्सक के परामर्श के अनुसार दवा लेनी होगी।

- आरोग्य सेतु एप सक्रिय रखना होगा और उस पर स्वास्थ्य की स्थिति अपडेट करनी होगी।

- स्मार्ट फोन न होने की दशा में कोविड कंट्रोल रूम में रोजाना जानकारी देनी होगी।

- आइसोलेशन एप को स्मार्ट फोन में डाउनलोड करना होगा।

- मरीज को नियमित मानिटरिंग को स्वीकार करना होगा और जिला सर्विलांस अधिकारी को इसकी नियमित सूचना देनी होगी।

- निर्धारित प्रपत्र पर एक अंडरटेकिंग देनी होगी, जिसमें पेशेंट नियमों के पालन का वचन देगा। इस अंडरटेकिंग पर विचार के बाद ही डॉक्टर इसकी परमिशन देंगे।

वर्जन

शासन से प्राप्त दिशा-निदेर्शों के अनुसार होम आइसोलेशन में ट्रीटमेंट के बाद कोविड मरीजों को पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मा मीटर, मास्क, ग्लब्स, सोडियम हाइपोक्लोराइड साल्यूशन और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली चीजें खुद खरीदनी होंगी।

डॉ। श्रीकांत तिवारी, सीएमओ

Posted By: Inextlive