- ब्लॉक पर कोविड जांच करवाने वाले आए एंटीजन में पॉजिटिव, लेकिन प्राइवेट पैथोलोजी के आरटीपीसीआर में निगेटिव

- प्राइवेट पैथोलोजी में निगेटिव आने के बाद वह खुद को मान लेते हैं कोविड निगेटिव, भूल जाते हैं कोविड प्रोटोकॉल

केस वन

खोराबार ब्लाक के अंतर्गत आने वाले रामनगर कड़जहां की रहने वाली पू्íणमा गुप्ता ने 29 अप्रैल को अपना कोविड जांच करवाई। खोराबार ब्लॉक पर जांच के बाद एंटीजन में उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई, उसके बाद उनके घर में टेंशन बढ़ गईं। फिर क्या बेटियों ने सजेस्ट किया तो उन्होंने बेतियाहाता स्थित निजी पैथोलोजी में कोविड जांच करवाई, तो आरटीपीसीआर में वह निगेटिव आई, अब वह खुद को निगेटिव मान बैठी हैं। इसलिए उन्होंने किसी तरह की दवा नहीं ली है, लेकिन ब्लॉक पर एंटीजन रिपोर्ट में पॉजिटिव आने पर उन्हें आरआरटी द्वारा कॉल कर दवा के बारे में पूछा गया तो पूíणमा ने कहा कि उनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव है, जबकि पहले एंटीजन में रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। कई जगह जांच के बाद भी लोग खुद को कोविड पॉजटिव बच रहे हैं। जो गलत है।

केस टू

चारगांवा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले एरिया में जब आरआरटी के मेंबर ने कोविड पॉजिटिव पाए गए राम नगीना साहनी को कॉल करते हैं तो संक्रमित व्यक्ति फोन पर सीधे यह जवाब देते हैं कि उनकी रिपोर्ट भले ही एंटीजन में ब्लॉक पर पॉजिटिव आई थी, लेकिन वह आरटीपीसीआर में निगेटिव हैं। आरआरटी के समझाने के बाद भी संक्रमति व्यक्ति यह मानने को तैयार नहीं हैं और न ही उन्होंने किसी तरह की दवा लेनी ही शुरू की है।

यह दो केस बानगी भर है, सिटी में ऐसे ढेरों लोग हैं जो अपने एंटीजन पॉजिटिव रिपोर्ट को दरकिनार कर आरटीपीसीआर को सही मान रहे हैं। इसके हिसाब से ही वह अपना लाइफ स्टाइल भी तय कर ले रहे हैं। दरअसल, सिटी व रूरल एरिया में कोविड पॉजिटिव वालों को दवा मिली की नहीं, वह सेपरेट कमरें में रह रहे हैं कि नहीं? उनकी ऑक्सीजन पल्स रेट क्या है आदि की जानकारी लेने के लिए कॉल की जा रही है। मगर फोन पर आरआरटी टीम को अजब-गजब जवाब मिल रहा है। एंटीजन में कोविड पॉजिटिव होने के बाद भी पेशेंट्स दूसरी रिपोर्ट को ही आधार मानकर खुद को निगेटिव मान ले रहे हैं। जबकि अगर एंटीजन में रिपोर्ट पॉजिटिव है और इसके बाद अगर आरटीपीसीआर में रिपोर्ट निगेटिव भी मिलती है तो भी उन्हें कोविड पॉजिटिव ही माना जाएगा। उन्हें घर में ही कम से कम 10 दिन होम आईसोलेट रहना ही है। आरआरटी की बताई इंफॉर्मेशन के मुताबिक उन्हें दवाएं भी लेनी हैं।

44 टीम कर रही हैं वर्क

बता दें, सिटी में आरआरटी की 44 टीम वर्क कर रही है जो होम आईसोलेशन वाले संक्रमितों के घर फोन करके पहुंच रही है। इसी तरह रूरल एरिया में 25 टीम एक्टिव है। कुल 9700 होम आईसोलेशन वाले संक्रमितों के घर जाकर उनका हालचाल और उनकी पूरी डिटेल्स लेनी होती है। लेकिन आरआरटी के पास अजीबों गरीब सवाल जवाब से उन्हें परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। लेकिन ऐसे में काउंसलिंग कर संक्रमितों को भी काउंसलिंग कर उन्हें समझाने का प्रयास करते हैं।

क्या है नियम?

- जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ। एनके पांडेय ने बताया कि कोविड जांच के लिए दो तरह के टेस्ट किए जा रहे हैं।

- पहला टेस्ट एंटीजन किट से होता है। जिसका सैंपल नाक से स्वॉब सैंपल के रूप में स्ट्रिप से लिया जाता है।

- इसका रिजल्ट ऑनस्पॉट तुरंत बता दिया जाता है कि आप कोविड पॉजिटिव हैं या निगेटिव हैं।

- इसके बाद दूसरा टेस्ट होता है आरटीपीसीआर, जिसका सैंपल मुंह से लिया जाता है।

- इसकी जांच बेहद माइक्रो लेवल पर की जाती है।

- इसके जरिए यह पता चल जाता है कि कोरोना वायरस अब आपके लंग्स में पहुंच चुका है।

- चाहे एंटीजन में पॉजिटिव हो या फिर आरटीपीसीआर में।

- दोनों की जांच रिपोर्ट पर के आधार पर आपको घर में होम आईसोलेशन के सारे रूल अपनाने हैं।

- दवा डे वाइज लेनी है।

- दवा में आप डॉक्सी, आईवर मैक्टीन, विटामिन सी, जिंक आदि लेना ही है।

- सात दिन बाद फिर से जांच करवाकर देख सकते हैं कि आप पॉजिटिव हैं या निगेटिव हो चुके हैं।

- उसके बाद घर के सदस्यों के बीच आप घुल मिल सकते हैं।

हाईलाइट्स -

- सिटी में आरआरटी - 44

- रूरल में आरआरटी - 25

- एक टीम में एक से दो सदस्य रहते हैं।

- खोरबारा ब्लॉक, चारगांवा, उरूवा, बांसगांव में- 2-2 टीम लगाई गई हैं।

- बाकी जगह के ब्लॉक में - 1-1 टीम वर्क कर रही है।

- कुल होम आईसोलेशन वाले संक्रमितों की संख्या - 9700

- सिटी के आरआरटी की निगरानी की जिम्मेदारी - डॉ। नंद कुमार व डॉ। एसएन त्रिपाठी को मिली है।

- रूरल के आरआरटी की निगवारी की जिम्मेदारी - डॉ। जेके सिन्हा को मिली है।

कोरोना संक्रमितों के जगह-जगह पैथोलॉजी में जांच करवाने के बाद भी अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आई है तो उसे पॉजिटिव ही माना जाएगा। एंटीजन में अगर पॉजिटिव हैं और दूसरे प्राइवेट लैब में आरटापीसीआर में निगेटिव हैं तो भी पॉजिटिव ही माना जाएगा। इसलिए ऐसे संक्रमितों को होम आईसोलेशन के सारे प्रोटोकॉल्स का पालन करना अनिवार्य होगा।

- डॉ। सुधाकर पांडेय, सीएमओ

Posted By: Inextlive