- पैडलेगंज में पैसेंजर्स हो जाते हैं घनचक्कर, डग्गामार लगा रहे रोडवेज को चूना

GORAKHPUR: शहर में हिलती-डुलतीं कबाड़ डग्गामार बसों को रोक पाने में आरटीओ और पुलिस डिपार्टमेंट पूरी तरह फेल साबित हुए हैं। इसका जीता-जागता उदाहरण आप पैडलेगंज बस अड्डे पर देख सकते हैं। यहां से प्रयागराज और वाराणसी रूट की रोडवेज बसें चलती हैं। लेकिन यहां की हालत ये है कि एक ही जगह से रोडवेज और डग्गामार बसें पैसेंजर्स बैठा रही हैं। जिसके चलते पैसेंजर्स भी कनफ्यूज होकर डग्गामार बसों में बैठ जाते हैं। इससे रोडवेज की आय को चपत तो लग ही रही है, पैसेंजर्स की जान पर भी खतरा बना रहता है। हद तो ये कि खुलेआम चल रहे इस मेल-जोल के खेल की खबर सबको है लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती।

फर्राटा भर रहीं जर्जर बॉडी वाली बसें

पैडलेगंज से चलने वाली रोडवेज की कई बसें सड़क खराब होने की वजह से कम ही दिन में खटारा हो गई हैं। वहीं डग्गामार बसें तो माशा अल्लाह हैं ही। ये दूर से ही टेढ़ी बॉडी लिए सड़क पर दिख जाएंगी। अंदर की हालत तो ये कि ब्रेक भगवान भरोसे तो स्टेयरिंग की प्रॉब्लम केवल ड्राइवर समझ सकता है। वहीं, टायर ऐसे जो कहीं भी धोखा दे दें। इसके बाद भी दोगुने पैसेंजर्स बैठाना इनकी फितरत बनी हुई है।

पैसेंजर्स रहते कनफ्यूज

कचहरी बस अड्डे के टूटने के बाद से ही पैडलेगंज चौराहे से रोडवेज बसें चल रही हैं। यहां बड़हलगंज, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, वाराणसी और प्रयागराज की बसें मिलती हैं। डेली करीब 4 से 5 सौ पैसेंजर्स यहां पहुंचते हैं। सबको यही पता है कि ये बस अड्डा है। इसका फायदा उठाकर डग्गामार बसें भी रोडवेज बसों के बीच में ही खड़ी हो रही हैं। सबसे बड़ी बात ये कि इसका विरोध रोडवेज वाले भी नहीं करते जिसके चलते डेली पैसेंजर्स ठगे जा रहे हैं।

हुआ एक्सीडेंट तो नहीं मिलेगा मुआवजा

रोडवेज बसों में हर पैसेंजर का बकायदा टिकट काटा जाता है। कभी सड़क दुर्घटना हो जाने पर इस टिकट से ही उन्हें मुआवजे का लाभ दिया जाता है। लेकिन डग्गामार बसों में दुर्घटना होने पर कोई लाभ नहीं मिलेगा। ना ही इन बसों में कोई टिकट की व्यवस्था ही होती है। किसी-किसी बस में टिकट दिया भी जाता है तो वो फर्जी रसीद टाइप ही होता है।

फैक्ट फिगर

प्रयागराज और वाराणसी रूट पर रोडवेज बसें - करीब 200

डेली पैसेंजर्स - 400-500

डग्गामार बसें - करीब 20-25

कोट्स

मैने बड़हलगंज जाने के लिए यहां से बस पकड़ी थी जिसमें टिकट भी नहीं मिला और रास्ते भर परेशानी झेलनी पड़ी। बाद में पता चला कि ये तो डग्गामार बस है।

जहां रोडवेज की बस खड़ी होती है वहीं पर डग्गामार बस खड़ी कर देने से लोग कनफ्यूज हो जाएंगे। इसमें मैं भी एक बार फंस चुका हूं।

वर्जन

शहर में तो अब डग्गामार कहीं नहीं दिखते हैं। आए दिन अभियान भी चलाया जाता है। कहीं-कहीं चोरी चुपके इनका संचालन किया जा रहा है तो इन पर भी कार्रवाई की जाएगी।

- डीडी मिश्रा, आरटीओ प्रवर्तन

इस बात की जानकारी नहीं है। पता करता हूं। ऐसा है तो इन बसों को भगाया जाएगा और इन पर कार्रवाई की जाएगी।

डीवी सिंह, आरएम, रोडवेज

Posted By: Inextlive