पालतू कुत्ते जितने वफादार होते हैैं उतने ही आक्रामक. कई बार जानलेवा भी हो जाते हैं. लखनऊ की घटना इसकी बानगी है. पर असलियत यह है कि गोरखपुर में भी पालतू कुत्तों का अवैध कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है. पेट शॉप हों या फिर घर हर जगह से विदेशी नस्ल के पालतू कुत्तों की ब्रीडिंग कराकर 5 हजार से 1 लाख में खरीद-फरोख्त जारी है. खरीद-फरोख्त के लिए बाकायदा कारोबारी सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैैं लेकिन इन कारोबारियों पर प्रशासनिक अधिकारियों की अब तक नजर नहीं पड़ी और न ही कोई कारवाई की गई. जबकि बिना एक्सपर्ट के पशु क्रूरता अधिनियम 1960 के तहत कुत्तों की ब्रीडिंग नहीं कराई जा सकती. यह खुलासा दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की रियलिटी चेक में हुआ है.


गोरखपुर (ब्यूरो).लोग अपने शौक को पूरा करने के लिए नियमों की अनदेखी करते हुए कुत्तेे की खरीदारी से लेकर उसकी परवरिश तक की जिम्मेदारियों को नजर अंदाज कर मनमानी पर उतारू हैैं। जबकि इन पालतू कुत्तों की खरीदारी के लिए उसकी रसीद ली जानी चाहिए। उसके रेट भी निर्धारित होने चाहिए। जबकि ऐसा नहीं है। कुत्तों की खरीदारी के बाद उसका नगर निगम में रजिस्ट्रेशन होना चाहिए और उसका प्रॉपर वैक्सीनेशन और इलाज होते रहना चाहिए। नगर निगम में महज दो रुपए के शुल्क पर 15 ही पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। जबकि कई गुना पालतू कुत्ते लोगों के घरों में हैं।हार्मोनल चेजिंग के कारण हो जाते हैैं एगे्रसिव
गोरखपुर जू के वेटरनरी डॉक्टर योगेश प्रताप सिंह ने बताया, पालतू कुत्तों के लिए तीन चीजों का ध्यान रखना है। पहले की आप किस ब्रीड का कुत्ता पालने जा रहे हैैं। कुत्ते को किस परपज के लिए पाल रहे हैैं। दूसरा अगर आपने सेलेक्ट कर भी लिया है तो उसकी रिक्वायरमेंट क्या है। उसे पूरा करना होगा। उसको बांधकर रख देने से वह एगे्रेसिव हो जाता है। तीसरा रूटीन हेल्थ चेकअप कराते रहना होगा। प्रॉपर डायट और उसके बिहैवियर को देखना होगा। सुबह शाम उसका ख्याल रखना और उसकी निगरानी करनी होगी। एक अध्ययन में यह भी देखा गया है कि ऑक्सीटोसिन और वेसोप्रेसन हार्मोंस के कारण कुत्तों के व्यवहार में परिवर्तन आता है। यही वजह है कि एग्रेसिव हो जाते हैैं।डॉग्स की ऑनलाइन सेल, कपड़ों की तरह कराया जाता है पसंद सिटी में 150 से ज्यादा पेट शॉप पर होने वाले अवैध कारोबार के अलावा फेसबुक, वाट्सएप, इंस्टाग्राम पर डॉग्स का बाजार लगता है। डॉग्स को किस तरह से खतरनाक बनाया जाए, इसकी भी जानकारी शेयर की जाती है। यहां तक तक सिटी मेंं तो खरतनाक और बैन कुत्तों की ब्रीडिंग कराई जाती है और इनको सोशल मीडिया पर प्रचारित करने के साथ ही पूरे शहर में लग्जरी कार से डिलीवरी तक कराई जाती है। इस अवैध कारोबार की कोई मॉनिटरिंग नहीं है।स्पॉट-1: गीतावाटिकादोपहर: 1.10 बजे गीता वाटिका स्थित वॉव पेट शॉप के दुकानदार ने बताया कि उनके पास सभी ब्रीड के पालतू विदेशी कुत्ते अवेलेबल हैैं। 5 हजार से लेकर 80 हजार तक के पालतू कुत्ते मिल जाएंगे। दुकानदार ने बताया कि चाहे पिटबुल हो या फिर छोटे ब्रीड के कुत्ते। सभी ब्रीड के कुत्तों को दूसरे शहरों से मंगवाया जाता है। इसलिए मंहगे होते हैैं।स्पॉट-2: धरमपुर तिराहा दोपहर: 1.45 बजे


धरमपुर तिराहा स्थित पेट शॉप के दुकानदार ने बताया कि उनके पास सभी ब्रीड के कुत्ते मिल जाएंगे। विदेशी कुत्तों में जितने बड़े बाल वाले कुत्ते हैैं, वह सभी मंहगे हैैं। 5 हजार से लेकर एक लाख रुपए से ऊपर तक के कुत्ते अवेलेबल हैैं। पेट शॉप पर कुत्तों को रखने के बजाय केज में रखते हैं। आर्डर देने के आधे घंटे बाद आसानी से मिल जाएंगे। कुत्तों के साथ-साथ विदेशी बिल्लियां तक मिल जाएंगी। इम्पॉर्टेंट फैक्ट- यूपी गवर्नमेंट की तरफ से कुत्ता पालने वाले मालिकों से लाइसेंस रखना अनिवार्य है।- अगर आपके पास लाइसेंस नहीं है तो ऐसी स्थिति में कुत्ते के मालिक पर 5,000 रुपए का जुर्माना लगेगा।- साथ ही कुत्ते को नगर निगम अधिकारियों द्वारा जब्त भी किया जाएगा।इस प्रकार है विदेशी कुत्तों का रेट छोटे ब्रीड के कुत्ते - 12-70 हजार पग - 12 हजार कल्चर पॉम - 15-16 हजार सिटजो - 22-25 हजार पॉमेलियन - 4500- 5 हजार पिटबुल - 14-15 हजार अमेरिकन बुली - 25-35 हजार जर्मन शेफ्र्ड - 10-12 हजार टॉय पॉम - 60-70 हजार

हर जगह पेट शॉप खुली हैं। ब्रीडिंग के लिए एक्सपर्ट की मदद नहीं ली जाती। ना ही पालतू कुत्तों के पपीज को दूध पीने के लिए मौका दिया जाता है। 45-60 दिन तक दूध पीने वाले पपीज को 30 दिन के भीतर ही पेट शॉप वाले बेच देते हैैं। जो गलत है। इस पर बैन लगना चाहिए।डॉ। योगेश प्रताप सिंह, वेटरनरी डॉक्टर गोरखपुर जू मेरे पास दो जर्मन शेफर्ड हैैं। एक का नाम दिलावर सिंह और दूसरे का नाम बक्तावर सिंह है। इन दोनों का रजिस्ट्रेशन मैने शुक्रवार को ही दो रुपए शुल्क जमा कर करवाया है। मेरे एक कर्मचारी राजेंद्र ने भी अपने पालतू कुत्ते का रजिस्ट्रेशन करवाया है। गोरखपुराइट्स से अपील है कि वह अपने पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन नगर निगम कार्यालय में करवा लें। साथ ही नगर निगम की टीम सर्वे का काम करवाएगी, जिनके घर में कुत्ते बिना रजिस्ट्रेशन के पाए गए। उनके खिलाफ जुर्माना चार्ज किया जाएगा या फिर जब्त कर लिया जाएगा। अविनाश सिंह, नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive