तमंचा हो या स्मैक, सबकी होती होम डिलीवरी
- लॉकडाउन में तस्करों ने बदला तौर-तरीका
- पुलिस ने पकड़ा तो सामने आया नया खेलGORAKHPUR: शहर में अवैध असलहों, गांजा, चरस और स्मैक की होम डिलीवरी होती है। ऑर्डर मिलने पर कैरियर सामान लेकर कस्टमर के घर पहुंचा देते हैं। इसके बदले में वह सप्लायर से तय रुपए पाते हैं। गुरुवार को पुलिस ने तमंचा बनाने की फैक्ट्री पकड़ी। तमंचा बनाने वाले ने पुलिस को बताया कि हर तमंचे पर उसे एक हजार रुपए मिलते हैं। उधर गीडा पुलिस ने राजघाट एरिया के चकला दोयम में स्मैक और गांजा कारोबार से जुड़े चार युवकों को अरेस्ट किया। चारों ने पुलिस को बताया कि वह लोग ऑन डिमांड पुडि़या लेकर खरीदारों के घर पहुंचा देते हैं। इसके बदले में जिस तरह से होटल-रेस्टोरेंट के डिलीवरी ब्वॉय को पे किया जाता है। ठीक उसी तरह से इनको भी पेमेंट मिलता था। एसएसपी ने बताया कि पकड़े गए लोगों के साथियों की तलाश चल रही है। इनके गैंग के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।
मुंबई से लौटे कारपेंटर ने शुरू किया तमंचे का कारोबारमउ, घोषी करमपुर निवासी पतिराम विश्वकर्मा की रिश्तेदारी गोला, भीखापार के अवधेश कुमार विश्वकर्मा के घर है। लॉकडाउन में पतिराम घर लौटकर आया तो उसने अपने रिश्तेदार से किसी काम के लिए बात की। अवधेश ने उसे बताया कि अनंत निषाद उर्फ छोटू के अच्छे संबंध अपराधियों से हैं। वर्ष अनंत उर्फ छोटू भी लूट के मामले में जेल जा चुका है। दोनों ने उससे बात की तो अनंत ने तमंचा बनाने को कहा। पतिराम को देसी तमंचे बनाने का एक्सपीरियंस था। उसने असलहा बनाने का ठेका ले लिया। मठिया निवासी सूरज के मकान को किराए पर लेकर एक हफ्ते पहले काम शुरू किया। तमंचा बनाने का सारा सामान अवधेश और छोटू उपलब्ध कराने लगे।
सात हजार रेट, एक हजार मेकिंग चार्जदेसी तमंचा का रेट सात से लेकर आठ हजार रुपए फिक्स किया गया। तमंचा बनाने के बदले एक हजार रुपए का मेकिंग चार्ज पतिराम लेता था। अनंत अपने नेटवर्क के जरिए बने हुए तमंचे की होम डिलीवरी करने लगे। पुलिस का कहना है कि इन लोगों ने पांच-छह तमंचे का सौदा किया। लेकिन इसके पहले पुलिस को भनक लग गई। छापा मारकर गोला पुलिस ने पतिराम विश्वकर्मा और अवधेश को अरेस्ट कर लिया। आरोपित सूरज और अनंत उर्फ छोटू की तलाश चल रही है। पकड़े गए लोगों के पास से सात बने हुए असलहे, एक कारतूस, असलहा बनाने का सामान बरामद हुआ। पुलिस का कहना है कि एक बार पतिराम तमंचा बनाने में पकड़ा गया था। जेल से छूटने के बाद मुंबई कमाने चला गया। लॉकडाउन में लौटने पर दोबारा काम करने लगा।
राजघाट से बड़हलगंज तक स्मैक की डिलीवरी शहर में नशीले पदार्थो की होम डिलीवरी देने वाले गैंग को पुलिस ने अरेस्ट किया। उनके पास से पांच लाख कीमत की स्मैक, दो लाख रुपए का गांजा बरामद हुआ। बुधवार की शाम करीब साढ़े छह बजे गीडा के एसओ देवेंद्र कुमार सिंह टीम के साथ बाघागाड़ा में चेकिंग कर रहे थे। तभी बाइक सवार युवक उनको देखकर भागने लगे। पुलिस ने उनकी तलाशी ली तो उनके पास से स्मैक बरामद हुई। पूछताछ में दोनों ने बताया कि चकरा दोयम, अमरूतानी में रहने वाली महिला अपने होने वाले दामाद के साथ मिलकर तस्करी का काम करती है। हाथ लगने के पहले भाग निकली डक्टराइनपुलिस ने तत्काल महिला के घर दबिश दी। लेकिन तब तक महिला और उसके साथ एक अन्य युवक फरार हो चुके थे। लेकिन वहां दो अन्य युवक भी मिल गए। उन्होंने पुलिस को बताया कि स्मैक की सप्लाई देने वाली डक्टराइन उर्फ धर्मशीला अपने होने वाले दामाद उतेज उर्फ रीतेश के साथ मिलकर पूरे जिले में स्मैक और गांजा का कारोबार करती है। उसके पास फोन से ऑर्डर दिया जाता है। उसी ऑर्डर को हम लोग बाइक से पहुंचा देते हैं। एक ट्रिप में दो से तीन हजार रुपए मिल जाते हैं। पकड़े गए लोगों की पहचान रामगढ़ताल एरिया के झरवा निवासी संदीप उर्फ मिंटू, अजवनिया के उमेश निषाद, चकला दोयम के धनंजय उर्फ गुड्डू निषाद और आशीष निषाद के रूप में हुई।
खुद नशा नहीं करते स्मैक कारोबारी पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि पकड़े गए युवक ऑर्डर मिलने पर होम डिलीवरी करते हैं। वह डक्टराइन से पुड़िया लेकर कस्टमर को पहुंचा देते हैं। लेकिन ये सभी खुद किसी तरह का कोई नशा नहीं करते हैं। स्मैक और गांजा से दूर रहकर अपना काम करते हैं। पुलिस का कहना है कि डक्टराइन पहले भी जेल जा चुकी है। उसकी गैंग से जुड़े लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। गुंडा और गैंगेस्टर की कार्रवाई भी होगी। पुलिस इस बात की जांच में जुटी है कि स्मैक की खेप कहां से कब-कब लाई जाती है। वर्जनगोला एरिया में पुलिस ने अवैध तमंचा बनाने की फैक्ट्री पकड़ी है। राजघाट एरिया में स्मैक का कारोबार पकड़ा गया। दोनों मामलों में कार्रवाई की जा रही है। इनका किससे, किन लोगों से जुड़ाव रहा है। इसके बारे में जानकारी जुटाकर सभी को रजिस्टर्ड किया जाएगा।
डॉ। सुनील गुप्ता, एसएसपी