कार्तिक पूर्णिमा शुक्रवार को पूरी आस्था के साथ सेलिब्रेट की जाएगी. राप्ती तट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे. इस दिन सूर्योदय 6 बजकर 38 मिनट पर और पूर्णिमा तिथि का मान दिन में 1 बजकर 20 मिनट तक है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। कृत्तिका नक्षत्र सम्पूर्ण दिन और रात्रिशेष 4 बजकर 2 मिनट तक है। वहीं 20 नवंबर की शाम 4.2 बजे तक क्षत्र नामक महा औदायिक योग है। इस दिन सुबह राप्ती सहित पवित्र नदियों में कार्तिक पूर्णिमा का पवित्र स्नान शुरू होगा। वहीं घाटों की साफ-सफाई कर दी गई है। नदी में न सिर्फ डुबकी लगाएंगे बल्कि श्रद्धालुओं की ओर से अन्न-दान कर सुख, समृद्धि एवं शांति की कामना करेंगे।प्रवर्धमान औदायिक योग बनने से अत्यधिक फल प्राप्त होगा
पं। शरद चंद्र मिश्रा के अनुसार इस दिन प्रवर्धमान औदायिक योग बनने से श्रद्धालुओं को पूजन-अर्चन का अत्यधिक फल प्राप्त होगा। वहीं राजघाट स्थित राप्ती नदी के तट पर बैरिकेडिंग करते हुए तैयारियां तेज कर दी गई हैैं। साथ ही पर्याप्त संख्या में लाइट लगाई जाएंगी। जिससे श्रद्धालुओं को स्नान में कोई दिक्कत न हो। स्नान के लिए आसपास के जिलों से श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। मान्यता है कि इस दिन स्नान और दान से मनोवांछित फल मिलता है।देव दीवाली भी मनाई जाएगी


ज्योतिर्विद पंडित नरेंद्र उपाध्याय के अनुसार कार्तिक मास की सुबह नदी या गंगा में स्नान कर विधि पूर्वक शालिग्राम की पूजा करनी चाहिए। यदि संभव हो तो सत्यनारायण व्रत कथा का भी आयोजन करें। सायंकाल पूर्णिमा को देव मंदिरों, चौराहों, गलियों, पीपल के वृक्षों और तुलसी के पौधों के पास दीपक जलाएं और गंगा के जल या अन्य नदियों के जल में दीपदान करें। इस तिथि में ब्राह्मणों को दान देने, भोजन कराने, जरूरतमंदों को भिक्षा देकर आशीर्वाद प्राप्त करने का विधान है। इसी दिन देव दिवाली भी मनाई जाती है।

Posted By: Inextlive