आई इनवेस्टिगेट

-चार बदमाशों को बलिया में पुलिस ने किया अरेस्ट

-बड़हलगंज में बुजुर्ग संग हुई लूटपाट का हुआ पर्दाफाश

-कुशीनगर और बस्ती के शातिर दो कारों से बनाते हैं निशाना

-गोरखपुर पुलिस की करे पूछताछ तो कई घटनाओं का हो जाएगा खुलासा

GORAKHPUR:

गोरखपुर में बैंक से रुपए निकालकर घर लौटने वाले बुजुर्गो से कुशीनगर का गैंग लूटपाट कर रहा है। गैंग के चार सदस्यों को बलिया जिले की रसड़ा पुलिस ने अरेस्ट किया है। पूछताछ में सामने आया कि करीब तीन साल से इस गैंग के शातिर बुजुर्ग व्यक्तियों को निशाना बना रहे हैं। गोरखपुर, बलिया, महराजगंज, मउ सहित कई जिलों में सौ से अधिक लोगों को शातिर शिकार बना चुके हैं। बलिया में बदमाशों के पकड़े जाने की सूचना मिलने के बाद बड़हलगंज पुलिस ने पूछताछ की है। डीआईजी-एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने कहा कि इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

बलिया में दबोचे गए शातिर

दो फरवरी को बड़हलगंज के सिधुआपार निवासी बुजुर्ग नर्वदेश्वर पांडेय को बड़हलगंज स्थित एसबीआई की ब्रांच से 28 हजार रुपए निकालकर घर लौट रहे थे। तभी बैंक से कुछ दूरी पर मिले बदमाशों ने उनको रोक लिया। एक ने नाम लेते हुए चाचा कहकर प्रणाम किया। फिर कार में बैठाकर घर तक छोड़ने का झांसा दिया। शातिरों की बातों में आकर वह कार में सवार हो गए। रास्ते में 28 हजार रुपए छीनकर बदमाशों ने मझगांवा के पास उनको कार से धक्का देकर उतार दिया। इस सूचना पर एफआईआर दर्ज कर पुलिस जांच करती। इसके पहले बदमाशों को बलिया जिले के रसड़ा में पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। पकड़े गए सभी शातिर कुशीनगर जिले के हैं।

ऐसे बनाते हैं लोगों को शिकार

गैंग के सदस्य करीब तीन साल से लोगों को लूटपाट का शिकार कर रहे हैं। गैंग के सदस्य बैंकों में सक्रिय रहते हैं। बैंक में पैसे निकालने गए किसी बुजुर्ग की रेकी करके उसके विदड्राल फार्म को देख लेते हैं। नाम की जानकारी होने के बाद उसके बाहर निकलने का इंतजार करते हैं। पैसा लेकर बुजुर्ग के पैदल घर जाते समय रास्ते में गैंग का सदस्य उनका नाम लेकर पुकारता है। इससे बुजुर्ग को लगता है कि कोई परिचित है। हालचाल पूछकर शातिर बुजुर्ग को घर छोड़ने का झांसा देकर कार में बैठा लेते हैं। थोड़ी दूर जाकर किसी सुनसान जगह पर लूटपाट करके फरार हो जाते हैं।

बदल-बदल कर कार का करते इस्तेमाल

लूटपाट करने वाले ज्यादातर कुशीनगर के रहने वाले हैं। उनके पास दो लग्जरी कारें हैं। कार लेकर टारगेट की तलाश में निकलने वाले इन शातिरों को देखकर लुटेरा होने का अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल होता है। एक जगह पर किसी बुजुर्ग से लूट करने के बाद गैंग के सदस्य कार बदल देते हैं। फिर किसी दूसरे जिले में पहुंच जाते हैं। बलिया में पकड़े गए बदमाशों के गैंग ने जनवरी में बड़हलगंज और महराजगंज जिले में घटनाओं में शामिल होना कबूल किया। हालांकि गोरखपुर में एक दर्जन से अधिक वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। बदमाशों के पास आईफोन भी मिले हैं। इन शातिरों ने कोलकाता सहित अन्य कई शहरों में घटनाओं को अंजाम दिया है।

इन बदमाशों को किया अरेस्ट

- पंकज राव पुत्र वशिष्ट राव, नरौली, कसया, कुशीनगर

- अतीकउल्लाह सिद्दीकी पुत्र मोमिन सिद्दीकी, अहिरौली, कसया, कुशीनगर

- असलम अली पुत्र सरफुद्दीन, अहिरौली राजा, कसया, कुशीनगर

- नागेश्वर सिंह, पुत्र प्रदीप सिंह, अमरडोआ, मुंडेरवा, बस्ती

केस दर्ज करने में आनाकानी करती पुलिस

ऐसे मामलों में बुजुर्ग व्यक्तियों को दोषी बताकर पुलिस केस दर्ज करने से मुकरती है। दिसंबर में झुंगिया से रुपए निकालकर लौट रहे बुजुर्ग संग हुई लूटपाट की सूचना पर पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही थी। इस मामले में तीन-चार दिनों तक वह बैंक का चक्कर काटते रहे। पुलिस के रवैये से परेशान होकर विधायक महेंद्र पाल सिंह के पास पहुंचे। विधायक ने जब एसएसपी को इस प्रकरण की जानकारी दी तब पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। कई बार सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद जांच की बात कहकर पुलिस मामला टरका देती हैं।

छोटी रकम को ही करते टारगेट

इस गैंग के सदस्य छोटी रकम की लूटपाट करते हैं। इनके निशाने पर ज्यादातर बुजुर्ग व्यक्ति होते हैं। बदमाशों का कहना है कि सीनियर सिटीजन ज्यादा विरोध नहीं जता पाते हैं। परिचित होने के झांसे में थोड़ा सम्मान मिलने पर भरोसा कर लेते हैं। लूटपाट के बाद कम पैसा होने से कई बार उनके परिजन भी कार्रवाई से मना करते हैं। लोगों को लगता है कि यदि एफआईआर कराने गए तो पुलिस का चक्कर लगाना पड़ेगा। मुकदमा दर्ज भी हो गया तो पैसे की वापसी नहीं हो सकेगी। इसलिए सीनियर सिटीजन के घर वाले ऐसे मामलों को अवाइड भी कर जाते हैं।

आठवीं तक पढ़ा-लिखा गैंग का सरगना पंकज

बुजुर्ग व्यक्तियों को नमस्ते करके कार में बैठाने के बाद लूटने वाले गैंग का सरगना पंकज राव ने महज आठवीं तक पढ़ाई है। बरामद लग्जरी कार उसकी पत्नी के नाम से है जिसका रजिस्ट्रेशन गोरखपुर आरटीओ से कराया गया है। नागेश्वर सिंह ने डिप्लोमा इन एजुकेशन की डिग्री ली है। अतीकउल्लाह महज छह तक पढ़ा है, जबकि असलम ने तीन तक पढ़ाई की है। सभी शातिर कसया, कुशीनगर के आसपास के रहने वाले हैं। इनके तरह के कई अन्य गैंग अलग- अलग जगहों पर एक्ि1टव हैं।

दिसंबर में हुई ये घटनाएं

11 दिसंबर 2020: झुंगिया बाजार, एसबीआई से नकदी निकालकर लौट रहे चिलुआताल के अमवा निवासी रामधारी चौहान से बदमाशों ने लूटपाट की। बैंक से उन्होंने 49 हजार निकाले थे, जबकि उनके पास 1120 रुपए नकदी पहले से थी। घर छोड़ने के बहाने बदमाशों ने उनको कार में बैठाकर लूट लिया था। इस मामले में पिपराइच विधायक महेंद्र पाल सिंह की पैरवी के बाद पुलिस ने चिलुआताल में केस दर्ज किया।

31 अक्टूबर 2020: पीपीगंज के तिघरा निवासी रिटायर रेलवे कर्मचारी विध्वासिनी पाठक से कार सवारों ने लूटपाट की। वह बैंक से 22 हजार रुपए निकालकर घर जाने के लिए बैंक के नीचे पहुंचे। तभी वहां मिले युवकों ने परिचित बनकर उनको कार में बैठा लिया। कैंपियरगंज के पास जंगल में ले जाकर उनके पास से नकदी लूटकर फरार हो गए।

Posted By: Inextlive