महाशिवरात्रि आज, दिन भर चलती रहीं तैयारियां
112 कुल शिवालय जिले में हैं
84 कुल शिवालय शहरी क्षेत्र में हैं -शिवालयों में चलती रही साफ-सफाई, भक्तों ने खरीदी पूजन सामग्री -सुरक्षा के लिहाज से भी किए गए पुख्ता इंतजाम, ड्रोन से होगी निगरानी GORAKHPUR: महाशिवरात्रि का पावन पर्व आज है। इसको लेकर बुधवार को पूरे दिन तैयारियों का सिलसिला चलता रहा। एक तरफ मंदिरों की साफ-सफाई और सजावट होती रही। वहीं दूसरी तरफ व्रतियों ने पूजापाठ से जुड़ी सामग्रियों की खूब खरीदारी की। वहीं इस पर्व को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। शिव मंदिरों की ड्रोन और सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जाएगी। ऐसी रहेगी सुरक्षा 03 कंपनी पीएसी 100 दरोगा 10 महिला दरोगा 450 सिपाही 500 होमगार्ड एक्टिव रहेंगे बीट सिपाही और हल्का दरोगा रूट भी डायवर्ट -शहर क्षेत्र के विभिन्न मंदिरों पर सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।-श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए गुरुवार भोर से दोपहर दो बजे तक शहर एरिया में भारी वाहनों का प्रवेश बंद रहेगा।
-अन्य वाहनों के आवागमन के लिए रूट डायवर्जन भी किया गया है। -क्षेत्र में पड़ने वाले शिव मंदिर पर बीट सिपाही सुबह से ही मौजूद रहेंगे।-हल्का दरोगा से भ्रमण कर स्थिति पर नजर रखने को कहा गया है।
-महादेव झारखंडी में डीएफएमडी, एचएफएमडी के साथ ही डॉग स्क्वायड की टीम की भी ड्यूटी लगाई जाएगी।
-क्राइम ब्रांच और एलआईयू की टीम भी सादी वर्दी में मौजूद रहेगी। -शहर क्षेत्र में दो घुड़सवार गश्त कर सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखेंगे। -प्रमुख मंदिरों पर अग्निशमन दल की भी तैनाती की गई है। इन मंदिरों पर विशेष नजर महादेव झारखंडी, तिवारीपुर के बसियाडीह, मानसरोवर, राजघाट में मुक्तेश्वरनाथ, गोरखनाथ मंदिर के साथ ही लक्ष्छीपुर, गुलरिहा के बरगदही शिव मंदिर की सुरक्षा पर अफसरों की विशेष नजर है। ऐसा रहेगा योग -पंडित शरद चंद्र मिश्रा ने बताया कि धनिष्ठा नक्षत्र पूर्व दिन से ही शुरू होकर इस दिन रात 9 बजकर 28 मिनट तक है। -इसी प्रकार शिव योग प्रात: 8 बजकर 25 मिनट तक है। इसके बाद सिद्ध योग विद्यमान है। - सूर्योदय के समय धनिष्ठा होने से श्रीवत्स नामक महाऔदायिक योग निर्मित हो रहा है। -यह लक्ष्मी वृद्धि और सम्पन्ना का द्योतक है। अर्धरात्रि के समय चतुर्दशी तिथि होने से यही दिन महाशिवरात्रि व्रत के लिए मान्य रहेगा। -उन्होंने बताया कि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि अथवा महाशिवरात्रि कहते है।-धर्मशास्त्र के अनुसार जिस दिन अर्धरात्रि में चतुदर्शी हो, उसी दिन शिवरात्रि का व्रत करना चाहिए।
वर्जन 11 मार्च को महाशिवरात्रि है। इस दिन सूर्योदय 6 बजकर 7 मिनट पर और त्रयोदशी तिथि का मान दिन में 2 बजकर 21 मिनट तक है। उसके बाद चतुदर्शी तिथि है। -पं। शरद चंद्र मिश्रा, ज्योतिषाचार्य महाशिवरात्रि का पर्व औघड़ दानी के भक्त सामर्थ्य और सुविधा के अनुसार जलाभिषेक, रुद्राभिषेक, एवं महामृत्युंजय का जप, दर्शन पूजन के साथ-साथ रात्रि जागरण करते हुए मनाते हैं। -पं। दिवाकर त्रिपाठी पूर्वाचली, निदेशक, उत्थान ज्योतिष संस्थान