कानपुर के रियल एस्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता मर्डर केस में फरार चल रहे एक लाख के इनामी दरोगा विजय यादव को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया. कोर्ट में सरेंडर करने की कोशिश में लगे आरोपित की लोकेशन रेल म्यूजियम के पास मिली. सूचना पर कैंट इंस्पेक्टर सुधीर सिंह ने पुलिस टीम के साथ घेराबंदी करके दबोच लिया.


गोरखपुर (ब्यूरो)। शनिवार को मनीष का ब्रह्मभोज है। इसके पहले गोरखपुर पुलिस ने सभी आरोपितों को जेल पहुंचा दिया। एसएसपी डॉ। विपिन ताडा ने बताया कि सभी आरोपित पकड़ लिए गए हैं। कानपुर से आई एसआईटी उनसे पूछताछ करके तेजी से जांच पूरी कर रही है। कानपुर के बर्रा निवासी मनीष गुप्ता 27 सितंबर को अपने दो दोस्तों संग गोरखपुर आए थे। हरियाणा के दोस्त हरवीर और प्रदीप सिंह वह तारामंडल के होटल कृष्णा पैलेस में गए। उन्होंने कमरा नंबर 512 बुक कराया। रात में सवा 12 बजे होटल में चेकिंग करने पहुंचे एसएचओ रामगढ़ताल जेएन सिंह से चेकिंग की बात को लेकर कहासुनी हुई। आरोप है कि नाराज एसएचओ, उनके साथ मौजूद पुलिस कर्मचारियों ने मनीष की पीटकर हत्या कर दी। जान निकलने पर पहले नर्सिंग होम फिर मेडिकल कॉलेज ले गए। मर्डर का मामला छिपाने के लिए पुलिस ने होटल के कमरे में फैला खून साफ करा दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने इंस्पेक्टर सहित छह पुलिस वालों पर केस दर्ज कराया। कब, कौन-कौन हुआ अरेस्ट 16 अक्टूबर 2021: फरार आरोपित दरोगा विजय यादव को रेल म्यूजियम के पास से कैंट पुलिस ने अरेस्ट किया।


13 अक्टूबर 2021: हेड कांस्टेबल कमलेश यादव को कचहरी के पास से कैंट पुलिस ने अरेस्ट किया।

12 अक्टूबर 2021: एसआई राहुल दुबे और कांस्टेबल प्रशांत को कैंट पुलिस ने अरेस्ट किया। 10 अक्टूबर 2021: रामगढ़ताल एरिया में पुलिस टीम ने इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह और एसआई अक्षय मिश्रा को अरेस्ट किया।पुलिस के दबाव से गोरखपुर लौटे पुलिस कर्मचारी इनाम जारी होने के बाद आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की 16 टीमें लगाई गई थीं। सभी आरोपितों के घर पर जाकर पुलिस दबिश देती रही। पुलिस को उनकी सटीक लोकेशन नहीं मिल पाती थी, इसलिए पुलिस ने दबाव बनाना शुरू कर दिया। परिजनों के उठाए जाने के बाद आरोपित पुलिस कर्मचारी टूटने लगे। घर पर दबिश पडऩे से घरवाले परेशान हो उठे। इसलिए आरोपितों ने परिचित पुलिस वालों से संपर्क साधना शुरू कर दिया। गिरफ्तार करने वाली टीम का दावा है कि दबाव की वजह से आरोपित पुलिस कर्मचारी सरेंडर करने के लिए गोरखपुर भाग गए। इस मामले में अभियुक्त कोर्ट में सरेंडर न कर सकें। इसके लिए पुलिस ने कड़ी घेराबंदी कर रखी थी।

मर्डरकांड में फरार आरोपित एसआई विजय यादव को अरेस्ट कर लिया गया है। अब सभी पकड़े जा चुके हैं। पकड़े गए दरोगा को पूछताछ के लिए एसआईटी को सौंप दिया गया। एसआईटी की जांच में जिसके खिलाफ नामजदगी होगी। उसे भी गिरफ्तार किया जाएगा। - डॉ। विपिन ताडा, एसएसपी गोरखपुर

Posted By: Inextlive