- बाराबंकी में हुए घोटाले के बाद गोरखपुर में भी शुरू जांच

- जांच के दौरान कई खंड शिक्षा अधिकारियों के फंसने की उम्मीद

GORAKHPUR: बाराबंकी में मिड डे मील योजना के तहत 4 करोड़ 23 लाख रुपए का घोटाला उजागर होने के बाद शासन के निर्देश पर गोरखपुर सहित कई जिलों में जांच शुरू हो गई है। गोरखपुर में बेसिक स्कूलों के छात्रों का निवाला डकारने में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कभी भी कार्रवाई हो सकती है। सूत्रों की मानें तो इस कार्रवाई में न सिर्फ खंड शिक्षा अधिकारी नपेंगे बल्कि कई बाबूओं का भी नपना तय माना जा रहा है। हाल ही में जिला प्रशासन और बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की टीम ने गोपनीय जांच शुरू कर दी है। जिसमें कई खंड शिक्षा अधिकारियों के शामिल होने की सुगबुगाहट भी आई है।

सभी मदों पर होगी जांच

बता दें, गोरखपुर जनपद में कुल 3251 विद्यालयों में मिड डे मील योजना के तहत बच्चों को भोजन कराया जाता है। जूनियर हाई स्कूल में जहां 65,000 बच्चों के लिए भोजन बनता है। वहीं 1,40,000 प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए दोपहर का भोजन बनता है। बच्चों के दोपहर के भोजन बनाने के लिए कुल 8169 रसोइया रखी गई हैं। लेकिन बीते दिनों बाराबंकी में हुए मिड डे मील घोटाला उजागर होने के बाद से मिड डे मील प्राधिकरण की सचिव मनीषा त्रिघाटिया की ओर से इस संबंध में निर्देश जारी किया गया है कि डीएम की अध्यक्षता में समिति का गठन कर मामले की जांच की जाए। इसके बाद समिति मिड डे मील योजना के हर मद की बारीकी से जांच कर इसकी रिपोर्ट शासन को भेजे। वहीं इस आदेश के बाद से बीएसए बीएन सिंह व मिड डे मील को-आर्डिनेटर दीपक पटेल की तरफ से जांच शुरू कर दी गई है। मिड डे मिल को-आर्डिनेटर दीपक पटेल ने बताया मिड डे मील के खेल में गोरखपुर जिले से कुछ खंड शिक्षा अधिकारियों के शामिल होने का शक है। बहुत ही जल्द इस मामले का पर्दाफाश किया जाएगा। जिसकी रिपोर्ट भी शासन को भेजी जाएगी। दो दिनों से चल रहे इस मामले की जांच में इस पहलू पर भी जांच की जा रही है कि शासन की ओर से भेजी गई धनराशि को स्कूलों के मध्यान्ह भोजन निधि में भेजा जा रहा है या नहीं। इसके अलावा स्कूलों में इस राशि का प्रयोग किस तरह से किया जा रहा है। परिवर्तन राशि व रसोइया मानदेय की धनराशि के व्यय का ब्यौरा भी जांच किया जाएगा।

जांच के बाद होगी बड़ी कार्रवाई

गोरखपुर के प्राथमिक व जूनियर हाई स्कूलों में मिलने वाले मिड डे मील की जांच कर रही टीम शासन की ओर से जारी निर्देशों के तहत अगर जांच में किसी प्रकार की गड़बड़ी मिलती है, तो इस पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जाएगी। अगर गबन पाया जाता है तो दोषियों के विरुद्ध विभागीय और आपराधिक मामला भी दर्ज कराया जाएगा।

मिल रही शिकायतें

- मिड डे मील के तहत बच्चों को नहीं दिया जाता है फल और दुध

- खाने की क्वालिटी को लेकर लगातार आ रही हैं शिकायतें

- कोटेदार द्वारा समय पर राशन न देने पर बच्चों को नहीं मिलता है भोजन

- बजट न मिलने के चलते कई स्कूलों में मिड-डे मील की हो रही है दिक्कत

- कई स्कूलों में बच्चों के पैरेंट्स ने मिड डे मिल नहीं मिलने की शिकायत की है

- मेन्यू के हिसाब से मिड डे मील नहीं मिलने की आई शिकायत

फैक्ट फीगर

जिले में कुल स्कूलों की संख्या - 3251

जूनियर हाई स्कूल के बच्चों की संख्या - 65000

प्राइमरी स्कूल के बच्चों की संख्या - 1,40,000

रसोइया - 8,169

वर्जन

पहले से मुख्य कोषाधिकारी कमेटी का गठन है। लेकिन बाराबंकी में हुए घाटाले के बाद गोपनीय जांच गोरखपुर जनपद में भी चल रही है। इस जांच में कई खंड शिक्षा अधिकारियों के फंसने की उम्मीद है। बहुत जल्द कार्रवाई होगी।

दीपक पटेल, को-आर्डिनेटर, मिड डे मील

Posted By: Inextlive