रेंज के 4 जिलों से भागीं 500 गल्र्स


गोरखपुर (ब्यूरो)। ये तीन केस बताने के लिए काफी हैं कि सोशल मीडिया के जाल में फंसकर किस तरह बेटियों का जीवन बर्बाद हो रहा है। कई लड़कियां कम समय में फेमस तो कोई हीरोइन बनने के चक्कर में अंजाने रिश्ते पर विश्वास कर खुद की जिंदगी तबाह कर रही हैं। जानकारों की मानें तो इसकी बड़ी वजह ऑनलाइन पढ़ाई और मोबाइल फोन का अधिक यूज है। केस-1


ग्वालियर की एक लेडी ने पिपराइच की एक किशोरी से पहले फेसबुक पर दोस्ती की। फिर मूवी में काम दिलाने का झांसा देकर किशोरी का अपहरण कर लिया। उसे अपने साथ ग्वालियर ले गई। वहां किशोरी को 2 महीने तक बंधक बनाकर रखा और उसके साथ होमो सेक्स किया। उसका वीडियो भी बना लिया। पुलिस के अनुसार वह वीडियो के जरिए एडल्ट पिक्चर बनाकर पैसे कमाना चाहती थी। 30 जून को किशोरी को लेडी डॉन के चंगुल से छुड़ाकर पुलिस गोरखपुर लाई।

केस-2

कैंट इलाके में सोशल मीडिया के जरिए युवती से दोस्ती कर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का मामला सामने आया। आरोप है कि दोस्ती होने के बाद युवक ने ट्रेडिंग सिखाने के बहाने युवती को घर बुलाया। फिर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया। कैंट पुलिस केस दर्ज कर आरोपी की तलाश में जुटी थी। 28 जून को पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।केस-3शाहपुर की एक महिला ने एसएसपी से शिकायत की है। महिला ने बताया कि उसकी 16 साल की बेटी को राजेन्द्र नगर का एक लड़का फिल्मों में काम दिलाने के नाम पर भगा ले गया है। दस मई से बेटी को लेकर युवक गायब है। इसकी कम्प्लेन स्थानीय थाने में भी करने गई, लेकिन वहां कोई सुनवाई नहीं हुई। बाल कल्याण समिति के सामने पेश हुईं 302 लड़कियांइस साल आईपीसी की धारा 363 और 366 (यानी कि बहला फुसला कर लड़की को भगा ले जाना, अपहरण) के तहत बाल कल्याण समिति के सामने 302 लड़कियों को पेश किया गया। जबकि इसके अलावा पाक्सो एक्ट के तहत भी 191 लड़कियां समिति के सामने पेश की गईं। खास बात यह है कि इनमें से अधिकांश लड़कियां नाबालिग हैं। 105 दिन में भाग गई 500 लड़कियां
पुलिस के अनुसार, पिछले दो साल में कोरोना का कहर रहा। लॉकडाउन लगा रहा। इससे नाबालिग बेटियों के प्रेमी संग भागने यानी अपहरण के केस में कमी आई थी, लेकिन जैसे ही कोरोना का कहर कम हुआ, रेंज के चार जिलों से इस साल 2022 में 15 अप्रैल तक 500 लड़कियां भाग गईं। पुलिस का कहना है कि खास बात यह है कि अधिकांश बेटियां रूरल एरियाज घर से निकल जाती हैं। शहरी इलाकों में संख्या कम है।बड़े शहर निकल जा रहीं लड़कियांपुलिस के अनुसार, नाबालिग बेटियां प्रेमी संग घर छोड़कर जिले से काफी दूर निकल जा रही हैं। ये अक्सर हैदराबाद, लुधियाना, चंडीगढ़, दिल्ली, गुडग़ांव, मुंबई, पूना, कोलकाता, चेन्नई जैसे बड़े शहरों में चली जा रही हैं और प्रेमी संग रह रही हैं। इससे पुलिस को बरामद करने में दिक्कत आ रही है।पहले से बढ़े हैं केस जिला प्रोबेशन अधिकारी सरबजीत सिंह का कहना है कि इस तरह के मामले मार्च 2022 में काफी बढ़े हैं। 366- 366 और पाक्सो एक्ट के जो भी मामले सामने आते हैं, उन्हें बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया जाता है। जबकि डीआईजी रेंज जे। रविंदर गौड़ का कहना है कि पुलिस लगातार नाबालिग बेटियों को बरामद करने का काम कर रही है। सभी शिकायतों पर सक्रियता से कार्रवाई कराई जाती है। इस साल संख्या कुछ बढ़ी है, सभी को बरामद करने का निर्देश दिया है।। लड़कियों का सोशल मीडिया के प्रति अट्रैक्शन बढ़ा है।
। ऐसे में ब्वॉय फ्रेंड और गर्लफ्रेंड बनाने का चलन शुरू हो चुका है।। लड़कियां या फिर लड़के सोशल मीडिया के माध्यम से एक दूसरे प्रति आकर्षित होते हैैं।। सोशल मीडिया से बने रिश्ते में कुछ ही दिन बाद ब्रेकअप भी हो जाता है। । पेरेंट्स को अपने बच्चों का पूरा ध्यान रखना होगा। (साइकोलॉजिस्ट प्रो। अनुभूति दुबे के अनुसार)

Posted By: Inextlive