- मार्केट में 2-3 हजार महंगे हो गए मोबाइल फोन

- ऑनलाइन पढ़ाई कराने के लिए खरीद रहे पैरेंट्स

- एमआरपी से अधिक रेट पर बेच रहे शॉपकीपर

GORAKHPUR: अगर आप ई कॉमर्स वेबसाइट पर मोबाइल या टैब के प्राइस देख मार्केट में उस पसंदीदा सेट को खरीदने निकल रहे हैं तो अपनी जेब ढीली करने के लिए पैसे बढ़ाकर ही ले जाएं। जब से बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हुई है तब से मोबाइल, टैब और लैपटॉप की बिक्री बढ़ गई है। हैरानी की बात ये है कि बिक्री बढ़ने से मोबाइल के रेट नहीं बढ़े हैं बल्कि ब्लैक मार्केटिंग ने आपके पसंदीदा फोन का प्राइस 2-3 हजार रुपए तक बढ़ा दिया है।

एक ही मोबाइल के कई रेट

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम गुरुवार को इस बात की हकीकत जानने के लिए बलदेव प्लाजा स्थित मोबाइल मार्केट पहुंची। हर मोबाइल शॉप पर कस्टमर्स की भरमार थी। टीम ने एक शॉप में जाकर एक कंपनी के मोबाइल सेट का रेट पूछा। शॉपकीपर ने उसका रेट 19 हजार बताया। टीम फिर आगे बढ़ी और दूसरी शॉप पर उसी सेट का रेट पूछा तो वहां शॉपकीपर ने उस मोबाइल का प्राइस 18 हजार बताया। इसी तरह अगली शॉप पर जब टीम पहुंची तो उसी मोबाइल का रेट 17 हजार बताया गया। जबकि उस मोबाइल का असली रेट 16,800 रुपए था।

ब्लैक में बेच रहे मोबाइल

इस समय कुछ मोबाइल सेट्स की डिमांड सबसे अधिक है। कस्टमर जब अपना पसंदीदा मोबाइल लेने शॉप पर पहुंच रहा है तो पता चल रहा है कि उस सेट की शार्टेज चल रही है। इसका फायदा उठाते हुए कस्टमर्स को शॉपकीपर ब्लैक में महंगे रेट पर मोबाइल बेच रहे हैं।

ऑनलाइन बुक नहीं हो पा रहे मोबाइल

मोबाइल की डिमांड का आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि ऑनलाइन भी अधिकतर मोबाइल आउट ऑफ स्टॉक है। जिसकी वजह से कस्टमर्स को ब्लैक में मोबाइल लेना पड़ रहा है।

7 सेकेंड में बुक करें मोबाइल

फ्लैक्स सेल वेबसाइट पर कंपनी एमआरपी रेट पर मोबाइल देती है। हालत ये है कि इस वेबसाइट पर मोबाइल का नाम डालते ही केवल सात सेकेंड का समय कस्टमर को मिलता है। इतने ही समय में उसे अपनी पूरी डिटेल उसमें सबमिट करना होता है। जबकि थोक व्यापारी इसके लिए वेबसाइट का सहारा लेते हैं, जिसके सहारे सारे डिटेल केवल सात सेकेंड में ही अपलोड हो जाते हैं। एक साथ लाखों मोबाइल थोक व्यापारी उठा लेते हैं। जिसे मार्केट में एमआरपी से बढ़ाकर बेचते हैं।

कोट

बच्चे की ऑनलाइन पढ़ाई सुबह ही शुरू हो जाती है। उसके लिए अब मोबाइल बहुत जरूरी है। मोबाइल खरीदने आया हूं लेकिन यहां तो जो मोबाइल मांगो वो एमआरपी से अधिक रेट पर बेच रहे हैं।

पंकज शुक्ला, पैरेंट

बच्चों की ऑनलाइन क्लास की टाइमिंग अलग-अलग है। उनके लिए एक मोबाइल खरीदने आया था। घर पर वेबसाइट पर देखा तो उसका रेट कुछ और था और मार्केट में कुछ और प्राइस बता रहे हैं। देवेन्द्र कुमार, पैरेंट

Posted By: Inextlive