- एक क्लिक में खुल जाएगा थानों का राज, एडीजी ने देखा डेमो

- पब्लिक की फरियाद कितनी सुनी गई, नहीं छुपा सकेंगे थानेदार

GORAKHPUR: पब्लिक की फरियाद से लेकर थानों के कामकाज को छिपाने वाले थानेदारों की पोल एक क्लिक पर खुल जाएगी। बिना किसी साफ्टवेयर की मदद से बस्ती, वाल्टरगंज के एसओ देवेंद्र कुमार सरोज ने ऐसा सिस्टम तैयार किया है जिससे पल भर में थानों के हर कामकाज की जानकारी मिल सकेगी। जोन भर के 196 थानों के लिए फार्मूला लागू किया जाएगा। सोमवार को एडीजी अखिल कुमार ने ट्रेनिंग का निर्देश जारी किया। एडीजी ने कहा कि हमारे बीच स्किल्ड पुलिस कर्मचारी भी हैं। इसकी जानकारी होने पर सभी लोग लाभ उठा सकते हैं।

एडीजी ने रोका तबादला, जारी किए निर्देश

मूलरूप से झंगहा के रहने वाले एसआई डीके सरोज बस्ती के वाल्टरगंज थाना में तैनात थे। हाल के दिनों में उनका ट्रांसफर हो गया। इस सिलसिले में सोमवार को वह एडीजी से मिलने पहुंचे। एडीजी ने उनके थाने पर अप्लीकेशन, शिकायतों के निस्तारण, लाइसेंसी असलहों के जमा कराने की स्थिति सहित अन्य जानकारी पूछ ली। डीके सरोज ने बताया कि वह गूगल ड्राइव पर पूरी डिटेल रखते हैं। चंद सेकेंड में सारी जानकारी एडीजी के डेस्कटॉप पर उन्होंने उपलब्ध करा दिया। आसान और सरल तरीके पूरे थाने का कामकाज सामने आने पर एडीजी ने सराहना की। उन्होंने डीके सरोज का ट्रांसफर रोक दिया। एडीजी ने कहा कि इस बारे में जोन भर के थानों की पुलिस की ट्रेनिंग कराई जाए। हालांकि डीके सरोज को कंप्यूटर साइंस से कभी नहीं जुड़े रहे। बावजूद कामकाज को सरल बनाने के लिए अपने प्रयास से इसे सीख लिया।

यह मिल सकेगी जानकारी

- किसी पीडि़त की शिकायत किस लेबल पर पेडिंग है।

- किसने और क्या कार्रवाई की है। किसने अपडेट किया है। इसकी जानकारी जीपीएस लोकेशन सहित मिलेगी।

- उपलब्ध डाटा में किस तरह का फेरबदल, किसने किया है। इसका ब्यौरा भी मौजूद रहेगा।

- गूगल ड्राइव पर डाटा उपलब्ध होने से कहीं पर भी आसानी से रिपोर्ट तैयार की जा सकेगी।

- थाने का ए टू जेड वर्क इस ड्राइव पर मिलेगा जिससे कभी जांच करने में आसानी होगी।

इस तरह की सुविधा

- पीडि़त की शिकायतों संबंधी एप्लीकेशन

- लाइसेंस वेरीफिकेशन, कितने असलहे जमा हुए

- हिस्ट्रीशीटरों की निगरानी, टॉप 10 बदमाशों पर नजर

- थाना एरिया में एक्टिव अपराधी, उनकी पूरी डिटेल

- इलेक्शन के लिए बूथ वाइज डाटा बेस

- बूथ का जीपीएस लोकेशन, आसपास के लोगों का मोबाइल नंबर

- मोबाइल नंबर पर क्लिक करने के बाद आटोमैटिक काल की सुविधा

- महिला हेल्प डेस्क सहित अन्य शिकायतों पर कार्रवाई के निर्देश देने की सुविधा

यह काफी कारगर है। हमने इसे देखा है। हमारी पुलिस इसका इस्तेमाल कर सकती है। इसलिए बाकायदा ट्रेनिंग कराई जाएगी। जोन के हर थाने के पुलिस कर्मचारी इस सिस्टम की जान सकें। इसलिए सभी को ट्रेनिंग दिलाई जाएगी।

अखिल कुमार, एडीजी जोन

Posted By: Inextlive