स्कूलों से गायब हो गया बचपन
- गोरखपुर में एक लाख से अधिक बच्चों ने छोड़ दी पढ़ाई
-कोराना काल में नर्सरी से क्लास 5वीं के बच्चों ने छोड़ा स्कूल का दामन -स्कूल को बिना इंफॉर्मेशन दिए ऑनलाइन क्लास से हो गए गायब GORAKHPUR: कोरोना काल में अधिकत्तर स्कूलों से छोटे बच्चों ने दूरी बना ली। चाहे सरकारी हो या फिर सिटी के फेमस स्कूल सभी जगहों से खासतौर से नर्सरी से 5वीं क्लास तक के बच्चे एक-एक करके ऑनलाइन पढ़ाई से गायब होते गए हैं। गोरखपुर से बीच सेशन में करीब एक लाख से अधिक बच्चों की पढ़ाई पैरेंट्स ने छुड़ा दी है। अलग-अलग बताई वजहस्कूल प्रबंधन का कहना है अचानक बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई से गायब होने लगे तो हम लोगों ने पैरेंट्स से कॉन्टेक्ट किया। कई पैरेंट्स का कहना है कि धीरे-धीरे करके फीस जमा ना करने की वजह से इसका बोझ बढ़ गया है, अब एक साथ पूरी फीस जमा करना हम लोगों के बस में नहीं है। इसलिए हम अपने बच्चे को इसी क्लास में अगले सेशन शुरू से पढ़ाएंगे। कुछ पैरेंट्स ने ये भी बोला कि अभी छोटे बच्चे हैं अगर ये मोबाइल पर क्लास करेंगे तो इनकी आंखे खराब हो जाएगी। एक साल बच्चा नहीं पढ़ेगा तो कोई दिक्कत नहीं है।
केस-1तीन बच्चों को छुड़ा दिया स्कूल
राजेन्द्र नगर इलाके के रहने वाले अजीत ने बताया कि सिविल लाइंस के एक फेमस स्कूल में मेरे तीन बच्चे नर्सरी, 1 और 2 में पढ़ते हैं। मार्च से पहले ही एडमिशन तो करा लिया। कॉपी-किताब भी खरीद ली। अचानक से मार्च में कोरोना का प्रकोप शुरू हुआ और स्कूल बंद हो गए। इसके बाद ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो गई। सबसे पहले तो तीन मोबाइल लेना मेरे बस की बात नहीं थी। इसके बाद मोबाइल से पढ़ाई में बच्चों की सिर में दर्द होता था। मुझे लगा कि इससे तो बच्चों की आंखे खराब हो सकती हैं, इसलिए मैने इसबार बच्चों को घर पर पढ़ाने का डिसीजन लिया। रख लिया प्राइवेट ट्यूटर आजाद चौक के अभिनव बताते हैं कि मैने अपनी बच्ची को प्लेवे स्कूल से निकालकर क्लास 1 में दूसरे स्कूल में एडमिशन करा दिया। इसके बाद कोरोना की वजह से स्कूल ही बंद हो गए। ऑनलाइन पढ़ाई चली लेकिन मैं इससे संतुष्ट नहीं था, इसलिए मैंने बच्चे के लिए घर पर होम ट्यूटर लगा दिया है। अब नए सेशन में फिर इसी क्लास में बच्ची को एडमिशन कराने जा रहा हूं। -बड़े बच्चों की जमा की फीस छोटे बच्चों की छुड़ा दी पढ़ाई।-ऑनलाइन पढ़ाई से नहीं थे संतुष्ट।
-फीस की वजह से छुड़ा दी पढ़ाई। -आंख खराब होने के डर से छुड़ा दी पढ़ाई। -बच्चों को ड्रॉपआउट कर फिर उसी क्लास में पढ़ाएंगे पैरेंट्स। -बाहर से आए लोग भी घर लौटे तो बच्चे की छूट गई पढ़ाई। बच्चे नर्सरी में छोड़ दी पढ़ाई- 40 परसेंट बच्चे छोड़ दी 1,2 में पढ़ाई- 35 परसेंट बच्चे छोड़ दी 3,4 और 5 में पढ़ाई- 25 परसेंट बच्चे छोड़ दी 6, 7, और 8 में पढ़ाई- 5 परसेंट सरकारी स्कूल- 300 छोटे बड़े प्राइवेट स्कूल- 400 कोट- गोरखपुर में सबसे अधिक रूरल इलाकों के स्कूल से बच्चों ने पढ़ाई बीच सेशन में छोड़ दी। करीब एक लाख से अधिक बच्चे इस बार बाहर हो गए। अजय शाही, अध्यक्ष, गोरखपुर स्कूल एसोसिएशन ज्यादाता नर्सरी और 1,2 क्लास के बच्चे पढ़ाई छोड़ चुके हैं। इनके पैरेंट्स या तो किराए के घर में थे तो छोड़कर चले गए या फिर फीस की वजह से ड्राप आउट कर गए। रेवती रमन शर्मा, डायरेक्टर, जेनिथ कॉन्वेंट स्कूल कई पैरेंट्स तो इसलिए बच्चों की पढ़ाई छुड़वा दिए कि कहीं उनके बच्चे की आंख ना खराब हो जाए। नर्सरी से 5 तक के बच्चे बिना बताए पढ़ाई छोड़ दी।विवेक श्रीवास्तव, डायरेक्टर, रैम्पस स्कूल
हम लोग स्कूल में हर तरह का अरेंजमेंट किया था, लेकिन काफी छोटे क्लास के बच्चे बीच सेशन से ही गायब हो गए। राजीव गुप्ता, डायरेक्टर, स्टेपिंग स्टोन स्कूल