-गोरखपुर में 40 सेंटर्स पर कंडक्ट हुआ नीट एग्जाम

-नीट एग्जाम में रजिस्टर्ड थे 1800 कैंडिडेट

GORAKHPUR: गोरखपुर में नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट 'नीट' रविवार को 40 सेंटर्स पर कंडक्ट कराया गया। इस एग्जाम के लिए 18000 कैंडिडेट रजिस्टर्ड थे। एग्जाम देकर निकले कई कैंडिडेट को पेपर आसान लगा। जबकि कई ऐसे कैंडिडेट थे जिन्हें फिजिक्स ने परेशान किया और बॉयो उन्हें आसान लगा। काफी कैंडिडेट से बात करने पर ये क्लीयर हुआ कि फिजिक्स के पेपर ने बहुतों के पसीने छुड़ाया है। उनके चेहरे पर खुशी इसलिए थी कि फिजिक्स के अलावा केमेस्ट्री और बॉयो के क्वेश्चन उनके मनमुताबिक मिले। जिसे वे सही-सही करके आए थे।

पैरेंट्स ढूंढते रहे सेंटर

गोरखपुर में नीट एग्जाम के लिए शहर से बाहर एरिया में सेंटर बनाए गए थे। इस वजह से सुबह से ही बाहर से आए पैरेंट्स अपने बच्चे को एग्जाम दिलाने के लिए सेंटर खोजने पसीना छुट गया। ऐसे-ऐसे स्कूल पर सेंटर गया था जिसकी लोकेशन सिटी के लोग भी नहीं बता पा रहे थे। जैसे-तैसे सेंटर तक पहुंचे पैरेंट्स तीन घंटे बाहर धूप में इधर-उधर छांव तलाशते रहे।

छूट गया एग्जाम

बस्ती की रहने वाली एक महिला अपनी बेटी का एग्जाम दिलाने गोरखपुर आई थी। सुभाषनगर के एक स्कूल में उसका सेंटर गया था। जिसकी लोकेशन खोजने में उन्हें काफी देर हो गई। जैसा कि दो बसे से एग्जाम था। वे अपनी बेटी को लेकर 1.30 बजे के बाद सेंटर पर पहुंची। लेकिन उनकी बेटी को इंट्री नहीं मिली। काफी देर तक अपनी बेटी का साल बर्बाद हो जाने की दुहाई देती रहीं लेकिन इसके बाद भी उनकी बेटी को इंट्री नहीं मिली। करीब एक घंटे इंतजार कर वे निराश होकर अपने घर वापस लौट गई।

आधा किमी पहले खड़ी हो गई गाड़ी

गोरखपुर में नीट एग्जाम के लिए नौसढ़ से आगे भिलौरा के वीएन पब्लिक स्कूल में सेंटर बनाया गया था। इस स्कूल के चारो तरफ पानी लगा हुआ था। इस वजह से आधा किमी पहले ही पैरेंट्स को गाड़ी खड़ा कर बच्चे को पैदल सेंटर तक पहुंचना पड़ा। इस सेंटर के आस-पास कहीं बैठने या खड़े होने की भी जगह नहीं थी। इस वजह से पैरेंट्स धूप में बेहाल खड़े होकर एग्जाम खत्म होने का इंतजार करते रहे।

सेंटर के बाहर टूटा रूल

सेंटर के अंदर तो कोविड 19 गाइड लाइन के हिसाब से सारे इंतजाम थे। लेकिन बाहर भीड़ एक के ऊपर एक खड़ी थी। एग्जाम छुटने के समय तो खुल कर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ीं।

कोट-

पेपर आसान आया था। फिजिक्स और केमेस्ट्री ने जरूर थोड़ा परेशान किया है। बाकी पेपर बहुत अच्छा हुआ।

अंजली सिंह, कैंडिडेट

मेरा पेपर बहुत अच्छा हुआ है। मैने सारे क्वेश्चन के आंसर सही सही दिए हैं। मुझे फिजिक्स थोड़ा टफ लगा।

वंदिता मिश्रा, कैंडिडेट

सेंटर खोजने में काफी परेशानी हुई है। लेकिन जब पेपर अच्छा हुआ तो सारी परेशानी दूर हो गई।

वैशाली, कैंडिडेट

फिजिक्स के काफी टफ क्वेश्चन पूछे गए थे। बायो और केमेस्ट्री ने काम आसान कर दिया। जिससे पेपर अच्छा गया।

आकाश जैसवाल, कैंडिडेट

आउटर पर सेंटर होने की वजह से खोजने में काफी पेरशानी हुई। इस बार पेपर आसाना आया है। फिजिक्स थोड़ा टफ लगा।

संजीव पाठक, कैंडिडेट

क्वेश्चन सभी आसान थे। सबसे आसान क्वेश्चन बॉयो से पूछे गए थे। जबकि फिजिक्स और केमेस्ट्री के कठिन सवाल थे।

जाकिर हुसैन, कैंडिडेट

Posted By: Inextlive