- नवीन मंडी महेवा में अलाव की व्यवस्था न होने से ठिठुर रहे व्यापारी व किसान

- ठंड से निपटने के लिए अभी तक मंडी प्रशासन ने नहीं की अलाव की व्यवस्था

GORAKHPUR: ठंड बढ़ने के बाद भी पूर्वाचल की सबसे बड़ी नवीन मंडी महेवा में प्रशासनिक स्तर पर अभी तक अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है। सुबह हो या रात, सर्द हवा व गलन बढ़ती जा रही लेकिन प्रशासन अब तक अलाव की कोई व्यवस्था नहीं कर सका है। आलम यह है कि अभी भी मंडी में दूर दराज से व्यापार के सिलसिले में आने वाले किसानों और पब्लिक सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है। गल्ला, मछली और फल-सब्जी मंडी में ठहरने वाले किसानों के लिए कोई उपाय नहीं किए गए हैं।

टैक्स वसूलने के बाद भी व्यवस्था नहीं

सुबह और शाम कोहरे के बीच पड़ रही ठंड में व्यापारी व किसानों को खूब फजीहत हो रही है। मंडी प्रशासन कारोबार का ढाई प्रतिशत मंडी शुल्क व्यापारियों से वसूल करती है। जिसमें आधा प्रतिशत मंडी शुल्क विकास के नाम पर खर्च होता है। मगर हकीकत यह है कि व्यापारियों को सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं मिलता है। आधी ठंड बीत गई इसके बावजूद भी मंडी प्रशासन की ओर से अलाव के लिए लकड़ी की व्यवस्था नहीं कर सका। ठंड में किसान व व्यापारी परेशान है पर प्रशासन अभी भी उदासीन बना हुआ है। रात को पड़ने वाली ठंड में इनके छिपने तक का कोई ठिकाना नहीं है। ऐसे में रोजना ही बढ़ती जा रही ठंड के बीच प्रशासन अभी पता नहीं किस चीज की राह तक रहा है।

स्टैटिस्टिक -

गल्ला, मछली, फल-सब्जी दुकानें - 600

मंडी में लाइसेंस होल्डर व्यापारी -1200

हर रोज कारोबार के सिलसिले में आने वाले व्यापारी - 400

व्यापार के सिलसिले में अन्य जिले से व्यापारी मंडी में आते हैं। ठंड से निपटने के लिए मंडी प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं है। जबकि पिछली बार यहां अलाव जलाए जा रहे थे।

रमेश चंद्र गुप्ता, व्यापारी

मंडी में हम पल्लेदारी करते हैं। अक्सर रात में ही गाडि़यों से माल उतारा जाता है। ठंड काफी लगती है। यहां पर अलाव तो दूर ठहरने की भी व्यवस्था नहीं है। सड़क पर कहीं अलाव मिलता है तो रुककर ठंड दूर करते हैं।

प्रदीप यादव, वर्कर

किसानों को रात में ठहने के लिए यहां पर रैन बसेरा नहीं है। ठंड में यहां रात काटना काफी मुश्किल हो जाता है। अलाव तो दूर की बात है।

अविनाश कुमार गुप्ता, व्यापारी

मैँ कानपुर का रहने वाला हुई। अक्सर मंडी में माल लेकर आता हू। अन्य मंडियों में भी आना जाना होता है हर मंडी में अलाव की व्यवस्था है। लेकिन गोरखपुर ही ऐसे मंडी हैं जहां अलाव आदि की व्यवस्था नहीं है। इससे काफी परेशानी होती है।

अब्दुल रउफ, ड्राइवर

अलाव जलाने के लिए मंडी में स्थान का चयन कराया जा रहा है। तय स्थानों पर जल्द ही अलाव की व्यवस्था की जाएगी।

सेवाराम वर्मा, सचिव नवीन मंडी महेवा

Posted By: Inextlive