- खामोशी से गरज रहीं पुलिस की बंदूकें, घायल नहीं होते बदमाश

- मुठभेड़ में मारा गया था विपिन, पहले हो चुके हैं कई एनकाउंटर

GORAKHPUR: जिले में पुलिस की बंदूकें खामोशी से गरज रही हैं। बदमाशों की धर-पकड़ में लगी पुलिस की टीमें मुठभेड़ के दौरान गोलियां तो दाग रही, लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि पुलिस के सटीक निशाने के बावजूद कोई बदमाश घायल नहीं हो रहा है। सभी पुलिस पर पहले गोली चला रहे, लेकिन पुलिस की टीम अपने को बचाकर उनको अरेस्ट कर ले रही है। ऐसा हम नहीं कह रहे है बल्कि गोरखपुर के पुलिस के आंकड़े गवाही दे रहे हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मुठभेड़ के दौरान परिस्थितियों के अनुसार कार्रवाई की जाती है। हालांकि रिकॉर्ड में पुलिस पर हमले करके भागने की कोशिश करना बदमाशों के लिए आम बात हो गई है।

राधे का हाफ एनकाउंटर, विपिन सिंह को मार गिराया

जिले में लूट, अपहरण, मर्डर सहित अन्य वारदातों को अंजाम देकर पब्लिक के लिए मुसीबत बनने वाले बदमाशों पर लगातार कार्रवाई जारी है। 28 जुलाई 2020 की रात करीब दो बजे बांसगांव एरिया में पुलिस ने कुख्यात बदमाश राधे यादव की घेराबंदी की। पुलिस की मुठभेड़ में उसे गोली लगी। इस दौरान तीन पुलिस कर्मचारी भी घायल हुए। राधे के खिलाफ विभिन्न थानों में 34 मामले दर्ज हैं। बांसगांव में एक युवक पर जानलेवा हमले में पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। इसके पूर्व नौ जून को पुलिस ने गुलरिहा एरिया में लाइव मुठभेड़ में शाहपुर के कुख्यात विपिन सिंह को मार गिराया था। झुंगिया निवासी प्रॉपर्टी डीलर छोटू प्रजापति और उसके दोस्त पर जानलेवा करके भाग रहे विपिन ने बच्चे सहित दो लोगों को गोली मार दी। मेडिकल कॉलेज के पास पिपराइच, गुलरिहा और शाहपुर थानों की पुलिस ने उसकी घेराबंदी की। पिस्टल से फायर झोंक रहे विपिन को पुलिस पर हमला किया। इस दौरान जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया। विपिन के एनकाउंटर के बाद कई बदमाशों ने जिला छोड़ दिया था।

चार माह में किसी को नहीं लगी गोली

28 जुलाई के बाद पुलिस की टीम किसी कुख्यात का हाफ एनकाउंटर भी नहीं कर सकी, लेकिन इस दौरान ऐसा नहीं हुआ कि भागने के लिए बदमाशों ने पुलिस टीम पर गोली नहीं दागी। आधा दर्जन से अधिक मामलों में पुलिस ने टीम पर हमले की कार्रवाई भी की है। शाहपुर एरिया में टीचर का मर्डर करने वाले कुख्यात त्रिभुवन ने पुलिस पर गोली चलाकर भागने की कोशिश की थी। रेलवे स्टेशन से लेकर शहर के विभिन्न स्थानों पर जहरखुरानी करके पैंसेजर्स को लूटने वाले शातिरों ने भी पुलिस टीम पर हमले किए, लेकिन इस दौरान न तो किसी बदमाश को पुलिस की गोली लगी। न ही कोई पुलिस कर्मचारी घायल हुआ। बाल-बाल बचते हुए पुलिस ने बदमाशों पर शिकंजा कसा।

मुकदमे का खेल, केस बढ़ाने को चलाते गोली

कचहरी से जुड़े लोगों का कहना है कि पुलिस के एनकाउंटर की भी अपनी कहानी होती है। मुकदमें की धारा बढ़ाने के लिए कई बार पुलिस फायरिंग की बात सामने ले आती है। गलत तरीके से की गई कार्रवाई में कई बार पेंच फंस जाता है। इसलिए पुलिस की टीम काफी अहतियात बरतते हुए कार्रवाई करती है। हालांकि पूर्व में हुए कई मुठभेड़ों में शातिर मिथुन पासवान सहित कई अन्य बदमाश पुलिस की गोली से घायल हुए हैं।

इन मामलों में पुलिस पर हुए हमले

08 नवंबर को बड़हलगंज एरिया में पुलिस मुठभेड़ में दो पशु तस्कर पकड़े गए। मुठभेड़ के दौरान बदमाशों ने पुलिस पर जानलेवा हमला भी किया।

24 अक्टूबर 2020 : पिपराइच एरिया में मुठभेड़ के दौरान 15 हजार रुपए का इनामी बदमाश अरेस्ट, तमंचा, कारतूस और खोखा बरामद हुआ। पुलिस टीम के घेराबंदी करने पर बदमाश ने गोली दागी थी।

15 अक्टूबर 2020: शाहपुर एरिया में एसटीएफ और पुलिस ने कार्रवाई की। रात में करीब डेढ़ बजे कार सवार बदमाशों को पुलिस ने रोका तो गोली चलाकर भागने लगे। घेराबंदी करके पुलिस ने तीन को अरेस्ट किया। तीनों शातिर जहरखुरानी गैंग के सदस्य निकले। पुलिस पर हमले का मुकदमा भी दर्ज हुआ।

03 अक्टूबर 2020: शाहपुर के कौआबाग अंडरपास के पास पुलिस ने चेन लूट की कोशिश में टीचर का मर्डर करने, उनकी बेटी को घायल के आरोपित त्रिभुवन सिंह सहित चार को अरेस्ट किया। पुलिस के घेराबंदी करने पर बदमाशों ने गोली चलाकर भागने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस की टीम बाल-बाल बच गई।

Posted By: Inextlive