अब गोरखपुर में बाइक रेस लगाने और स्टंट करने वालों की खैर नहीं होगी. इनके खिलाफ गोरखपुर पुलिस सख्त रवैया अपनाएगी. शासन के निर्देश पर चलाए जा रहे सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक जागरुकता अभियान के तहत बुधवार को यूनिवर्सिटी एनसीसी सभागार में एनसीसी कैडेट और महिलाओं को जागरुक किया गया.


गोरखपुर (ब्यूरो)। एसपी ट्रैफिक डॉ। एमपी सिंह और आरटीओ अनीता सिंह ने सड़क पर सड़क पर बाइक रेस और स्टंट पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि स्टंट करने से दुर्घटनाएं ज्यादा होती हैं। साथ ही युवक अपनी जान जोखिम में डालने के साथ-साथ अन्य लोगों के लिए भी परेशानी और दुर्घटना का सबब बनते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कोई स्टंट करते हुए पकड़ा जाता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ ही केस दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जाएगा। जिले के प्रत्येक थाने के माध्यम से विशेष अभियान चलाया जा रहा है।जान बचाने के लिए कार्रवाई


आईटीएमएस ट्रैफिक कंट्रोल रूम से भी एनसीसी कैडेट को अवगत कराया। कहा कि आईटीएमएस के माध्यम से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है ताकि लोगों की जान बचाने और दुर्घटना पर अंकुश लगाया जा सके। एसपी ट्रैफिक ने बताया कि किसी चौराहे पर रेड लाइट होता है तो स्टॉप लाइन से पीछे रुक जाए, यदि बाए जाना हो तो बाए चले जाए। बायीं लेन खाली रखे यदि कोई बाया लेन जाम करता है तो चालान की कार्रवाई होगी।एंबुलेंस का रास्ता रोका तो 10 हजार का जुर्माना

कहा कि अगर एंबुलेंस को रास्ता ना देने वाले के खिलाफ दस हजार का जुर्माना और केस दर्ज कर जेल भेजा जाएगा। इसके लिए ट्रैफिक हेल्पलाइन नंबर 8081208576 पर कंप्लेन कर सकते हैं। यदि रोड पर गाड़ी पार्किग करते हुए देखते हैं तो उसका फोटो खींचकर इस नंबर पर भेज दें, जिससे उसके खिलाफ ट्रैफिक पुलिस की ओर से कार्रवाई की जा सके। गोरखपुर पुलिस के ट्वीटर अकाउंट की भी जानकारी दी गई। अगर कोई आपको परेशानी होती है तो इस ट्वीटर अकाउंट पर अपनी प्रॉब्लम का समाधान के लिए सूचना और यातायात संबंधित सुझाव दे सकते हैं।गोल्डन ऑवर की दी जानकारी

आरटीओ अनीता सिंह लोगों को जागरुक करते हुए कहा कि बाइक चलाते समय हेलमेट का प्रयोग करना जरूरी है। इससे सड़क दुर्घटना में कमी आएगी। कहा कि एनसीसी कैडेट को गोल्डन ऑवर के बारे में भी जानकारी दी। यदि आप किसी दुर्घटना में लोगों की मदद करते हैं और उसको हॉस्पिटल तक पहुंचाते हैं दुर्घटना और हॉस्पिटल के बीच का जो समय होता है उसी को गोल्डन आवर कहते हैं। जब किसी दुर्घटना में व्यक्ति की मदद करते हैं तो सरकार की ओर से सराहनीय कार्य के लिए पुरस्कार किया जाएगा। इस अवसर पर एनसीसी बटालियन की कप्तान विनीता पाठक, ट्रैफिक टीआई मनोज राय, ट्रैफिक सेफ्टी मैनेजर सुमित मिश्रा आदि मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive