- पैडलेगंज तिराहे पर मुड़ने में लोग होते हैं परेशान

- जाम छुड़ाने में छूटता पसीना, चाहिए स्थाई समाधान

GORAKHPUR: शहर में ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए एक मुहिम शुरू हुई है। ट्रैफिक पुलिस के हेल्प लाइन नंबर पर पब्लिक का फीडबैक लेकर व्यवस्था बदलने की बात हो रही है। लोग रोजाना अपने फीड बैक भी दे रहे। जनता के सुझाव को अमल लाने के लिए पुलिस अधिकारी सभी समस्याओं को नोट कराकर उनका दस्तावेज तैयार करा रहे हैं। लेकिन ट्रैफिक सुधार की राह में तमाम ऐसी समस्याएं हैं जो जाने-अनजाने पीछे छूटती जा रही है। उन समस्याओं को दूर करने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने भी प्रयास शुरू किया है। गुरुवार को टीम पैडजलेगंज तिराहे पर पहुंची। यहां किसी व्हीकल को लेकर मुड़ना और आगे बढ़ना वाकई थोड़ा मुश्किल है। तिराहे पर किसे, किधर से मुड़ना है। इसको लेकर लोग कन्फयूज रहते हैं।

किधर से आए, किधर जाएंगें, होती मुश्किल

पैडलेगंज तिराहे से होकर लखनऊ हाइवे गुजरता है। एक तरफ का रास्ता छात्रसंघ होते हुए रेलवे स्टेशन सहित शहर के अन्य हिस्सों में चला जाता है। तो दूसरी तरफ मोहद्दीपुर और सर्किट हाउस रोड भी इसी तिराहे से जुड़ते हैं। इस तिराहे पर डिवाइडर लगाकर आवाजाही के लिए रास्ते का निर्धारण किया गया है। इस तिराहे पर कोई किसी तरफ से व्हीकल लेकर आए। मुड़ने के दौरान हर किसी को कंफ्यूजन होता है कि उसे किस तरफ से मुड़ना है।

तिराहे की इंजीनियरिंग से होती है प्रॉब्लम

लखनऊ और वाराणसी की तरफ से आने वाली बसें पैडलेगंज तिराहे से होकर शहर में इंट्री करती हैं। मोहद्दीपुर की तरफ से आने वाले लोग जिनको शहर में जाना होता है। या फिर सर्किट हाउस और देवरिया बाईपास की तरफ जाना चाहते हैं। सभी को तिराहे से होकर गुजरना होता है। आसपास के लोगों का कहना है कि चौराहे की इंजीनियरिंग ऐसी है कि सही तरीके से डायवर्जन नहीं हो पाता है। कभी इस किनारे तो कभी उस किनारे कोन और डिवाइडर लगाकर रास्ता बदला जाता है।

सवारी के चक्कर में लगाते हैं जाम

इस तिराहे पर टेंपो, बैट्री रिक्शा सहित अन्य व्हीकल ड्राइवर मनमानी तरीके से चलते हुए नजर आए। लखनऊ से आने वाली रोडवेज की बस को मोड़ पर रोककर ड्राइवर-कंडक्टर सवारी उतारते हैं। तिराहे के कट पर आगे बढ़कर मुड़ने के बजाय टेपों और रिक्शा वाले कहीं से मुड़ जाते हैं। इससे पीछे से आ रहे लोगों को प्रॉब्लम उठानी पड़ती है।

इस तिराहे पर आती ये प्रॉब्लम -

- खराब इंजीनियरिंग के कारण कहां से किसे मुड़ना है। इसका निर्धारण सही ढंग से नहीं हो पाता है।

- तीन तरफ से प्रमुख रास्ता होने से लोग जहां-तहां मुड़ते हैं। इससे एक्सीडेंट का खतरा बना रहता है।

- तिराहे पर एक तरफ छात्रसंघ की ओर मुड़ने वाली जगह काफी सकरी है। किसी व्हीकल के रुकने पर जाम लगता है।

- मूर्ति के गोलंबर के पास लगा हाई मास्ट लैंप का खंभा भी रुकावट खड़ी करता है।

- तिराहे पर एक तरफ से ठेले और खोमचे लगने से भी समस्या आती है।

- तिराहे पर ही सवारी चढ़ाने और उतारने से जाम लग जाता है।

- सर्किट हाउस रोड पर जाने के लिए मोड़ करीब है। वहां ट्रैफिक दुरुस्त करने पर तिराहा डिस्टर्ब होता है।

क्या हो सकता है इसका समाधान -

- चौराहे की इंजीनियरिंग सुधारकर मुड़ने वाली जगह पर स्पेस बढ़ाई जाए।

- किसे, किस तरह से आकर, किधर मुड़ना है। इसके बारे में पेंट से मार्क बनाया जाए।

- तिराहे के आसपास किसी तरह के ठेले, टेंपो सहित अन्य व्हीकल के खड़ी होने पर रोक लगे।

- तिराहे पर किसी भी व्हीकल में सवारी चढ़ाने और उतराने पर पूरी पाबंदी हो।

- आटो रिक्शा और बसों को तिराहे से कम से कम सौ मीटर की दूरी पर रोका जाए।

- तिराहे पर एक फ्लाईओवर बनाए जाने की आवश्यकता भी महसूस की जा रही है।

यहां सबसे ज्यादा पब्लिक गलती करती है। जल्दबाजी में लोग इधर-उधर से मुड़ जाते हैं। इससे रोजाना लगता है।

रवि कुमार, बिजनेसमैन

इस तिराहे की इंजीनियरिंग काफी खराब है। बहुत से दिनों से यहां पर ट्रैफिक सुधारने की कोशिश चल रही है। लेकिन इसका कोई असर नहीं है।

सोनाली गुप्ता, शापकीपर

तिराहे पर टेंपो और किसी वाहन के खड़ी होने पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए। कोई भी व्हीकल यहां से कुछ दूरी पर ही खड़े किए जाएं।

सूरज मोदनवाल, शापकीपर

ट्रैफिक सुधार के लिए पब्लिक का फीडबैक लिया जा रहा है। मौजूदा संसाधनों से जो भी बदलाव संभव हैं। उन पर अमल किया जा रहा है। मोहद्दीपुर चौराहे पर लेफ्ट साइड में कोन लगाए जाने का रिजल्ट सामने आया है। जल्द ही अन्य चौराहों पर भी बदलाव नजर आने लगेगा।

जोगेंद्र कुमार, डीआईजी-एसएसपी

Posted By: Inextlive