- शहर की आटोमैटिक ट्रैफिक व्यवस्था में बाधक बन रही सुस्त रफ्तार

- काली मंदिर से लेकर कचहरी चौराहे तक सुबह और शाम को रहता प्रेशर

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र:

शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार की कवायद तो चल रही। लेकिन व्हीकल की सुस्त रफ्तार इसमें बाधक बन जा रही। नौ चौराहों पर आईटीएमएस से निगरानी शुरू की गई है। इस दौरान जाम लगने से लेकर सिग्नल आपरेशन तक की व्यवस्था देखी जा रही है। ये सभी प्रयास तभी परवान चढ़ सकेंगे। पब्लिक का पूरा सपोर्ट मिल सके। ट्रैफिक व्यवस्था से जुड़े लोगों का कहना है कि आटोमैटिक सिग्नल को चलाने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है। जल्द ही व्यवस्था में बदलाव नजर आने लगेगा।

एक चौराहा खुला तो दूसरा बंद

ट्रैफिक न होने पर काली मंदिर से लेकर शास्त्री चौक तक पहुंचने में बमुश्किल पांच मिनट लगते हैं। करीब दो किलोमीटर की दूरी आसानी से लोग तय कर लेते हैं। लॉक डाउन के दौरान सड़कों के खाली होने पर पांच मिनट से भी कम समय में लोग काली मंदिर से लेकर शास्त्री चौराहे पर पहुंच जाते थे। अनलॉक लागू होने पर जब सब कुछ सामान्य हुआ तो इन चौराहों पर ट्रैफिक का बढ़ गया। इस वजह से चौराहा पार करने में 15 से 20 मिनट तक का समय लग जाता है। काली मंदिर से आगे बढ़ने पर गोलघर- गणेश चौक पर सिग्नल बंद मिलता है। यहां से छूटने पर कचहरी चौराहे पर सिग्नल पार करना होता है। कई बार ऐसा होता है? कि गणेश चौक से चलकर कचहरी तक पहुंचते-पहुंचते रेड लाइट जाती है। ऐसे में दोनों जगहों पर काफी इंतजार करना पड़ता है। ट्रैफिक लोड के अनुसार चौराहों पर लाइट्स की टाइमिंग तय की गई है। न्यूनतम टाइमिंग 30 सेकेंड तय की गई है।

यह आती है प्रॉब्लम

- गोलघर में दोनों ओर दुकानों का सामान बाहर रखा जाता है।

- सड़क पर कोई अलग लेन नहीं है। एक साथ सभी व्हीकल चलते हैं।

- चौराहों पर लेफ्ट साइड में पब्लिक के खड़े होने से लंबा जाम लगता है।

- कार और अन्य व्हीकल के सामने रिक्शे- ठेले होने से लोग स्पीड में नहीं चल पाते है।

- गोलघर में पार्किंग की जगह तलाशने में ट्रैफिक स्लो रहता है। लोग काफी धीरे चलते हैं।

- सड़क पर जगह-जगह वाहनों के क्त्रास करने और मुड़ने से भी रफ्तार थमती है।

ऐसे हो सकता है समाधान

- गोलघर में जल्द से जल्द पार्किंग की व्यवस्था शुरू हो जाए।

- सड़कों, फुटपाथ पर दुकान का सामान रखने पर पूरी तरह से रोक हो।

- रिक्शा और ठेले के लिए अलग लेन बना दिया जाए। निश्चित समय पर ठेले न चलें।

- सुबह और शाम के समय ज्यादा ट्रैफिक होने पर सड़कों पर पुलिस मूवमेंट में रहे।

- जहां-तहां वाहन खड़े पर रोक लगे। जगह- जगह सड़क पार पूरी तरह से रोक हो।

यह अच्छी बात है कि यहां पर सीसीटीवी कैमरों से ट्रैफिक कंट्रोल किया जा रहा है। यह व्यवस्था सभी चौराहों पर होनी चाहिए। पब्लिक को भी थोड़ी समझदारी दिखानी पड़ेगी।

हौशिलानंद, राहगीर

ट्रैफिक व्यवस्था में कुछ सुधार हुआ है। लेकिन कई पुरानी समस्याएं हैं जिनको दूर किया जाना आवश्यक है। तभी व्यवस्था बदल पाएगी।

दिलीप शुक्ला, राहगीर

हम लोग काली मंदिर की तरफ से आ रहे हैं। गणेश चौराहे पर काफी देर लग गई। सिग्नल खुला तो आगे बढ़े। लेकिन हमारे आगे रिक्शे वाले थे। जब तक यहां पहुंचे तब ?तक फिर चौराहा बंद हो गया।

महेश कुमार, राहगीर

गोलघर में बेतरीब व्हीकल खड़े होते हैं। दुकानों के सामने जगह नहीं है। यदि पार्किंग की व्यवस्था हो जाए तो यहां पर लोग पैदल भी आवागमन कर सकते हैं।

विवेक कुमार, राहगीर

पब्लिक के सहयोग से ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने की कोशिश की जा रही है। जो भी कमियां नजर आ रही हैं। उनको दूर करने की कोशिश चल रही है।

दिनेश कुमार सिंह, सीओ ट्रैफिक

Posted By: Inextlive