- डीएम ऑफिस के कंट्रोल रूम से नोडल अधिकारी ने कोरोना मरीजों से पूछा हालचाल

- वìकग कल्चर में बदलाव का दिया निर्देश

GORAKHPUR: हैलो आपकी तबीयत कैसी है। इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम से आपको कॉल जाता है या नहीं? इस तरह से कुल 16 सवाल किए गोरखपुर नोडल अधिकारी व चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास तथा आबकारी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी ने चारगांवा ब्लाक के कोरोना मरीज लक्ष्य यादव से। दरअसल, डीएम ऑफिस में बनाए गए इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम में जहां कोरोना के एल-1, एल-2 व एल-3 मरीजों के इलाज किसी प्रकार की कहीं से कोई कोताही न बरती जाए। इसके लिए 24 घंटे हेल्थ डिपार्टमेंट, प्रशासन समेत अन्य सरकारी विभागों की टीम वर्क कर रही है। वहीं इनके वर्क को सरप्राइज चेकिंग के लिए अपर मुख्य सचिव ने एक-एक टेबल पर वर्किग का निरीक्षण किया। उसके बाद उन्होंने टीम की तारीफ की तथा उनका हौसला बढ़ाते हुए बेहतर कार्य करने की बात कहीं।

फूलने लगे हाथ पांव

दरअसल, कोविड इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम पूरी तरह से हाईटेक है। एक तरफ कोरोना के जहां सीरियस और नॉन सीरियस मरीजों के इलाज के लिए 16 बिंदुओं को बनाया गया है। उनमें से मरीजों के नाम, पता, उनकी तबीयत, डॉक्टर पहुंचे या नहीं। दवा मिली या नहीं, पल्स ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन का लेवल जांच हुआ या नहीं। घर सेनेटाइजर हुआ या नहीं आदि तमाम बिंदुओं पर इंटीग्रेटेड टीम डेली पूछताछ करती है। लेकिन इनके इन कार्य में कितनी सच्चाई है। इसको लेकर जब गोरखपुर नोडल अधिकारी व चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास तथा आबकारी विभाग के अपर मुख्य सचिव ने जब अचानक से सरप्राइज कोरोना मरीजों के नंबर पर कॉल करना शुरू किया तो सभी टीम मेंबर्स के हाथ पांव फूलने लगे। लेकिन जब पहले ही कॉलर ने यह जवाब दिया कि सर इलाज के लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम से इतना कॉल आ जाता है कि घर के परिजन ही परेशान हो जाते हैं। लेकिन जब दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर ने भी इन तमाम दावें और हकीकत को परखने के लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम पहुंचा तो वहां का कंट्रोल रूम में लगे प्रत्येक सदस्य मरीजों के हाल चाल समेत उनकी समस्याओं को निस्तारित करते हुए नजर आए।

खूब आई कंप्लेन

रिपोर्टर जैसे ही कंट्रोल रूम के ईडीएम नीरज श्रीवास्तव व उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सुनीता पटेल अपने ऑफिस में बैठी मिली। इन दोनों की देखरेख में कंट्रोल रूम के सभी डेस्क मेंबर्स कोरोना मरीजों से बात करते हुए व कांटैक्ट ट्रेसिंग वाले लोगों से बातचीत करते हुए समस्या के समाधान के लिए इनके पास आते हुए दिखाई दिए। अभी रिपोर्टर इन दोनों अधिकारियों से बात कर ही रहा था कि बैंक रोड स्थित तिलक पैथोलाजी की शिकायत आई। शिकायत कर्ता मुकुंद मिश्रा ने कंट्रोल रूम तैनात प्रवीण पांडेय से शिकायत दर्ज कराई कि तिलक पैथोलॉजी में भाई का कोरोना टेस्ट कराया। लेकिन पॉजिटिव आने पर फिर से दो हजार रुपए मांग रहे हैं। जबकि पहले ही दो हजार रुपए जमा करवा चुके हैं। फिर क्या था। प्रवीण ने इस मामले को ईडीएम नीरज श्रीवास्तव व उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सुनीता पटेल के पास लाए। इन दोनों अधिकारियों ने तुरंत सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी को इस मामले को अवगत कराते हुए तिलक पैथोलॉजी के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा।

50 साल से अधिक वालों करते हैं कॉल

उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सुनीता पटेल बताती हैं कि नोडल अधिकारी के साथ आए जल निगम के संयुक्त प्रबंध निदेशक संजय कुमार खत्री ने हेल्थ काउंटर पर तैनात टीम मेंबर्स से बात कर मरीजों को एडमिट कराने के प्रॉसेज को जाना। उसके एकाडिंग उसे इलाज के लिए एडमिट कराया। सुनीता ने बताया कि टीम जिम्मेदारी होती है कि वे मरीजों को प्रॉपर इलाज के लिए बेहतर हॉस्पिटल में भेजवाए। वे बताती हैं कि 50 साल से अधिक के मरीजों को पर ज्यादा फोकस किया जाता है। उन्हें कॉल किया जाता है।

इन नंबर्स पर आ रहे कोरोना मरीजों के कॉल्स

0551-2204196, 2202205

9532041882, 9532797104

नोट - 24 घंटे काम कर रहा है यह नंबर। कुल 27 नंबर है कांटैक्ट ट्रेसिंग के लिए

टोटल आईसोलेशन में अब तक स्वस्थ हुए मरीजों की संख्या - 12044

होम आईसोलेट एक्टिव मरीजों की संख्या - 1089

होम आईसोलेशन में स्वस्थ हुए मरीजों की संख्या - 10,995

ये भी रहे शामिल

केजीएमयू लखनऊ से आए एडिशनल प्रोफेसर - डॉ। नरेंद्र कुशवाहा

गोरखपुर मंडल के अपर निदेशक, हेल्थ डॉ। जेएम त्रिपाठी

सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी

Posted By: Inextlive