-हर साल शहर में चलने वाली कामर्शियल वाहनों को नगर निगम में कराना होता है रजिस्ट्रेशन

-नगर निगम अधिकारियों की लापरवाही से हर साल होता है लाखों का नुकसान

GORAKHPUR: पूरे शहर की जिम्मेदारी निभाने वाला नगर निगम सिटी में दौड़ने वाली गाडि़यों का लाइसेंस बनाने में फिसड्डी है। शहर में चलने वाले ऑटो, ई रिक्शा, मैजिक, लोडर और अन्य कामर्शियल वाहनों को शहर में चलने की परमिशन हासिल करने के लिए नगर निगम से लाइसेंस लेना होता है। एक साल के लिए मान्य लाइसेंस को हर साल जनवरी में रिन्युअल भी होता है। लेकिन नगर निगम के अफसरों की लापरवाही से निगम के लाइसेंस विभाग में अब तक केवल 3 गाडि़यों के रजिस्ट्रेशन हुए हैं, जबकि शहर में पांच हजार से अधिक वाहन फर्राटा भर रही हैं। इससे विभाग को करीब 20 लाख रुपए का नुकसान भी हुआ है।

हर साल विभाग उठाता है घाटा

शहर में कार्मिशयल गाडि़यां दौड़ाने से पहले नगर निगम में फीस जमा कर लाइसेंस बनवाना होता है। सिटी में हर साल तेजी से गाडि़यां भी बढ़ रही हैं, लेकिन निगम की लाइसेंस विभाग की टीम जो सड़क पर जाकर गाडि़यों को चेक कर उनसे लाइसेंस फीस वसूलती थी, उस टीम में भी इस समय कम ही मेम्बर बचे है। कर्मचारियों का कहना है कि बिना फोर्स के गाड़ी रुकवाने में डर लगता है। जबतक कड़ाई ना करो तब तक कोई अपने मन से फीस जमा करने भी नहीं आता है। इसकी देन है इस समय केवल तीन गाडि़यां ही रजिस्टर्ड हुई हैं।

डेली आता था 5-10 हजार

2019 में आरटीओ में 174 वाहन रजिस्टर्ड थे। उस दौरान डेली टीम शहर में घूमकर गाडि़यों को चेककर उनसे लाइसेंस फीस वसूलती थी। इस तरह डेली नगर निगम की झोली में 5 से 10 हजार रुपए तक आता था। इस समय टीम में मेम्बर कम होने की वजह से निगम इसको लेकर कोई काम नहीं कर पाया। इस वजह से आमदनी घटकर जीरो हो गई है।

आरटीओ में रजिस्टर्ड हैं गाडि़यां

इसमे गौर करने वाली बात ये है कि आरटीओ के रिकॉर्ड में लगभग 2250 ऑटो, 1500 से अधिक ई रिक्शा और करीब 500 लोडर, पिकअप रजिस्टर्ड हैं। ये रिकॉर्ड नगर निगम को आइना दिखाने के लिए काफी हैं।

ये है लाइसेंस फीस

4 सीटर- 600

7 सीटर-800

2 सीटर-400

ई रिक्शा-600

कामर्शियल लोडर और पिकअप-1000

इन वाहनों का बनता है लाइसेंस

ऑटो, ई रिक्शा, लोडर, पिकअप, रिक्शा, ठेला।

नगर निगम की आय बढ़ाने के लिए हर तरह का प्रयास हो रहा है। लाइसेंस की दिशा में भी काम होगा। टीम इस समय और काम में लगी है, इसलिए इस तरफ पूरा ध्यान नहीं दे पा रही है।

संजय शुक्ला, संयुक्त नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive