गोरखपुर यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन और प्री-पीएचडी स्टूडेंट्स के बीच सीबीसीएस पैटर्न को लेकर गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा. धरने पर बैठे स्टूडेंट्स की मांग पर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 2019-20 के प्री-पीएचडी स्टूडेंट्स के लिए प्रमोट और एग्जाम दोनों में से कोई एक विकल्प चुनने का मौका दिया था.


गोरखपुर (ब्यूरो)। डीडीयूजीयू एडमिनिस्ट्रेशन के दावे के अनुसार निर्धारित डेट समाप्त होने तक 974 स्टूडेंट्स में से 435 ने एग्जाम देने के विकल्प को चुना। जबकि 20 स्टूडेंट ने प्रमोट होने के विकल्प को प्राथमिकता दी। वहीं, धरने पर बैठे स्टूडेंट्स ने गूगल शीट पर सर्वे किया तो 100 परसेंट स्टूडेंट्स ने पुराने पैटर्न पर एग्जाम कराने की मांग की है। इधर, यूनिवर्सिटी की ओर से एग्जाम की डेट जारी कर दी गई है। धरने पर बैठे स्टूडेंट्स ने यूनिवर्सिटी की ओर दी गई जानकारी को भ्रामक बताया है।


सीबीसीएस पैटर्न को लेकर प्री-पीएचडी स्टूडेंट पुराने पैटर्न पर एग्जाम कराने या प्रमोट करने की मांग पर अड़े हैं। इस बीच यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से सीबीसीएस पैटर्न पर एग्जाम कराने और प्रमोट करने को लेकर विकल्प फार्म भरवाया गया था। जिसकी लास्ट डेट 22 दिसंबर थी। यूनिवर्सिटी एडमिनिस्टे्रशन ने उसी आंकड़े के मुताबिक गुरुवार को दावा किया कि विकल्प फार्म के जरिए 455 में से 95 प्रतिशत स्टूडेंट्स ने एग्जाम देने की बात कही। वहीं धरने पर बैठे स्टूडेंट््स ने गूगल फॉर्म के जरिए सर्वे किया। इसकी कॉपी आईनेक्स्ट को मिली जिसमें दो विकल्प हंै, पहला, अपने अध्यादेश 2018 के अनुसार (जो विभाग में पढ़ाया जा चुका है) तथा दुसरा- वीसी की ओर से जारी नए सिलेबस के अनुसार विकल्प रखा गया है। इस सर्वे में 100 प्रतिशत स्टूडेंट्स ने पहले विकल्प को चुना है, सर्वे में गुरुवार रात दस बजे तक 600 स्टूडेंट्स ने विकल्प वन को चुना था। इस तरह स्टूडेंट्स के सर्वे में 600 स्टूडेंट पुराने पैटर्न पर एग्जाम देना चाहते हैं। रिसर्च मैथोडोलॉजी का एग्जाम 7 कोयूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने विरोध के बीच एग्जाम की डेट जारी कर दी है। डेट जारी होने के बाद स्टूडेंट्स में आक्रोश है। रिसर्च मैथोडोलॉजी का एग्जाम सात जनवरी और कंप्यूटर एप्लीकेशन का एग्जाम नौ जनवरी को होगा। यह एग्जाम 55 प्रतिशत आंतरिक मूल्यांकन और 45 प्रतिशत बाहरी मूल्यांकन के आधार पर होगा। कथन फर्जी सिलेबस पर अगर एग्जाम होगा तो हम उसका बहिष्कार करेंगे। हमें हमारे पढ़ाये हुये सिलेबस पर एग्जाम देना है।दीप्ती अनुराग, स्कॉलर जो सिलेबस यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर मौजूद है। वह फर्जी है उसके आधार पर एग्जाम हम नहीं देंगे। ऐसे सिलेबस को साइट से हटाकर हमारे सिलेबस को अपलोड किया जाए। जितेन्द्र प्रजापति, स्कॉलर हम अपने आर्डिनेंस 2018 के अनुसार एग्जाम देंगे। जो डिपार्टमेंट में पढ़ाया गया है। हम पढ़ाये सिलेबस पर ही एग्जाम देंगे। पप्पू गुप्ता, स्कॉलर

हम लोगों ने कभी एग्जाम से भागने की कोशिश नहीं की, लेकिन वीसी के प्रताडऩा से प्रमोशन की मांग की थी। इसमें अड़चन आई तो हम लोगों ने गूगल शीट पर सर्वे किया, जिससे पता चला कि 100 प्रतिशत लोग पढ़े हए सिलेबस पर एग्जाम देना चाहते हैं। कमलकांत राव, स्कॉलरअगर वीसी महोदय का रवैया नहीं बदला तो हम आमरण अनशन के लिए बाध्य होंगे। एग्जाम पुराने पैटर्न पर होना चाहिए।अमन यादव, छात्रसंघ अध्यक्षवर्जन अब तक 455 स्टूडेंट्स ने इस फार्म को भरा है, जिसमें 20 स्टूडेंट्स ने प्रमोट होने की बात कही है। शेष ने एग्जाम देने की विकल्प को चुना है। अभी भी बहुत सारे बच्चे फार्म भरने के लिए हमारे पास आ रहे हैं, लेकिन इसके लिए उनको अपने एचओडी और डीन से साइट फार्म भरने के लिए लिखवाकर लाना होगा, उसके बाद साइट दोबारा खोली जाएगी। अजय सिंह, डीएसडब्ल्यू

Posted By: Inextlive