- गोरखपुर से सात देशों के युवा ऑनलाइन रामलीला की ले रहे ट्रेनिंग

- सूरीनाम, त्रिनिडाड, वेनेजुएला, श्रीलंका, मॉरीशस, गुआना और इजरायल से जुड़े 300 लोग

- विदेश में रामलीला पहुंचाने के लिए शुरू हुआ रामलीला मास्टर आर्टिस्ट सर्टिफिकेट कोर्स

GORAKHPUR: रामायण भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर है। राम-सीता के जीवन और रावण की बुद्धिमानी को वो भी समझना और जानना चाहते हैं। तभी तो सूरीनाम, त्रिनिडाड, वेनेजुएला, श्रीलंका, मॉरीशस, इजरायल, गुआना जैसे देशों में रहने वाले विदेशी और भारतीय राम, सीता, हनुमान, लक्ष्मण का पात्र ऑनलाइन जी रहे हैं। वेनेजुएला की एमियट की हिन्दी अच्छी है और जब मां सीता का डायलॉग 'वैभव शक्ति और सम्पत्ति के मोह में आकर जो स्त्री अपना पतिव्रत धर्म भूल जाए, इससे बड़ा अधर्म कोई नहीं हो सकता' बोलती हैं तो भारतीय नारी के आदर्श को देखकर सिर गर्व से ऊंचा हो जाता है। वहीं वेनेजुएला में रह रहे रजिन जब पुरुषोत्तम राम के डायलॉग 'मां मेरी जननी, माता होकर माता की आज्ञा की अवहेलना करने का आदेश दे रही हो' बोलते हैं, एक दो बार अटकते हैं, लेकिन ऑनलाइन मौजूद ट्रेनर रजिन को सपोर्ट करते हैं और आखिरकार रजिन सफलतापूर्वक डायलॉग बोलने लगते हैं। ये सीन सात देशों में एक साथ दिखते हैं लेकिन इनका संचालन गोरखपुर के समर्पित रंगकर्मी कर रहे हैं।

300 विदेशियों ने कराया रजिस्ट्रेशन

अयोध्या शोध संस्थान की ओर से विदेशों में रामलीला का प्रसार करने के लिए ऑनलाइन रामलीला मास्टर आर्टिस्ट ट्रेनिंग सर्टिफिकेट कोर्स कराया जा रहा है। जिसमें 300 विदेशी नागरिकों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इसके संचालन की पूरी जिम्मेदारी गोरखपुर के कलाकारों को मिली है जिसका नेतृत्व सीनियर रगकर्मी मानवेन्द्र त्रिपाठी कर रहे हैं।

अंग्रेजी में डायलॉग बोलकर देते हैं ट्रेनिंग

विदेशी नागरिकों के लिए रामलीला की ऑनलाइन ट्रेनिंग आसान नहीं है। मानवेन्द्र त्रिपाठी बताते हैं कि कई बार भाषा की मुश्किल आती है। इसलिए साथ में हम अनुवादक रखते हैं। जिसमें पहले एक लाइन हिन्दी फिर वही लाइन पूरे भावों के साथ अंग्रेजी में बोली जाती है। हिन्दी में मानवेन्द्र त्रिपाठी खुद ट्रेनिंग देते हैं। अनुवादक की जिम्मेदारी योगीराज निभा रहे हैं। मानवेन्द्र ने बताया कि क्लास से पहले ही सभी तैयार रहते हैं। इसमें डायलॉग अदायगी, एक्टिंग, मेकअप एवं रामायण ड्रेस डिजाइनिंग सिखायी जा रही है।

9 घंटे मेहनत करते हैं रंगकर्मी

रामलीला ऑनलाइन ट्रेनिंग का निर्देशन कर रहे मानवेन्द्र ने बताया कि शाम 7.30 से रात 10.30 बजे तक ऑनलाइन ट्रेनिंग चलती है। इसके लिए हमारे रंगकर्मियों को 9 घंटे मेहनत करनी होती है। 3 घंटे की ट्रेनिंग और 6 घंटे उसकी तैयारी। मानवेन्द्र ने बताया कि ये संभवत: देश की पहली ऑनलाइन ट्रेनिंग है, जिसमें हम जो दृश्य ऑनलाइन सिखाना चाहते हैं। पहले उसका मंचन करते हैं फिर उसे रिकॉर्ड करते हैं। इसके बाद ऑनलाइन शेयर करते हैं।

12 जुलाई तक चलेगी ट्रेनिंग

ट्रेनिंग 12 जुलाई तक चलेगी। इसके लिए 25 अलग-अलग विधाओं के 25 कलाकारों की टीम बनायी गई है। गोरखपुर में लंबे समय के लिए जगह नहीं मिल रही थी। इसलिए सलेमपुर में एक हॉल लेकर हम रामलीला ऑनलाइन प्रशिक्षण विदेशी नागरिकों को करा रहे हैं।

देश और प्रतिभागी की संख्या

गुआना- 86

मॉरीशस- 70

सूरीनाम-45

त्रिनिडाड- 42

वेनेजुएला- 25

इजरायल 18

श्रीलंका-14

कार्यशाला संचालन करने वाली टीम

नेतृत्व- मानवेन्द्र त्रिपाठी

अनुवादक- योगी राज, ऑन्ड्रिला घोषाल

समन्वयक- वाई शंकर मूर्ति

गायक- रामदरस शर्मा

मेकअप- राधेश्याम

कलाकार- नवनीत कुमार, आकांक्षा, अरुण सिंह, शिव कुमार, मनीष श्रीवास्तव, रिनी सिंह

Posted By: Inextlive