-स्टूडेंट ने ऑनलाइन चुना अपना नेता

-सत्यप्रकाश अध्यक्ष, शशिकला उपाध्यक्ष व अभयराज मंत्री बने

कोरोना काल में जब कि सारे स्कूल कॉलेज बंद हैं। ऐसे में सीएम योगी आदित्य नाथ के संरक्षण में चलने वाला महाराणा प्रताप पीजी कॉलेज जंगल धूसड़ ने शुक्रवार को ऑनलाइन छात्रसंघ चुनाव कराकर मिसाल कायम की है। यह कॉलेज यूपी का पहला और देश का दूसरा ऐसा महाविद्यालय है। जहां नामांकन से लेकर मतदान तक इलेक्शन का पूरा प्रॉसेस ऑनलाइन हुआ। इससे पहले 2020 में ही दिल्ली यूनिवर्सिटी के मै़त्रेयी कॉलेज ने छात्रसंघ चुनाव ऑनलाइन कराया है। शुक्रवार को इलेक्शन में सत्यप्रकाश को अध्यक्ष, शशिकला को उपाध्यक्ष और अभयराज को मंत्री पद के लिए चुना गया। जबकि राकेश गुप्ता पुस्तकालय मंत्री चुने गए। चुनाव में पंजीकृत कुल 1268 विद्यार्थियों में से 693 (55 फीसद) ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

अध्यक्ष पद पर 3 ने ठोकी थी दावेदारी

तय शिड्यूल के अनुसार चुनाव प्रक्रिया सुबह आठ बजे शुरू हुई। शुरू में मतदान की गति धीमी रही। बाद में निर्धारित समय 11 बजे तक 55 फीसद स्टूडेंट अपने मताधिकार का प्रयोग कर इस ऐतिहासिक चुनाव के गवाह बने। चुनाव अधिकारी डॉ। विजय कुमार चौधरी के अनुसार अध्यक्ष पद के लिए तीन प्रत्याशी मैदान में थे। जिनमें से सर्वाधिक 398 मत पाकर सत्य प्रकाश तिवारी विजयी रहे। इन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी अरुण शर्मा को 248 मतों से हराया। अरुण को 150 मत मिले। तीसरे स्थान पर रहे राम सकल प्रसाद को 145 मतों से संतोष करना पड़ा। इसी प्रकार उपाध्यक्ष पद के लिए दो प्रत्याशियों में से शशिकला गौड़ 389 मत पाकर निर्वाचित घोषित की गई। इन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी राकेश कुमार को 85 मतों से हराया। राकेश को 304 मत मिले।

महामंत्री में हुआ कड़ा मुकाबला

महामंत्री पद के लिए तीन प्रत्याशी मैदान में थे। इस पद के लिए कड़े मुकाबले में अभय राज वर्मा 278 मत पाकर विजयी घोषित किए गए। इन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सुमित सिंह को 30 मतों से पराजित किया। 167 मत पाकर अनुराग सिंह तीसरे स्थान पर रहे। चौथे पद पुस्तकालय मंत्री पर सर्वाधिक 452 मत पाकर राकेश गुप्ता विजयी रहे। इन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी संदेश सिंह को 211 मतों से हराया। संदेश को कुल 241 मत मिले।

ऐसे हुई चुनाव की प्रक्रिया

मतदान के लिए महाविद्यालय के ईमेल से पंजीकृत मतदाताओं के ईमेल पर सुबह आठ बजे लिंक भेजा गया। इसके बाद अगले तीन घंटे तक यानी सुबह 11 बजे तक 55 फीसद स्टूडेंट ने अपने पसंद के प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान किया। इस दौरान 12 फीसद स्टूडेंट ने तकनीकी कारणों से मतदान न कर पाने को लेकर कालेज प्रशासन के पास आपत्ति दर्ज कराई। जिसके आधार पर उन्हें 12 से 2 बजे के बीच दोबारा ऑफलाइन मतदान का मौका दिया गया। लेकिन निर्धारित समय के भीतर कोई भी स्टूडेंट मतदान करने के लिए उपस्थित नहीं हुआ।

चार पदों के लिए दस प्रत्याशी थे मैदान में

छात्रसंघ चुनाव के चार पदों के लिए ऑनलाइन मतदान में कुल दस प्रत्याशी मैदान में थे। अध्यक्ष व मंत्री पद के लिए तीन-तीन, उपाध्यक्ष व पुस्तकालय मंत्री पद के लिए दो-दो प्रत्याशियों ने नामांकन कराया था।

Posted By: Inextlive